डासना के देवी मंदिर के प्रमुख यति नरसिंहानंद सरस्वती जी के कथित आपत्तिजनक वक्तव्य के खिलाफ लगता है पूरी कौम ही बैचैन हो कर सड़को पर उतर आयी है। बताया जा रहा है कि यति नरसिंहानंद सरस्वती ने पैगंबर-ए-इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्प्णी की थी, और उसके बाद से ही मुस्लिम समाज में गुस्सा है।
मुस्लिमो ने AIMIM के तत्वावधान में चमनगंज स्थित हलीम कॉलेज चौराहे पर बीते रविवार को विरोध-प्रदर्शन किया था। जिसमें यति नरसिंहानंद सरस्वती के पोस्टरों को सड़क पर चिपका कर और पोस्टरों के ऊपर चहल-कदमी कर अपना विरोध दर्ज किया था।
मुस्लिमो और AIMIM के सदस्यों ने यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को फांसी और सिर कलम करने के कई पोस्टर शहर में लगाए। पूरे शहर में नारे लगाए गए कि “गुस्ताख़-ऐ-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा ।
यही नहीं AIMIM के कारकार्ताओ ने यति नरसिंहानंद सरस्वती जी का कटा हुआ सर पोस्टर में बना कर पूरे शहर में चस्पा भी कर दिए । AIMIM के गुर्गो ने दिखा दिया है कि उनकी मानसिकता कितनी ओछी है , और वे भारत में भी अरब के अमानवीय शरीयत वाले कानून का राज चाहते हैं ।
इस उन्मादी भीड़ ने नफरत फैलाने के चक्कर में कोरोना के सभी नियमो की भी धज्जियां उड़ा दी। जहां एक और पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलो से सनसनी फ़ैल गयी है, वहीं AIMIM के सदस्यों ने बिना मास्क के और अन्य सभी नियमो कि अवहेलना करते हुए जबरदस्त भीड़ इकट्ठी की, जिससे कोरोना के कई मामले सामने आ सकते हैं ।
ऐसा लग रहा है, की AIMIM पिछले साल की मरकज वाली घटना को दोहराना चाहती है , और पूरे प्रदेश में कोरोना का विस्फोट करना चाहती है। ऐसे में ये सवाल पूछना ज़रूरी है, कि क्या गुस्ताख़-ऐ-नबी कि सज़ा के तौर पर प्रदेश में कोरोना विस्फोट कि तैयारी कर रहे हैं ओवैसी और उनकी पार्टी?