भारतस्य विश्वशक्त्या: रूपे उदयं, ४८ घटकानि पूर्वं एव रूसमपीदमेव बदति स्म तत यत् देशम् चिने अन्वेषणस्य वार्ता करिष्यति रूसम् तस्य देशस्यापि अन्वेषणम् करिष्यति ! तु अमेरिका यं प्रत्येन स्वपूर्ण सहयोगी: देशान् एकत्रितं कृतवान तत्रैव रूसम् सान्त्वयस्य जिम्मेवारिम् भारतं दत्तं !
भारत का विश्वशक्ति के रूप में उदय, 48 घंटे पहले तक रूस भी यही बोल रहा था कि जो देश चीन में जांच की बात करेगा रूस उस देश की भी जांच करेगा ! लेकिन अमेरिका ने जहां एक तरफ से अपने सारे सहयोगी देशों को एकजुट किया वही रूस को मनाने की जिम्मेदारी भारत को दी गई !
एके गोष्ठ्यां रूसम् चिनस्य पादयो अधोतः भूमिम् निर्वर्तितं अंवेषणेन संबंधितमास्ट्रेलियायाः प्रस्तावस्य सहायकप्रस्तुतकर्ता भवितं, बहु वृहत् कूटनीतिक जयमस्ति भारतस्य यस्यकल्पनामपि असंभवमासीत् अमेरिकाया सह पूर्णपश्चिमी देश भारतस्येति वार्तायै प्रशंसाम् कुर्वन्ति !
एक बैठक में रूस ने चीन के कदमों के नीचे से जमीन हटा दी और जांच से संबंधित ऑस्ट्रेलिया के प्रस्ताव का सहायक प्रस्तुतकर्ता बन गया, बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है भारत की इसकी कल्पना भी असंभव थी और अमेरिका समेत सारे पश्चिमी देश भारत की इस बात के लिए प्रशंसा कर रहे हैं !
अद्य भारतं विश्वस्य केवलं तत महाशक्तिमस्ति, यस्य अमरिकाया रूसेण च् एकं सममात्मीय संबंधमस्ति यत् स्वशक्त्यां एतयो द्वयो देशयो विदेशनीति परिवर्तनस्य क्षमताम् ध्रीति !
आज भारत दुनिया की इकलौती वह महाशक्ति है, जिसके अमेरिका और रूस से एक समान घनिष्ट संबंध है जो अपने दम पर इन दोनों देशों की विदेश नीति बदलवाने की क्षमता रखता है !
का कदापि भवन्तः कल्पिता: स्म तत भारतं तैव स्थित्यां भविष्यति यत्र रूसम् यथा देशम् स्वविदेश नीतिम् वैश्विकनीतिम् वा भारतस्य कथने ४८ घटकानां अभ्यांतरम् पूर्णतया परिवर्तितं ! भारतमिदं कर्तुं प्रदर्शितं !
क्या कभी आपने कल्पना की थी कि भारत उसी स्थिति में होगा जहां रूस जैसा देश अपनी विदेश नीति या वैश्विक नीति भारत के कहने पर 48 घंटे के अंदर पूरी तरह पलट दे। भारत ने यह कर दिखाया है !
वर्तमाने चिनम् रूसस्य समर्थनस्य शक्त्यां भारतस्य सीमाक्षेत्रेषु परिभ्रमन्ति स्म ! भारते भारम् भारयस्य प्रयत्नम् करोति स्म, तु अद्य भारतं विश्वपटले चिनम् एकल एकंतटम् कृतवन्तः !
हाल में चीन रूस के समर्थन के दम पर भारत के सीमा क्षेत्रों में चहल कदमी कर रहा था ! भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आज भारत ने विश्व मंच पर चीन को अकेला और एक किनारे कर दिया है !
गोष्ठ्याः यत् घटनामस्ति येनानंतरेण पकिस्ताने व्यग्रताम् विक्षिप्तताम् च् बहु अधिकं बर्धिष्यते ! तस्योपरि अस्तित्वस्य संकटम् भविष्यते कुत्रचित् भारतं अधुना चिनस्य कर्मणां दंडम् पकिस्तानम् दत्तुं आरंभिष्यते, चिनस्य च् विरुद्धमिदं प्रथम कूटनीतिकं जयं भारतस्याभवत् !
गोष्ठी की जो यह घटना है इसके बाद से पाकिस्तान में बेचैनी और बौखलाहट बेहद ज्यादा बढ़ जाएगी ! उनके ऊपर अस्तित्व का संकट बन जाएगा क्योंकि भारत अब चीन के कर्मों की सजा पाकिस्तान को देना शुरू करेगा, और चीन के खिलाफ यह पहली कूटनीतिक जीत भारत की हुई है !
इदम् संभवतः भारतस्येतिहासे सर्वात्तम वृहत् कूटनीतिकजयेतः एकं गणिष्यते, यत्राद्य लगभगम् विश्वस्य १२३ लघ्व: वृहत्तरः देशम् भारतेन सह स्थिता: ! भवन्तः भारतीयं इति विजयस्य शुभाषयः मोदी महोदयम् साधुवाद: इदृशं सशक्तं नेतृत्वाय !
यह शायद भारत के इतिहास में सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत में से एक गिनी जाएगी, जहां आज लगभग दुनिया के 123 छोटे बड़े देश भारत के साथ खड़े है ! आप सभी भारतीय को इस विजय की शुभकामनाएं और मोदी जी को धन्यवाद ऐसे सशक्त नेतृत्व के लिए !
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