प्रतीक चित्र
कन्हैया लालस्य निर्मम हननस्यानंतरम् मुख्यवार्ताषु आगतं तंजीम-ए-इस्लामी संगठनाय बरेल्या: मुस्लिम समुदायस्यापणेषु दानपात्राणि धृतं दर्शितुं शक्नोन्ति ! इदम् संस्था पकिस्तानस्य लाहौरतः चरति, इदृशे चर्चा सम्प्रति इति वार्ताम् गृहीत्वा भवति तत का बरेल्यां पकिस्तामाराधका: मुस्लिमा: अपि सन्ति !
कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद सुर्खियों में आए तंजीम-ए-इस्लामी संगठन के लिए बरेली के मुस्लिम समुदाय की दुकानों पर दान पात्र रखे देखे जा सकते हैं ! ये संस्था पाकिस्तान के लाहौर से चलती है, ऐसे में चर्चा अब इस बात को लेकर हो रही है कि क्या बरेली में पाकिस्तान परस्त मुस्लिम भी हैं ?

अभिज्ञानस्यानुरूपम् बरेल्यां हरितोष्णीषम् धारकाः बरेलवी मुस्लिम समुदायस्य जनाः स्वापणभिः दावत-ए-इस्लामी यत् तंजीम-ए-इस्लामीतः संलग्नम् संस्थामस्ति, प्रतिदानस्य धनम् एकत्रं कुर्वन्ति ! तंजीम-ए-इस्लामी संस्थायाः भारते इव न विदेशेषु अपि नेटवर्क इति अस्ति यस्य च् मुख्यालयं पकिस्तानस्य लाहौर नगरे अस्ति !
जानकारी के मुताबिक बरेली में हरी पगड़ी धारी बरेलवी मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी दुकानों के जरिए दावत-ए-इस्लामी जोकि तंजीम-ए-इस्लामी से जुड़ी संस्था है, रोज चंदे की रकम एकत्र करते हैं ! तंजीम-ए-इस्लामी संस्था का भारत में ही नहीं विदेशों में भी नेटवर्क है और इसका मुख्यालय पाकिस्तान के लाहौर शहर में है !
तंजीम-ए-इस्लामी संगठनस्य नामोदयपुरस्य कन्हैया लालस्य हननस्यारोपिभिः सह नीतमासीत् ! गोप्य संस्थानां अन्वेषणस्यानंतरम् ज्ञातमभवत् तत इदम् संस्था लाहौरतः संचालितं भवति यस्य च् एकं वृहत् नेटवर्क इति अस्ति !
तंजीम-ए-इस्लामी संगठन का नाम उदयपुर के कन्हैया लाल की हत्या के आरोपियों के साथ लिया गया था ! खुफिया एजेंसियों की जांच-पड़ताल के बाद मालूम हुआ कि ये संस्था लाहौर से संचालित होती है और इसका एक बड़ा नेटवर्क है !
१९७५ तमे इसरार जमालेण स्थापितं इति संस्थाया इस्लामस्य विस्तार कार्यक्रमान् क्रियते यस्मै च् पूर्ण विश्वस्य मुस्लिमा: स्व दानम् ददान्ति ! भारते दावत-ए-इस्लामियायाः मध्य संबंधानां वार्ता संमुखमागतमस्ति !
1975 में इसरार जमाल द्वारा स्थापित इस संस्था के द्वारा इस्लाम के विस्तार कार्यक्रमों को अंजाम दिया जाता है और इसके लिए दुनियाभर के मुस्लिम अपना चंदा देते हैं ! भारत में दावत-ए-इस्लामिया और तंजीम-ए-इस्लामिया के बीच रिश्तों की बात सामने आई है !
अभिज्ञानस्यानुरूपम् दानस्य एकं वृहत् नेटवर्क पकिस्तानस्येति संस्थाम् पूर्णविश्वे विशेषतः च् भारते प्रसृतमस्ति ! बरेल्या, मुरादाबादेण, कर्णपुरेण सह बहवः नगरेषु यस्य नेटवर्क इति अस्ति ! इदम् संगठनं प्रतिमासानि पृथक-पृथक नगरेषु एकदा जमात करोति इस्लामस्य च् विस्तारस्य योजनाम् निर्मिति !
जानकारी के मुताबिक चंदेबाजी का एक बड़ा नेटवर्क पाकिस्तान की इस संस्था ने दुनियाभर में और खासतौर पर भारत में फैलाया हुआ है ! बरेली, मुरादाबाद, कानपुर सहित कई शहरों में इसका नेटवर्क है ! ये संगठन हर महीने अलग-अलग शहरों में एक बार जमात करता है और इस्लाम के विस्तार की योजना बनाता है !
अभिज्ञानस्यानुरूपमिति संगठनतः संलग्ना: जनानां परिचयं हरितोष्णीषेण भवति ! इमे जनाः बरेलवी सुन्नी कथ्यन्ते ! अभिज्ञानस्यानुरूपम् मजार जिहादे कार्यकृतमपि येषां इस्लामविस्तारम् लक्ष्यस्य अंशम् रमति !
जानकारी के मुताबिक इस संगठन से जु़ड़े लोगों की पहचान हरी पगड़ी से होती है ! ये लोग बरेलवी सुन्नी कहलाते हैं ! जानकारी के मुताबिक मजार जिहाद पर काम करना भी इनके इस्लाम विस्तार लक्ष्य का हिस्सा रहा है !
उत्तराखंडे, पश्चिमोत्तर प्रदेशे सर्वकारी धराषु अवैध हन्त्य: निर्मित्वा वासिन: बहवः मुस्लिमा: हरितोष्णीषकाः इव ळब्धिष्यन्ति ! प्रश्नम् सम्प्रति इदम् उत्थीति ततेति संस्थायाः जनाः यत् दानम् एकत्रयन्ति तर्हि तस्य पकिस्तानस्य मुख्यालयमेव कश्चित अंशम् प्रेषयति ?
उत्तराखंड, पश्चिम यूपी में सरकारी जमीनों पर अवैध मजारें बनाकर बसने वाले ज्यादातर मुस्लिम हरी पगड़ी वाले ही मिलेंगे ! सवाल अब ये उठ रहा है कि इस संस्था के लोग जो कि चंदा वसूली कर रहे हैं तो उसका पाकिस्तान के मुख्यालय तक कोई हिस्सा भेजा जा रहा है ?
अभिज्ञानस्यानुरूपं बरेल्यां कर्णपुरे च् बहवः मुस्लिम जनाः इति दानम् गृहीत्वा परस्परम् चर्चारंभितमस्ति तत तेषां पणस्य प्रयोगम् कुत्रैव तै: अपि एकं दिवसं शंकायाः आवरणे न नयन्तु !
जानकारी के मुताबिक बरेली और कानपुर में कई मुस्लिम लोगों ने इस चंदे को लेकर आपस में चर्चा शुरू की है कि उनके पैसा का इस्तेमाल कहीं उन्हें भी एक दिन शक के घेरे में न ले ले !
उदयपुरस्य घटनायाः अनंतरेण गोप्य संस्था: अपि इति अनुसंधाने संलग्ना: तत इति दानस्योपयोगम् कीदृशम् कुत्र-कुत्र च् भवति ! वस्तुतः दावत-ए-इस्लामिण: तंजीम-ए-इस्लामी इस्लामिण: च् मध्य संबंधम् गृहीत्वा प्रश्नम् पृच्छतुं आरंभिष्यते !
उदयपुर की घटना के बाद से खुफिया एजेंसियां भी इस पड़ताल में लगी हुई हैं कि इस चंदे का उपयोग कैसे और कहां-कहां हो रहा है ! बहरहाल दावत-ए-इस्लामी और तंजीम-ए-इस्लामी के बीच कनेक्शन को लेकर सवाल पूछे जाने लगे हैं !
(साभार पाञ्चजन्य)