मध्यप्रदेश गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र
धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक २०२० तमम् स्वीकृतुम् मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल: स्वीकृतिम् दत्त: ! राज्यस्य गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र: अकथयत् तत २६ दिसंबर इतम् एकम् विशेषं कैबिनेट इति सभायां विधेयकम् स्वीकृतिम् दाष्यते पुनः च् विधानसभायाम् प्रस्तुत करिष्यते !
धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 को मंजूरी के लिए मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है ! राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि 26 दिसंबर को एक विशेष कैबिनेट बैठक में विधेयक को मंजूरी दी जाएगी और फिर विधानसभा में पेश किया जाएगा !
इत्यात् पूर्व सः सूचित: स्म तत प्रस्तवित धर्म स्वातंत्र्य विधेयकम् २०२० तमे राज्य सरकारः धार्मिक रूपांतरणाय कश्चितं पाणिग्रहणकृतं, भर्तस्कम् बलात च् पाणिग्रहण कृताय १ तः ५ वर्षस्य कारागारस्य दण्डस्य प्रस्तावम् दत्तवान !
इससे पहले उन्होंने सूचित किया था कि प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 में राज्य सरकार ने धार्मिक रूपांतरण के लिए किसी को शादी करने,धमकाने और जबरन शादी करने के लिए 1 से 5 साल की जेल की सजा का प्रस्ताव दिया है !
मध्यप्रदेशस्य गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र:अकथयत् तत नव एमपी फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल इति २०२० तमस्य अनुरूपम्,एकमाव्यस्यक,महिला अनुसूचित जाति वा अनुसूचित जनजातियाः वा जनस्य बलात धर्म परिवर्तनं,५०००० रूपकस्य न्यूनतम दण्डेन सह २-१० वर्षस्य न्यूनतम कारागारावधियाः प्रावधानं भविष्यति !
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि नए एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 के तहत, एक नाबालिग,महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन,50,000 रुपये के न्यूनतम दंड के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल अवधि का प्रावधान होगा !
नव विधेयकस्यानुरूपम्,कश्चिते धार्मिक परिवर्तनाय विवशम् कृते १-५ वर्षस्य बन्धनम् न्यूनतम् २५००० रूपयकस्यार्थदंड भविष्यति !
नए विधेयक के तहत, किसी पर धार्मिक परिवर्तन के लिए मजबूर करने पर 1-5 साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपये का जुर्माना होगा !
इति विधेयकस्य प्रारूपे धार्मिक रूपांतरणाय कश्चितं पाणिग्रहणाय लोभम् दत्तम्,कश्चितं विभाय-भर्तस्काय १० वर्षस्य कारागारस्य दंडस्य प्रावधानमस्ति !
इस विधेयक के मसौदे में धार्मिक रूपांतरण के लिए किसी को शादी करने के लिए लालच देने, किसी को डराने-धमकाने के लिए 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है !
पुजारीभिः धार्मिक गुरुभिः वा प्रारूप विधेयके पंच वर्षस्य कारागारस्य दण्डस्य प्रावधानमस्ति, यत् पूर्ण रूपेण इदृष्मस्ति ! जनपदाधिकारीयाः आज्ञायाः विना पाणिग्रहणम् !
पुजारियों या धार्मिक गुरुओं के लिए मसौदा विधेयक में पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान है, जो पूरी तरह से ऐसे हैं ! जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना विवाह !
विधानसभायाः त्रय दिवसीय सत्र २८ दिसंबर तः प्रारम्भकरास्ति ! इति मासस्य आरम्भे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान: बलम् दत्तवान स्म तत कश्चितापि जनम् कश्चित अन्य जनम् पाणिग्रहण,क्रयस्य भर्तस्कस्य वा माध्यमेन परिवर्तनस्य आज्ञाम् मादाष्यते !
विधान सभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से शुरू होने वाला है ! इस महीने की शुरुआत में,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोर दिया था कि किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति को शादी,खरीद या धमकी के माध्यम से बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी !
सः अधिकारिभिः सह विधेयकस्य प्रस्तावस्य प्रारूपे चर्चाम् कृतः ! स्पष्टमस्ति विधेयकस्य लक्ष्यम् लवजिहाद इत्यांतिम निर्णयमस्ति !
उन्होंने अधिकारियों के साथ कानून के प्रस्ताव के प्रारूप पर चर्चा की ! जाहिर है बिल का लक्ष्य लवजिहाद में अंतिम निर्णय है !
लवजिहाद इति केचन हिंदू कार्यकर्ताभिः मुस्लिम पुरुषा: हिंदू महिलानां च् मध्य संबंधानि परिभाषित कर्तुम् प्रयुक्ता शब्दमस्ति,यत् मान्यते तत मुस्लिम पुरुष रूपांतरणाय अमुस्लिम समुदायै: संबंधित महिलाभिः पाणिग्रहणम् कुर्वन्ति !
लव जिहाद कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा मुस्लिम पुरुषों और हिंदू महिलाओं के बीच संबंधों को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है,जो मानते हैं कि मुस्लिम पुरुष रूपांतरण के लिए गैर-मुस्लिम समुदायों से संबंधित महिलाओं से शादी करते हैं !
अस्माकं सरकारः सर्वानामस्ति ! सर्वानां धर्माणां जातिनां च् ! कश्चित विभेदः नास्ति तु यदि कश्चितास्माकं पुत्रिभिः सह घृणित केचनापि कृतस्य प्रयत्नम् करोति,तर्हि अहम् भवन्तम् ट्रोटिष्यामि ! यदि कश्चित धर्मपरिवर्तनं करोति लवजिहाद इति यथा वा केचन करोति,तर्हि भवान् नष्टम् भविष्यते !
हमारी सरकार सभी की है ! सभी धर्मों और जातियों की ! कोई भेदभाव नहीं है लेकिन अगर कोई हमारी बेटियों के साथ घृणित कुछ भी करने की कोशिश करता है,तो मैं आपको तोड़ दूंगा ! अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है या लव जिहाद जैसा कुछ करता है,तो आप नष्ट हो जाएंगे !