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मराठा और मराठी भाषा “अस्मिता” के नाम पर मूर्ख बनती सामान्य महाराष्ट्र की जनता.

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महाराष्ट्र की एक बहुत बड़ी समस्या है अस्मिता वाली राजनीति.
मराठी भाषा अस्मिता या किसान अस्मिता या मराठा अस्मिता, अपनी भाषा, जाति या क्षेत्र पर गर्व होना कोई गलत बात नहीं है. लेकिन कभी-कभी जनता इस अस्मिता के नाम पर होने वाली राजनीति को समझ नहीं पाती.
महाराष्ट्र में शरद पवार ने मराठा अस्मिता और किसान अस्मिता के नाम पर जनता को बहुत अच्छे से गुमराह किया. विकास के नाम पर उनके पास दिखाने के लिए सिर्फ बारामती मॉडल लॉलीपॉप है.
मराठा अस्मिता के नाम पर महाराष्ट्र के एक बहुत बड़े भाग में शरद पवार जैसे नेताओं को भगवान की तरह पूजा जाता है. वैसे तो यह लोग दूसरों को अंधभक्त कहते हैं परंतु शरद पवार जैसे भ्रष्टाचारी नेताओं की भक्ति स्वयं करते हैं, बात केवल भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं होती परंतु उनके ऊपर दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादी के साथ सांठगांठ के भी आरोप लगते आए हैं. परंतु मूर्ख लोग और नेता उन्हें आज भी महाराष्ट्र का बहुत बड़ा कद्दावर नेता और भगवान मान रहे हैं.

दूसरी तरफ शिवसेना है जिसने मराठी भाषा अस्मिता के नाम पर अपनी पार्टी की शुरुआत की और उसके बाद हिंदुत्व की ढाल थाम ली.
यह बात अलग है कि बाल ठाकरे ने अपने जीते जी पार्टी को हिंदुत्व के दिशा पर अग्रसर रखा और बांधे रखा. परंतु इस समय उनके सुपुत्र और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने पिता के बताए हुए राह के बिल्कुल विपरीत चल रहे हैं. वैसे भी शिवसेना मुंबई की गलियों में हफ्ता वसूली के लिए पहले से जानी जाती थी और आज के समय में यह बात आम जनमानस भी करने लगा है. अगर आप एक सामान्य मराठी मानुष से बात करेंगे तो वह आपको यह बात बताएगा कि मराठी भाषा अस्मिता के नाम पर शिवसेना ने केवल मराठी मानुष को थका है और उसके हाथ में एक लॉलीपॉप थमा दिया है.असल में जिस प्रदेश में इस प्रकार की राजनीति चलती है वहां विकास और अन्य मुद्दे बहुत पीछे चले जाते हैं और जनता ऐसे नेताओं के चंगुल में फंसकर मुख्य मुद्दों से दूर हट जाती है.
ठीक है यही हाल बंगाल में भी है जहां पर बंगाली भाषा अस्मिता के नाम पर वामपंथ ने कई साल राज किया और फिर उसके बाद ममता बनर्जी ने भी वही चाल चली.
मूर्ख हिंदुओं को एक बात नहीं समझ में आती कि अगर कोई अस्मिता पालनी है तो हिंदू अस्मिता और राष्ट्र गौरव की बात कि जाए।
हिंदुत्व और विकास यही एक ऐसा गठबंधन है जिससे आम जनता का भला हुआ है फिर चाहे आप मोदी जी का गुजरात मॉडल देख लीजिए या योगी जी का उत्तर प्रदेश मॉडल.

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