द्वेषम् यादव, स्वर्णकार:, धोबी, कुम्भकार: अवशेषम् वा जातिनां विरुद्धम् किं न प्रसृतं ? इदमेकं सम्यक् प्रश्नमस्ति ! शृण्यन्तु ! यदि भवन्तः यादवेण द्वेषम् करिष्यन्ति तर्हि तस्मात् दुग्धम् नीतुं अवरुद्धिष्यति तु पुनः अपि हिंदू रमिष्यन्ति !
नफरत यादव, सुनार, धोबी, कुम्हार या बाकी जातियों के खिलाफ क्यों नहीं फैली ? यह एक वाजिब प्रश्न है ! सुनिए जरा ! अगर आप यादव से नफरत करेंगे तो उससे दूध लेना बंद कर देंगे पर फिर भी हिन्दू रहेंगे !

यदि भवन्तः स्वर्णकारेण द्वेषं करिष्यन्ति तर्हि तस्मात् आभूषणम् निर्मितुं अवरुद्धिष्यन्ति तु पुनः अपि भवन्तः हिंदू रमिष्यन्ति ! यदि भवन्तः धोबिणा, कुम्भकारेण द्वेषम् करिष्यन्ति तर्हि वस्त्राणि क्षालितुं पात्राणि क्रेतुं चवरुद्धिष्यन्ति तु पुनः अपि भवन्तः हिंदू रमिष्यन्ति !
अगर आप सुनार से नफरत करेंगे तो उससे आभूषण बनवाना बंद कर देंगे पर फिर भी आप हिन्दू रहेंगे ! अगर आप धोबी, कुम्हार से नफरत करेंगे तो कपड़े धुलवाना और बर्तन खरीदना बंद कर देंगे पर फिर भी आप हिन्दू रहेंगे !
तु यदि भवन्तः ब्राह्मणेन द्वेषं करिष्यन्ति तर्हि भवन्तः सर्वाणि धार्मिककार्याणि यथा जन्माय, पाणिग्रहनाय, निधनाय तस्य पार्श्व गन्तुं अवरुद्धिष्यन्ति इमानि च् धार्मिककार्याणि आगत्वा चर्चस्य पादरी इति करिष्यति !
पर अगर आप ब्राह्मण से नफरत करेंगे तो आप सभी धार्मिक रस्मों जैसे कि जन्म, शादी, मृत्यु के लिए उसके पास जाना बंद कर देंगे और ये सब रस्में आ कर चर्च का पादरी करेगा !
ब्राह्मणभिः द्वेषम् कर्तुं अर्थतः एंटी ब्राह्मण २००० वर्षाणि पुरातन जोशुआ प्रोजेक्ट इत्या: अंशमस्ति यस्य एजेंडा पूर्ण हिंदुस्तानम् ईसाई देशम् निर्मितुं अस्ति ! हिन्दुनां धर्मांतरणम् तदैव भवितुं न शक्नुत: यदैव ते ब्राह्मणानां संपर्के सन्ति !
ब्राह्मणों से नफरत करना यानी एंटी ब्राह्मण 2000 साल पुराने जोशुआ प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसका एजेंडा पूरे हिंदुस्तान को ईसाई मुल्क बनाना है !हिंदुओं का धर्मान्तरण तब तक नहीं हो सकता जब तक वे ब्राह्मणों के संपर्क में हैं !
हिंदू जातिषु ब्राह्मणेभ्यः इयत् द्वेषम् बर्धितुं तत ते ब्राह्मणानां पार्श्व कश्चितापि कार्याय गन्तुं अवरुद्धन्तु धर्मांतरणस्य द्वारमुद्घाट्यन्तु !
हिन्दू जातियों में ब्राह्मणों के लिए इतनी नफरत बढ़ाओ कि वे ब्राह्मणों के पास किसी भी काम के लिए जाना बंद कर दें और धर्मान्तरण के दरवाजे खुल जाएं !
सर्वात् प्रथम ईसाई मिशनरी रॉबर्ट कॉल्डवेल: आर्यन द्रविड़ियन थ्योरी इति निर्मित: कुत्रचित् दक्षिण भारतीयान् पृथक परिचयं दत्वा धर्मांतरण क्रियेत्, यस्मिन् उत्तर भारतीयान् ब्राह्मण आर्यन इति दर्शित: !
सबसे पहले ईसाई मिशनरी रॉबर्ट काल्डवेल ने आर्यन द्रविड़ियन थ्योरी बनाई ताकि दक्षिण भारतीयों को अलग पहचान देकर धर्मान्तरण किया जाए, जिसमें उत्तर भारतीयों को ब्राह्मण आर्यन दिखाया गया !
यस्य एजेंडा अत्र संपादितुं न अभवत् ! यस्यानंतरम् द्वितीय मिशनरी संस्कृत विद्: च् जॉन मुनिर: मनुस्मृतिम् संपादितं कृतवान, यस्मिन् वामपंथिनः तादृशैव सहाय्यं कृतः यथा २६/११ इत्या: मुम्बै: घाते भारतीय मुस्लिमा: सहाय्यं कृताः !
इनका एजेंडा यहां खत्म नहीं हुआ ! इसके बाद दूसरे मिशनरी और संस्कृत विद्वान जॉन मुनिर ने मनुस्मृति को एडिट किया, इसमें वामपंथियों ने वैसे ही मदद की जैसे कि 26/11 के मुम्बई हमले में भारतीय मुसलमानों ने मदद की !
ब्राह्मण विरोधस्य कारणम् जनाः बहूनां हिंदू जातिनां दलितस्य नाम्ना संलग्नम् कृतवान यत् ब्रिटिश सर्वकारे डिप्रेस्ड क्लासेज आसन् ! ब्राह्मण विरोधिन: बहूनि जाती: पिछड़ा इति घोषितवन्तः यस्य राज गृहाणि एव चरन्ति स्म !
ब्राह्मण विरोध के चलते लोगो ने कई हिन्दू जातियों को दलित के नाम से टैग कर दिया जो ब्रिटिश सरकार में डिप्रेस्ड क्लासेज थीं ! ब्राह्मण विरोधियों ने कई जातियों को पिछड़ा घोषित कर दिया जिनके राजघराने तक चलते थे !
ब्राह्मण विरोधम् सनातन धर्मस्येव छद्म नामास्ति ! कुत्रचित् ब्राह्मणवाद:, मनुवाद: तर्हि निमित्तमस्ति ! स्पष्टेच्छा सनातन धर्मम् संपादितमस्ति सनातनमिव श्रेष्ठमस्ति !
ब्राह्मण विरोध सनातन विरोध का ही छद्म नाम है ! क्योंकि ब्राह्मणवाद, मनुवाद तो बहाना है ! असली मकसद सनातन धर्म को मिटाना है सनातन ही श्रेष्ठ है !