हमारे देश के नेताओ को अक्सर टीवी पर आने का बड़ा शौक है और उसमे भी यदि उनका प्रिय चैनल वाला उनका इंटरव्यू ले और उनके मन मुताबिक प्रश्न पूछे तो उनको ज्यादा मजा आता है ।
क्योंकि इससे वो अपनी झूठी बातें और अपना झूठा प्रचार करने में सफल हो जाते है और सबसे ज्यादा यह फायदा होता है की उनसे कोई उनकी मर्जी के बिना अनुचित प्रश्न नहीं पूछता जिससे उन्हें असहजता हो ।
ऐसे पत्रकारों को दरबारी पत्रकार कहा जाता है जिनका काम ही यही होता है ,लेकिन अगर नेताओ के मुताबिक प्रश्न नहीं पूछा जाता तो नेता बुरा मान जाते है और कई बार तो इंटरव्यू को बीच में खत्म करके भाग जाते है |
ऐसा ही एक वाक्या कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी के साथ हुआ, हुआ यूँ कि ममता बनर्जी विधानसभा चुनावो में जीत के बाद अपने एक प्रिय चैनल को लाइव इंटरव्यू दे रही थी और इसी दौरान पत्रकार ने ममता बनर्जी से उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बारे में सवाल पूछ लिया और फिर क्या ममता बनर्जी तो एक दम से तुनक गई और लाइव इंटरव्यू के दौरान ही कैमरा बंद कर दिया ।
अब आप पूछेंगे की ऐसा क्या प्रश्न पूछ लिया था पत्रकार ने जिससे ममता बनर्जी इतनी नाराज हो गई । पत्रकार ने अभिषेक बनर्जी की काबिलियत पर प्रश्न पूछ लिया था उनका प्रश्न था कि अभिषेक बनर्जी केवल 33 साल के है और उन्होंने अभी तक खुद को साबित नहीं किया है एक युवा नेता के तौर पर ।
बस इतनी सी बात पर ममता बनर्जी के चेहरे का भाव बदल गया और वो बहुत असहज हो गई उनकी हालत तो ऐसी हो गई थी जैसे किसी परीक्षा में गए हुए छात्र की होती है जिससे एक दम कठिन प्रश्न पूछ लिया जाए और उसके बाद ममता बनर्जी ने कैमरा बंद कर दिया जिसके कारण पत्रकार दूसरे प्रश्न भी पूछ नहीं पाई ।
अब भला पत्रकार ने कोई सवाल तो पूछा नहीं था केवल उनके भतीजे की काबिलियत के बारे में पूछा और बात भी सही है ,अभिषेक बनर्जी की पहचान केवल ममता बनर्जी के भतीजे के तौर पर है उन्होंने आज तक ऐसा कोई खास योगदान दिया नहीं जिससे उनकी कोई छवि उभरी हो एक युवा नेता की केवल उनका नाम आया था कोयला घोटाले में जिसमे सीबीआई और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने उनसे पूछताछ की थी ।
ममता बनर्जी चाहती तो इसका उत्तर सरल तरीके से दे सकती थी लेकिन जिस तरह से उन्होंने बर्ताव किया उससे उनका असली रंग सामने आ गया और वो था एक घमंडी, अहंकारी, तानाशाह किस्म की मानसिकता वाला ।
अक्सर हम लोगो ने पढ़ा था की जो तानाशाह लोग होते थे वो कुछ भी उनके खिलाफ बोला जाए उसे नहीं सुन सकते थे और यही प्रवृत्ति ममता बनर्जी ने भी दिखाई अब आप सब समझ ही गए होंगे की जब राजा इतना अहंकारी है तो उसके अनुयायी कैसे होंगे जिस तरह से आज बंगाल हिंसा की आग में झुलस रहा है उसके लिए ममता बनर्जी का तानाशाह रवैया जिम्मेदार है ।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है की किसी भी मीडिया ने इस खबर को नहीं बताया।
अगर ऐसा प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा या उनके किसी मंत्री द्वारा किया होता तो अब तक तो चैनल वाले रात दिन यही खबर चलाकर यही बताते की मीडिया के सवालो से कैसे भागे मोदी जी ।
लेकिन यहां तो दृश्य ही कुछ और है ममता बनर्जी गुस्से में आकर कैमरा बंद कर देती है और कोई उनके ऊपर प्रश्न नहीं उठाता , वो पत्रकार भी जो प्रश्न पूछ रही थी उन्होंने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की केवल भीगी बिल्ली की तरह उनकी बोलती बंद हो गई और तकनीकी गड़बड़ी का बहाना बना कर बात पलट दी ।