एक तरह जहां भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के लिए जोर शोर से तैयारियां चल रही है, कई लोग खुल कर दान दे रहे है इस पवित्र काम के लिए वहीँ कुछ ऐसे लोग भी है जो इसमें भी अपनी गंदी राजनीती कर रहे है |
इसी में एक विवादित बयान दिया गया है कांग्रेस के नेता कांतिलाल भूरिया द्वारा जिन्होंने मर्यादा की सारी हदें पार कर दी |
कांतिलाल भूरिया ने कहा की कुछ बीजेपी नेता अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए लोगों से चंदा एकत्र कर रहे हैं और उसका इस्तेमाल शराब पीने में कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही बीजेपी से सवाल किया कि इतने साल में राम मंदिर बनाने के नाम पर जो चंदा लिया वो कहां गया।
कांग्रेस विधायक ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मैं बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछता हूं कि राम मंदिर के निर्माण के नाम पर इतने सालों तक आपने जो चंदा लिया है वो कहां है?
उसे राम मंदिर ट्रस्ट में क्यों नहीं जमा करवाते? बीजेपी के कुछ नेता दिन में लोगों से राम मंदिर के नाम पर चंदा ले रहे हैं और रात में उसी पैसे से शराब पी रहे हैं।
कांतिलाल भूरिया के बयान पर टिप्पणी करते हुए रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांतिलाल भूरिया राम भक्तों को बदनाम ना करें और चैन से राम मंदिर का निर्माण करने दें।
बीजेपी नेता ने कहा कि चंदे का पूरा हिसाब ट्रस्ट द्वारा रखा जा रहा है। कांग्रेस के ही दिग्विजय सिंह ने भी चंदा दिया है, तो कांतिलाल भूरिया उसपर क्या कहेंगे।
अब आपको बताते इस घटिया बयान के पीछे की मानसिकता दरअसल कांग्रेस के ये नेता खुद को दलितों का हितेषी बताते है और अब इनकी मध्य प्रदेश में कोई पूछता नहीं है |
एक तरह जहां कमलनाथ, दिग्विजय सिंह अपने बेटो को राजनीती में उतार चुके है और खुद इन दोनों की पकड़ भी बहुत मजबूत है दिल्ली कांग्रेस कमिटी में तो इन भूरिया ने भी सोचा कि वो भी कुछ ऐसा बयान दे दे जिससे उनकी पार्टी में पहुंच बढ़ जाए और दिल्ली से उनके लिए भी कोई बढ़िया पद मिल जाए जिससे उनकी प्रदेश में इज्जत बढ़ जाए |
अब कांतिलाल भूरिया ने ऐसा क्यों कहा क्योंकि वो खुद भी दलितों के नाम पर राजनीती में आए थे और हर बार चुनावों में खुद को दलित प्रेमी, दलितों का मसीहा बताते रहे है और उन्होंने कितने दलितों का भला किया?
खुद उन जैसे नेताओ ने दलितों के नाम पर करोडो की संपत्ति बना ली और अपना जीवन सुरक्षित कर लिया कांतिलाल भूरिया जैसे नेताओ को केवल अपने वोट बैंक की फिक्र है उन्हें कोई मतलब नहीं है भगवान श्री राम के मंदिर से, क्योंकि मंदिर बन जाने के बाद उनकी राजनितिक पकड़ ढीली होने वाली है |
जो नफरत की राजनीती वो करते आए थे वो लगभग बंद हो जाएगी इसलिए उन्होंने ऐसा घटिया बयान दिया |
लेकिन उनके इस बयान से हिन्दू विरोधी ताकतों को बल मिलेगा और वो ऐसे बयानों को बढ़ा चढ़कर प्रस्तुत करेंगी और विशेष रूप से सेक्युलर मानसिकता के लोगो को जिनको केवल अपना स्वार्थ दिखता है, उन सेक्युलर लोगो को जिनकी न तो हिन्दू धर्म में आस्था है और न जिनको भारत देश की प्रगति से कोई सरोकार है |