रायपुरे राहुल गांधिन् कथित: तत भाजपा आरएसएस च् एकं विचारधारामिच्छत: ! तु पूर्ण देशे एकं विचारम् चरितुं न शक्नोति ! भाजपा एकं राज्यं द्वितीय राज्येण रणितुं इच्छति ! तु भाजपाम् वयं सद् हिंदुस्तानम् दर्शयाम: !
रायपुर में राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस एक विचारधारा चाहती है ! लेकिन पूरे देश में एक विचार नहीं चल सकता है ! बीजेपी एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़ाना चाहती हैं ! लेकिन बीजेपी को हम सच्चा हिंदुस्तान दिखाएंगे !
भारते द्वे हिंदुस्ताने स्त: ! एकम् शक्तिशालिन् द्वितीय क्षीणम् ! भाजपायाः जनाः एकेण धर्मेण द्वितीयं धर्मं रणाय कार्यम् कुर्वन्ति ! राहुल गांधिन् कथित: तत भाजपास्माकं देशम् द्वयो नवराष्ट्रयो विभक्तयति !
भारत में दो हिंदुस्तान हैं ! एक ताकतवर और दूसरा कमजोर ! बीजेपी के लोग एक धर्म से दूसरे धर्म को लड़ाने का काम करते हैं ! राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी हमारे देश को 2 नए राष्ट्रों में बांट रही है !
एकै: अच्छै: अर्बुदपतिभिः सह, १००-५०० जनै: सह द्वितीय च् कोटिभि: निर्धनै: सह ! तेनानुभूति तत भारतस्य निर्धना: भीता:, तु ते कश्चितेन न भीतं ! विकास कश्चितैव दलस्य नापितु निर्धनानां, कृषकाणां प्रयासम् सन्ति !
एक चुनिंदा अरबपतियों के साथ, 100-500 लोगों के साथ और दूसरा करोड़ों गरीबों के साथ ! उन्हें लगता है कि भारत के गरीब डरे हुए हैं, लेकिन वे किसी से नहीं डरते ! विकास किसी पार्टी का नहीं बल्कि गरीबों, किसानों का प्रयास है !
हिन्दुस्तानम् भिन्न-भिन्न विचारधाराणां, संस्कृतिणां भाषाणां एकं पुष्पगुच्छमस्ति तु ते इच्छन्ति तत एकं इव विचारधाराम् यस्मिन् शासनम् कृतं तु अहम् श्व संसदे कथित: स्म तत वयं इदृशं भवितुं न दाष्याम: !
हिंदुस्तान अलग-अलग विचारधाराओं, संस्कृतियों, भाषाओं का एक गुलदस्ता है लेकिन वे चाहते हैं कि एक ही विचारधारा इस पर शासन करे लेकिन मैंने कल संसद में कहा था कि हम ऐसा नहीं होने देंगे !
वयं दर्शयाम: भाजपाम् वास्तविकहिन्दुस्तानं ! राहुल गांधिन् कथित: तत कांग्रेसस्य राजनीति समावेशिन् रमति ! कांग्रेसं सदैव संघवादस्य भावनायाः सम्मानं कृतं !
हम दिखाएंगे बीजेपी को असली हिंदुस्तान ! राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति समावेशी रही है ! कांग्रेस ने हमेशा संघवाद की भावना का सम्मान किया है !
वर्तमान केंद्रसर्वकारः एकंप्रति निर्धनानां विकासस्य वार्ता करोति ! तु बजटे एमएसएई इतस्य येनप्रकारम् अवीक्षित कृतं यस्मात् ज्ञातम् भवति ततेदं सर्वकारः निर्धनानां गृहीत्वा कति गम्भीर्यमस्ति !
मौजूदा केंद्र सरकार एक तरफ गरीबों के विकास की बात करती है ! लेकिन बजट में एमएसएई की जिस तरह अनदेखी की गई है उससे पता चलता है कि यह सरकार गरीबों को लेकर कितनी गंभीर है !