कर्नाटक सरकारः एकम् इदृशं योजनां आरम्भयते यस्य चर्चाम् अद्यत्वे परितः भवति ! राज्य सरकारः विप्रस्य वधूनि मौद्रिक सहयोगम् प्रदत्तस्य योजनामारम्भयते !
कर्नाटक सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है जिसकी चर्चा आजकल हर तरफ हो रही है ! राज्य सरकार ने ब्राह्मण दुल्हनों को मौद्रिक सहायता प्रदान करने की योजना शुरू कर दी है !
सर्कारस्य कथनमस्ति तत अरुंधति मैत्रेयी च् नामकम् द्वे योजने विप्रसमुदायस्य निर्धनः जनानां सहयोगाय आरम्भयत् ! तत्रैव राज्ये विपक्ष: आरोपमारोपयत् तत् योजनां समाजम् पश्चानयकः अस्ति !
सरकार का कहना है कि अरुंधति और मैत्रेयी नामक दो योजनाओं को ब्राह्मण समुदाय के गरीब लोगों की सहायता के लिए शुरू किया गया है ! वहीं राज्य में विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह योजना समाज को पीछे ले जाने वाली है !
कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास विभागम् राज्ये विप्र बधुभ्यः द्वयो योजनयो घोषणां कृतमस्ति ! अरुंधति योजनायाः अनुरूपम् बधो: कुटुंबम् पाणिग्रहणाय २५००० रूप्यकाणि दाष्यते !
कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड ने राज्य में ब्राह्मण दुल्हनों के लिए दो नई योजनाओं की घोषणा की है ! अरुंधति योजना के तहत, दुल्हन के परिवार को शादी के लिए 25,000 रुपये दिए जाएंगे !
मैत्रेयी नामक एकम् अन्य योजनायाम्,विभागम् बधूम् त्रय लक्ष रूप्यकानां धनराशिम् दाष्यति तु इत्याय एकमनुबन्ध: इयमस्ति तत बधूम् यदि सा कश्चित आर्थिक रूपेण क्षीण:,पुजारीया, अर्चकेन पुरोहितेन च् पाणिग्रहणम् करोति !
मैत्रेयी नामक एक अन्य योजना में, बोर्ड दुल्हन को 3 लाख रुपये की धनराशि देगा लेकिन इसके लिए एक शर्त ये है कि दुल्हन को यदि वह किसी आर्थिक रूप से कमजोर पुजारी, अर्चक और पुरोहित से शादी करती है !
अरुंधति योजनायाः अनुरूपम्,लगभगम् ५५० कुटुंबानि राशि लभष्यते यद्यपि च् लगभगम् २५ कुटुंबानि मैत्रेयी योजनायाः लाभम् लभष्यते !
अरुंधति योजना के तहत,लगभग 550 परिवारों को राशि मिलेगी और जबकि लगभग 25 परिवारों को मैत्रेयी योजना का लाभ मिलेगा !
विभागस्य निदेशक: एचएस सच्चिदानंद: वार्ताकारै: वार्ता कृतमानः अकथयत् वयं तेषु जनेषु केचनानुबंधमकुर्वन् यत् इति योजनानां लाभम् उत्थाशक्नोति ! कुटुंबम् अयम् सिद्धम् कृतंभविष्यति तत ते आर्थिक रूपेण पश्चवर्गेण सन्ति !
बोर्ड के निदेशक एचएस सच्चिदानंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा हमने उन लोगों पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं जो इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं ! परिवार को यह प्रमाणित करना होगा कि वे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से है !
अस्यातिरिक्त,तेन (ब्राह्मण) समुदायेणापि भवनीयः ! मैत्रेयी योजनायाः अनुरूपम् २५ ब्राह्मण स्त्रीयाणि ३-३ लक्ष रूपकस्य फाइनेंशियल बांड इति दाष्यते यत् त्रय वर्ष एव प्रतिवर्षम् १-१ लक्ष रूपयकस्य रूपे दाष्यते !
इसके अलावा,उन्हें (ब्राह्मण) समुदाय से भी होना चाहिए ! मैत्रेयी योजना के तहत 25 ब्राह्मण महिलाओं को 3-3 लाख रुपये के फाइनेंशियल बॉन्ड दिए जाएंगे जो तीन साल तक प्रतिवर्ष 1-1 लाख रुपये के रुप में दिए जाएंगे !
अर्थतः योजनायाः लाभम् नीतुम् त्रय वर्ष एव विवाहित भवमावश्यकमस्ति ! योजनायाः अनुरूपमयम् वरस्य बधौ: च् प्रथम पाणिग्रहणं भवनीयः तेन च् राज्ये पंजीकृतं भवनीयः ! अस्यातिरिक्तम् युगलम् न्यूनात्न्यूनं पंचवर्षाय पाणिग्रहणं कृतेनस्ति !
यानी योजना का लाभ लेने के लिए तीन साल तक शादीशुदा होना जरूरी है ! योजना के मुताबिक यह दूल्हा और दुल्हन की पहली शादी होनी चाहिए और उन्हें राज्य में पंजीकृत होना चाहिए ! इसके अलावा जोड़े को कम से कम पांच साल के लिए शादी करनी है !
योजनायाः लाभम् उत्थाय युगलम् विभागस्य वेबसाइट इत्ये ऑनलाइन इति पंजीकरणं कृत शक्नोति ! २०१८ तमस्य जातिगत जनगणनायाः अनुरूपम् कर्नाटकस्य ब्राह्मण जनसंख्या राज्यस्य समस्त जनसंख्यायाः ३ प्रतिशतमस्ति !
योजना का लाभ उठाने के लिए जोड़े बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं ! 2018 की जातिगत जनगणना के अनुसार, कर्नाटक की ब्राह्मण आबादी राज्य की कुल आबादी का 3 फीसदी है !
कांग्रेसस्य युवा समूहस्य राष्ट्रीय अभियान प्रमुख वाईबी श्रीवत्स: उवाच पाणिग्रहणं एकम् व्यक्तिगतं अभिरूचिमस्ति द्वितीयेषु च् केचन प्रकारस्य पाणिग्रहणं स्थापनं स्त्रीयाणि पश्च प्रनुदम् यथा भवेन सह-सह महिला इति विरोधिनस्ति !
कांग्रेस के यूथ विंग के राष्ट्रीय अभियान प्रमुख वाईबी श्रीवत्स ने कहा शादी एक व्यक्तिगत पसंद है और दूसरों पर कुछ प्रकार के विवाह को थोपना महिलाओं को पीछे धकेलने जैसा होने के साथ-साथ महिला विरोधी है !
सः योजनायाम् प्रश्नम् स्थामानः उवाच तत ब्राह्मण विकास विभाग एकया: महिलायाः जीवनस्य एकमात्र कार्यक्षेत्र किं भवशक्नोति ! सः उवाच ते ब्राह्मण उद्यमिभ्यः ऋणम् किं न दाशक्नोति ? निर्धनः ब्राह्मण बालिकानां शिक्षाय धनम् किं न दाशक्नोति ? विभागम् स्वयमस्य दीपस्तम्भ: निर्मयति !
उन्होंने योजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ब्राह्मण विकास बोर्ड एक महिला के जीवन का एकमात्र कार्यक्षेत्र क्यों हो सकता है ! उन्होंने कहा वे ब्राह्मण महिला उद्यमियों के लिए ऋण क्यों नहीं दे सकते ? गरीब ब्राह्मण लड़कियों की शिक्षा के लिए धन क्यों नहीं दे सकते ? बोर्ड खुद का मजाक बना रहा है !