एंटीलियायाः बाह्य यदा जिलेटिनेन परिपूर्ण स्कॉर्पियो लब्धम् तदा एकम् वार्ताम् स्पष्टमासीत् तत प्रकरणम् लघु नास्ति ! अस्य प्रकरणस्यानुसन्धानम् यथा यथा अग्रम् बर्धितम् तदा कतिपय नामानि संमुखम् आगत: यत् आश्चर्यकर्तासीत् !
एंटीलिया के बाहर जब जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो मिली तो एक बात साफ थी कि मामला छोटा मोटा नहीं है ! इस केस की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ी तो कई नाम सामने आते गए जो हैरान करने वाले थे !
वस्तुतः मुंबई आरक्षकस्य समानता स्कॉटलैंड आरक्षकेन भवति ! तु येन प्रकारेण सीआईयू इत्ये नियुक्त एपीआई सचिन वझेस्य नाम संमुखम् आगतः तस्यानंतरम् अद्भूतम् अभिज्ञानानि संमुखमागच्छन्ति !
दरअसल मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड पुलिस से होती है ! लेकिन जिस तरह से सीआईयू में तैनात एपीआई सचिन वझे का नाम सामने आया उसके बाद सनसनीखेज जानकारियां सामने आ रही हैं !
अस्य प्रकरणम् अवगम्येन पूर्व कलाकारान् प्रत्ये अभिज्ञानमावश्यकमस्ति ! परमबीर सिंह:, अधुना डीजी होमगार्ड्स पूर्व मुंबई आरक्षकस्य आयुक्त रमित: सचिन वझे:, सीआईयू इत्ये एपीआई, अधुना निलंबितं एनआईए इत्यस्य बंधने !
इस केस को समझने से पहले किरदारों के बारे में जानना जरूरी है ! परमबीर सिंह, अब डीजी होमगार्ड्स पहले मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे सचिन वझे, सीआईयू में एपीआई, अब निलंबित और एनआईए की हिरासत में !
अनिल देशमुख: पूर्व गृहमंत्री, अधुना सीबीआई करोति अन्वेषणम् मनसुख हिरेन: अधुना जीवितं न, अस्य स्कॉर्पियो इत्ये जिलेटिन !
अनिल देशमुख पहले गृहमंत्री, अब सीबीआई कर रही है जांच मनसुख हिरेन अब दुनिया में नहीं, इसकी स्कॉर्पियों में जिलेटिन !
एंटीलिया प्रकरणं अन्वेषणम् एनआईए करोति येन सहैव च् सीबीआई अपि अन्वेषणे सम्मिलिता: अस्ति ! वस्तुतः परमबीर सिंह: एकम् पत्रम् प्रस्तुतम् कृतः स्म यस्मिन् अनिल देशमुखम् अनधिकृतप्राप्ति समूहस्य प्रमुखः इति बदित: सचिन वझे: च् केवलं सहायक: !
एंटीलिया केस की जांच एनआईए कर रही है और इसके साथ ही सीबीआई भी जांच में शामिल है ! दरअसल परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी जारी की थी जिसमें अनिल देशमुख को वसूली गैंग का सरगना बताया और सचिन वझे को मोहरा !
अनिल देशमुखस्यानुसंधानाय तं एकम् समाजिक कार्यकर्ताम् च् प्राथमिकी पंजीकृतं कृतः यस्यानंतरम् न्यायालयः स्व सहमतिम् दत्त: तस्य च् प्रभावम् इदमभवत् तत अनिल देशमुखस्य आसनम् गतवान !
अनिल देशमुख की जांच के लिए उनकी और एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरफ से अपील बांबे हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अपील दायर की गई जिसके बाद कोर्ट ने मुहर लगा दी और उसका असर यह हुआ कि अनिल देशमुख की कुर्सी चली गई !
अधुनास्य प्रकरणे सीबीआई इति एनआईए न्यायालये अभियोगम् पंजीकृतमस्ति तत सचिन वझेस्य विनायक शिंदेस्य च् दैनंदिनी प्रदायन्तु यद्यपि ताः अनुसंधान प्रक्रियाम् अग्रम् बर्धितुम् शक्नुतः !
अब इस केस में सीबीआई ने एनआईए कोर्ट में अपील की है कि उसे सचिन वझे और विनायक शिंदे की डायरी दी जाए ताकि वो जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ा सके !
ज्ञापयन्तु तत उच्चन्यायालयः सीबीआई इतम् अनिल देशमुखस्य भूमिकाम् प्रत्ये १५ दिवसेषु प्राथमिक सूचनां प्रस्तुतस्य निर्देशम् दत्तवान ! सचिन वझे: वर्तमानैव एकम् पत्रम् अलिखत् यस्मिन् कथितः स्म तत तस्मिन् पणस्य उत्पादनाय भिन्न भिन्न प्रकारस्य भारम् भारितम् !
बता दें कि हाईकोर्ट ने सीबीआई को अनिल देशमुख की भूमिका के बारे में 15 दिन में प्राथमिक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं ! सचिन वझे ने हाल ही में एक खत लिखा जिसमें कहा था कि उस पर पैसे की उगाही के लिए तरह तरह के दबाव बनाए गए !
तु तं भारे आगतेन न कृतम् स्म ! येन सहैव तं एकमन्य मंत्री अनिल परबे आरोपमारोपित: ! वझेस्यानुरूपम् अनिल परब: अपि तस्मिन् अनधिकृतप्राप्ताय भारम् भारयति स्म !
लेकिन उसने दवाब में आने से इनकार कर दिया था ! इसके साथ ही उसने एक और मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाया ! वझे के मुताबिक अनिल परब भी उस पर वसूली के लिए दबाव बनाते थे !