कृषि विधेयकानि गृहित्वान्दोलनकर्तानां समर्थनं करोति विपक्षी दलेषु लक्ष्यम् लक्ष्यमानः उत्तर प्रदेशस्य कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही: शानिवासरं अत्रायोजित: कृषकमेलके दृढकथनं कृतः तत २००४ तः २०१४ तमस्य मध्य २६६००० कृषका: आत्मघातयता: स्म !
कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारियों का समर्थन कर रहे विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को यहां आयोजित किसान मेले में दावा किया कि 2004 से 2014 के बीच 2,66,000 किसानों ने आत्महत्या की थी !
कुत्रचित,सः स्व दृढ़कथनस्य स्रोत न बदित: ! शाही: कथितः तत यदि तस्य कृषि नित्या: (पूर्ववर्ती सर्कारस्य) सदासीत् तर्हि किं कृषका: आत्मघातयता: स्म !
हालांकि,उन्होंने अपने दावे का स्रोत नहीं बताया ! शाही ने कहा कि यदि उनकी कृषि नीतियां (पूर्ववर्ती सरकार की)सही थीं तो क्यों किसानों ने आत्महत्या की थी !
कृषि मंत्री कृषकान् सम्बोधितमानः कथितः तानि कृषकाणाम् आत्मघातस्य पाप तानि जनानां स्कंधेषु आरुह्य: ! देशे एकम् कुटुंबम् ४० वर्षमेव शासयतः एत ४० वर्षेषु देशे निर्धनता न समाप्यतम् !
कृषि मंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा उन किसानों की आत्महत्या का पाप इन लोगों के कंधों पर चढ़ा है ! देश में एक परिवार ने 40 साल तक शासन किया और इन 40 सालों में देश में गरीबी नहीं मिट पाई !
सः कथितः यत् जनः कथ्यति स्म तत केंद्र सर्कारस्यार्थसंकल्पे प्रथमाधिकारम् अल्प संख्यकानां अस्ति,तत्रैव नरेंद्र मोदी: संसद भवने प्रवेशतरैव कथितः ततार्थसंकल्पे प्रथमाधिकारं कृषकाणाम् निर्धनानां,श्रमिकानां सन्ति !
उन्होंने कहा जो लोग कहते थे कि केंद्र सरकार के बजट पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है,वहीं नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में प्रवेश करते ही कहा कि बजट पर पहला अधिकार किसानों गरीबों,मजदूरों का है !
प्रधानमंत्री परिवर्तनं कृत्वा ग्रामीण विकासस्य दृष्टया नीत्य: आरम्भयत: अद्य तानि च् (विपक्षी दलानि) इत्येव वार्तायाः पीड़ामस्ति तत यत् ते न कर्तुम् शक्नुत: सः अस्माकं प्रधानमंत्री कुर्वन्ति !
प्रधानमंत्री ने बदलाव करके ग्रामीण विकास की दृष्टि से नीतियां शुरू की और आज उनको (विपक्षी दलों) इसी बात की तकलीफ है कि जो वे नहीं कर पाए वह हमारे प्रधानमंत्री कर रहे हैं !
राष्ट्रपिता महात्मा गांधे: पुण्य तिथ्याम् तेन नमन कृतमानः शाही: कथितः महात्मा गांधी: अफ्रीका तः आगमनस्यानंतरम् सर्वात् प्रथम बिहारस्य चंपारणस्य यात्राम् कृतः नीलस्य च् कृषि बहु करग्रहस्य विरुद्धम् सः आन्दोलयत: !
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर उन्हें नमन करते हुए शाही ने कहा महात्मा गांधी ने अफ्रीका से लौटने के बाद सबसे पहले बिहार के चंपारण की यात्रा की और नील की खेती और ऊंचे लगान वसूली के खिलाफ उन्होंने आंदोलन किया !
महात्मा गांधी: ग्राम स्वराज्यस्य स्वप्नम् पश्यतः स्म,तु केचन जनाः कृषकम् इदृशं परावलंबी इति निर्मयतानि यस्मात् अस्माकं देशस्य कृषक: निर्धनम् भवित: तस्य च् जीवनम् नारकीय भवित: !
महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज्य का सपना देखा था,लेकिन कुछ लोगों ने किसान को ऐसा परावलंबी बना दिया जिससे हमारे देश का किसान गरीब हो गया और उसका जीवन नर्क हो गया !
सः कथितः तत कोरोना इत्यस्य कारणात् यदा पूर्ण विश्वम् विरमतम् तदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: च् प्रदेशस्य कृषकस्य कार्यम् विरमितुम् न दत्तौ !
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से जब पूरी दुनिया ठहर सी गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के किसान के काम को ठहरने नहीं दिया !
इक्षु कृषिक्षेत्रेषु अचल: आसीत् वयं च् एकमपि शर्कराशिल्पशालावरुद्धतुम् न दत्त:,फूलपुरे इफ्को इत्यस्य शिल्पशालाम् एकदिवसमपि अवरुद्धतुम् न दत्त:,प्रदेशस्य कृषकान् उचित काले बीजम्,उर्वरकम्,जलम् दत्ता: !
गन्ना खेतों में खड़े थे और हमने एक भी चीनी मिल बंद नहीं होने दिया,फूलपुर में इफ्को के कारखाने को एक दिन भी बंद नहीं होने दिया, प्रदेश के किसानों को समय पर बीज,खाद, पानी दिया है !
उत्तरप्रदेशस्य पूर्ववर्ती सपा सरकारे लक्ष्यम् लक्ष्यमानः कृषिमंत्री दृढ़कथनं कृतः तत २०१५-१६ तमे प्रदेशस्य खरीफ शस्यानां उत्पादनम् १५४ लक्ष मीट्रिक टन इत्यासीत् !
उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री ने दावा किया कि 2015-16 में प्रदेश का खरीफ फसलों का उत्पादन 154 लाख मीट्रिक टन था !
यद्यपि वर्तमान सर्कारस्य चत्वारः वर्षात् अपि न्यून काले दिसंबर,२०२० इत्यस्य सूचनापत्रस्य अनुरूपम् प्रदेशे खरीफ शस्यानां उत्पादनम् बर्धित्वा २१४ लक्ष ३९ सहस्र मीट्रिक टन इति प्राप्त: !
जबकि मौजूदा सरकार के चार साल से भी कम समय में दिसंबर,2020 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़कर 214 लाख 39 हजार मीट्रिक टन पहुंच गया !
कार्यक्रमस्य उद्घाटनेन पूर्व संवाददाताभिः वार्तालापे कृषिमंत्री कृषि विधेयकेषु कथितः इमानि यत् कृषि विधेयकम् आनयत:,ते कृषकाणाम् पथभ्रष्टम् कुर्वन्ति ! अयम् कृषि मेलकम् अतएवारम्भयत: यस्मात् कृषकाणाम् मध्य भ्रम इति द्रुतम् कर्तुम् शक्नुत: !
कार्यक्रम के उद्घाटन से पूर्व संवाददाताओं से बातचीत में कृषि मंत्री ने कृषि कानूनों पर कहा ये जो कृषि कानून आए हैं,वे किसानों के हित में हैं और कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं ! यह कृषि मेला इसलिए लगाया गया है जिससे किसानों के बीच भ्रम दूर किया जा सके !