उत्तरप्रदेश विधानसभा निर्वाचनेण पूर्व बहुजन समाज दलम् २३ जुलाई इतमयोध्यायां ब्राह्मण सम्मेलनम् करिष्यति !
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 23 जुलाई को अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन करेगी !
इति संबंधे बसपा प्रमुखा मायावती कथिता तत मया पूर्णाशामस्ति तत ब्राह्मणा: अग्रिम् विधान सभा निर्वाचने भाजपाम् मतानि न दाष्यन्ति !
इस संबंध में बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि ब्राह्मण अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे !
बसपा महासचिव एससी मिश्रस्य नेतृत्वे २३ जुलाई इतमयोध्याया ब्राह्मण समुदायम् संयुक्ते बसपा शासने इव तेषां हितम् सुरक्षितस्याश्वासनं दत्तायाभियानम् चरिष्यते !
बसपा महासचिव एससी मिश्र के नेतृत्व में 23 जुलाई को अयोध्या से ब्राह्मण समुदाय को जोड़ने और बसपा शासन में ही उनके हित सुरक्षित होने का आश्वासन देने के लिए अभियान चलाया जाएगा !
सा कथिताहम् स्व दलस्य सांसदान् संसदस्य मानसूनसत्रे देशस्य जनानां च् लाभेण संबंधित प्रकरणानोत्थायस्य निर्देशिता !
उन्होंने कहा मैंने अपनी पार्टी के सांसदों को संसद के मानसून सत्र में देश और लोगों के लाभ से संबंधित मामलों को उठाने का निर्देश दिया है !
इदृशं बहु प्रकरणानि सन्ति येषु देशस्य जनाः केंद्र सर्वकारेणोत्तरमेच्छन्ति ! विपक्षी दलै: एकेन सहागमनीयाः केंद्र सर्वकारमोत्तरदायी कथनीयाः !
ऐसे कई मामले हैं जिन पर देश की जनता केंद्र सरकार से जवाबदेही चाहती है ! विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए और केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराना चाहिए !
त्रयानां कृषि विधेयकानां विरोधम् कर्ता: कृषकान् प्रति सर्वकारस्योदासीनता बहु दुःखद अस्ति ! बसपा सांसदा: इंधनस्य रसोई गैस इत्यस्य च् मूल्याणि, मुद्रास्फीति कोविड १९ टीकाकरणेन संबंधितं च् प्रकरणान् संसदे उत्थाष्यन्ति !
तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति सरकार की उदासीनता बेहद दुखद है ! बसपा सांसद ईंधन और रसोई गैस की कीमतों, मुद्रास्फीति और कोविड 19 टीकाकरण से संबंधित मामलों को संसद में उठाएंगे !
मायावती यस्मात् पूर्व ११ जुलाई इतम् मंहगाईं गृहित्वा भाजपा सर्वकारम् परिबंधिता स्म ! सा अलिखत् स्म, देशे पेट्रोल, पीडाज्वाल तैल, पाकशाला वायुगण्ड: दुग्ध वैत्यादि यथैव दैनिक आवश्यकं वस्तुनां मूल्याणि येन प्रकारेण सततं बर्धयन्ति !
मायावती ने इससे पहले 11 जुलाई को महंगाई को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा था ! उन्होंने लिखा था, देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व दूध आदि जैसी रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं की कीमतें जिस प्रकार से लगातार बढ़ रही हैं !
तस्मात्त महंगाईं तीव्रेण बर्धित्वात्रस्य जनानां जीवनम् दुखमय पीड़ितं वा भवति, पुनरपि सर्वकारा: यं प्रति गम्भीर्य व चिंतितम् न सन्ति, किं ? इदम् अति-दुःखद: !
उससे महंगाई आसमान छूकर यहां के लोगों का जीवन दुखी व त्रस्त हो रही है, फिर भी सरकारें इसके प्रति गंभीर व चिन्तित नहीं हैं, क्यों ? यह अति-दुःखद !
देशम् परितः निर्धनतामस्ति, बेरोजगारी महंगाईं वैत्यादयस्य पीड़ाया प्रभावी रूपेण निर्वहनाय केन्द्रम् राज्य सर्वकारान् वापि स्व पूर्ण शक्ति संसाधनं वा येषां निदाने प्रयोगमावश्यकी, कुत्रचित देशम् निराशायाः परिवेशेण निःसृत्वा विकासम् यथास्थानमानीतुम् शक्नुता: !
देश में हर तरफ छाई गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की समस्या से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को भी अपनी पूरी शक्ति व संसाधन इसके निदान में लगा देना जरूरी, ताकि देश को निराशा के माहौल से निकाल कर विकास को सही पटरी पर लाया जा सके !