प्रतीक चित्र
उत्तरप्रदेशस्य वाराणस्यां २००६ तमे अभवन् क्रमबद्ध बमविस्फोटानां दोषी आतंकिन् वलीउल्लाह खानम् कालपाशस्य दंडम् दत्तमस्ति ! वाराणसी विस्फोटे १६ जनानां निधनम् भवितमासीत् ! गाजियाबाद न्यायालयं दंडम् दत्तमस्ति ! वलीउल्लाहे आरोपम् ४ जूनमेव निश्चितम् भवितमासीत् !
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 2006 में हुए सीरियल बम धमाकों के दोषी आतंकी वलीउल्लाह खान को फांसी की सजा सुनाई गई है ! वाराणसी धमाके में 16 लोगों की मौत हुई थी ! गाजियाबाद कोर्ट ने सजा सुनाई है ! वलीउल्लाह पर आरोप 4 जून को ही तय हो गए थे !
४ प्रकरणानि चरति स्म सर्वेषु च् तेन दोषिन् कृतं ! एके अभियोगे पुर्णोम्रबंधनस्य दंडम् अभवत्, यद्यपि एके कालपाशस्य दंडम् दत्तं ! ७ मार्चम् इमानि विस्फोटानि अभवन् स्म ! इमानि विस्फोटानि क्रमबद्धमभवन् स्म ! वलीउल्लाहे ५० सहस्रस्य अर्थदंडमपि आरोपितमस्ति ! गजियाबाद न्यायालयं दंडम् दत्तमस्ति !
4 मामले चल रहे थे और सभी में उसे दोषी ठहराया गया ! एक केस में उम्र कैद की सजा हुई है, जबकि एक में फांसी की सजा सुनाई गई है ! 7 मार्च को ये धमाके हुए थे ! ये धमाके सिलसिलेबार हुए थे ! वलीउल्लाह पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है ! गाजियाबाद कोर्ट ने सजा सुनाई है !
३०७ इत्यां १० वर्षस्य दंडम् ३० सहस्रस्य चर्थदंडम् आरोपितमस्ति ! अर्थदंडम् न दत्ते १ वर्षस्यातिरिक्तम् दंडम् भविष्यति ! ७ मार्च २००६ तमम् सायं ६.१५ वादनम् संकटमोचक मंदिरस्याभ्यांतरम् प्रथम विस्फोटमभवत् ! द्वितीय विस्फोटम् १५ पलानंतरम् वाराणसी छावनी धूमयानपत्तनस्य प्रथम श्रेण्याः रिटायरिंग कक्षस्य बाह्याभवत् !
307 में 10 साल की सजा और 30 हजार का जुर्माना लगा है ! जुर्माना न देने पर 1 साल की और सजा होगी ! 7 मार्च 2006 को शाम 6.15 बजे संकट मोचक मंदिर के अंदर पहला धमाका हुआ !दूसरा धमाका 15 मिनट बाद वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन के प्रथम श्रेणी के रिटायरिंग रूम के बाहर हुआ !
गुडौलिया व्यस्तक्षेत्रे तृतीय जीवित बम इत्याः ज्ञानम् अभवत् स्म, येन डिफ्यूज इति कृतवन्तः स्म ! चतुर्थ बम अपि वाराणस्या: प्रसिद्ध गंगाघट्टेण ळब्धं स्म ! गजियाबाद जनपदसत्र न्यायाधीश: जितेंद्र कुमार सिन्हा वलीउल्लाहम् द्वयो प्रकरणयो दोषिन् कृतः !
गुडौलिया रिहायशी इलाके में तीसरे जीवित बम का पता चला था, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया था ! चौथा बम भी वाराणसी के प्रसिद्ध गंगाघाट से बरामद किया गया था ! गाजियाबाद जिला सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने वलीउल्लाह को दो मामलों में दोषी ठहराया !
यत् भारतीय दंड संहितायाः हननम्, हननस्य प्रयासं विस्फोटकाधिनियमस्य चनुरूपम् पंजीकृतं स्म ! एके प्रकरणे अपर्याप्त सक्ष्याणां कारणम् वलीउल्लाहम् मुक्तं कृतवान स्म ! वाराणस्यामधिवक्ता: आरोपिण: अभियोगम् रणेन न कृतवन्तः स्म !
जो भारतीय दंड संहिता (IPC) की हत्या, हत्या के प्रयास और विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे। एक मामले में अपर्याप्त सबूतों के कारण वलीउल्लाह को बरी कर दिया गया था ! वाराणसी में वकीलों ने आरोपी की पैरवी करने से इनकार कर दिया था !
प्रयागराजोच्च न्यायालयं प्रकरणम् गाजियाबाद जनपदन्यायालये स्थानांतरित कृतवान स्म ! त्रिषु प्रकरणेषु १२१ साक्ष्यकानां न्यायालये प्रस्तुतं कृताः, अप्रैल २००६ तमे विशेषकार्यबलम् दृढ़कथनम् कृतं स्म ! वलीउल्लाह एकं आतंकिन् संगठनम् हरकत- उल-जेहाद अल इस्लामिणा संलग्न: स्म विस्फोटानां पश्च मास्टरमाइंड इत्यासीत् !
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले को गाजियाबाद जिला अदालत में स्थानांतरित कर दिया था ! तीनों मामलों में 121 गवाहों को अदालत में पेश किया गया, अप्रैल 2006 में विशेष कार्य बल ने दावा किया था ! वलीउल्लाह एक आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहाद अल इस्लामी (हूजी) से जुड़ा था और विस्फोटों के पीछे मास्टरमाइंड था !
हूजिण: पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस, तालिबानम्, अल-कायदाया सह संबंधम् सन्ति ! बांग्लादेशे हूजिण: सहाय्यकं जैश-ए-मोहम्मद स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया इत्याः च् सहाय्येण वाराणसी विस्फोटान् कृतवन्तः स्म !
हूजी के पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), तालिबान, अल-कायदा के साथ संबंध हैं ! बांग्लादेश में हूजी के सहयोगी ने जैश-ए-मोहम्मद और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सहयोग से वाराणसी विस्फोटों को अंजाम दिया था !