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अकस्माते अनुच्छेद ३७० निर्वर्तितं, यः कथ्यति स्म रक्तस्य नद्य: प्रवाहिष्यति, प्रस्तरमपि क्षिपस्य शक्तिं नाभवत्-अमित शाह: ! एक झटके में अनुच्छेद 370 हटा, जो कहते थे खून की नदियां बहेंगी, पत्थर भी फेंकने की हिम्मत नहीं हुई-अमित शाह !

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह: देहल्यां आइडिया ऑफ इंडिया फ्रॉम स्वराज टू न्यू इंडिया सेमिनार इतम् संबोधित: ! इति अवसरे सः कथित: तत पीएम मोदी ५ अगस्त २०१९ तमम् छोटिका बादितं अकस्माते च् अनुच्छेद ३७० इतम् निरस्तं कृतवान !

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आइडिया ऑफ इंडिया फ्रॉम स्वराज टू न्यू इंडिया सेमिनार को संबोधित किया ! इस मौके पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 को चुटकी बजाई और एक झटके में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया !

यः कथ्यति स्म रक्तस्य नद्य: प्रवाहिष्यति तेषु प्रस्तरमपि क्षिपस्य शक्तिं नाभवन् ! सहैव सः कथित: तत भारत एकं भू-सांस्कृतिक देशमस्ति यदैव च् वयं येनावगमिष्यामः, वयं भारतस्य विचारं अवगम्यितुं न शक्नुताः !

जो कहते थे खून की नदियां बहेंगी उनमें पत्थर भी फेंकने की हिम्मत भी नहीं हुई ! साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक भू-सांस्कृतिक देश है और जब तक हम इसे नहीं समझेंगे, हम भारत के विचार को नहीं समझ सकते !

गृहमंत्री कथित: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदिण: २०१४ तः २०२२ तमैवस्य शासनकाले भारतं बहु नवलक्ष्यं ळब्धवान ८० कोटि जनाः स्वम् देशस्य अंशम् मान्यिष्यति ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदिण: सर्वकारेण पूर्वम्, भारतस्य पार्श्व कश्चित रक्षानीतिम् नासीत् !

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 से 2022 तक के शासनकाल में भारत ने कई नए मुकाम हासिल किए और 80 करोड़ लोग खुद को देश का हिस्सा मानने लगे ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से पहले, भारत के पास कोई रक्षा नीति नहीं थी !

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तु वयं सर्जिकल स्ट्राइक हवाई घातै: च् प्रदर्शितं तत इदम् का भवति ! सः कथित: तत नवशिक्षानीतिम् प्रथमेदृशमेव शिक्षानीतिमस्ति, यस्य कश्चित विरोधम् न कृतवान सर्वा: च् यस्य स्वागतम् कृतवन्तः ! केचन जनाः भारतं संकटानां देशम् कथ्यन्ति !

लेकिन हमने सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों से दिखाया कि यह क्या होती है ! उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) पहली ऐसी शिक्षा नीति है, जिसका किसी ने विरोध नहीं किया और सभी ने इसका स्वागत किया ! कुछ लोग भारत को समस्याओं का देश कहते हैं !

तु अस्माकं पार्श्व समाधानान्वेषणस्य क्षमतामस्ति ! विश्वविद्यालयान् वैचारिकरणस्य क्षेत्रं न निर्माणनीयं ! विश्वविद्यालयान् विचार्यादानस्य-प्रदानस्य मंच निर्माणनीयं, न तत वैचारिक रणस्य स्थानम् निर्माणनीयं !

लेकिन हमारे पास समाधान खोजने की क्षमता है ! विश्वविद्यालयों को वैचारिक लड़ाई का मैदान नहीं बनना चाहिए ! विश्वविद्यालयों को विचार आदान- प्रदान करने का मंच बनना चाहिए, न कि वैचारिक लड़ाई का स्थान बनना चाहिए !

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