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कास्ति रिलिजियस वर्शिप अधिनियम १९९१, आगच्छन्तु ज्ञायन्ति ! क्या है रिलिजियस वर्शिप एक्ट 1991, आईए जानते हैं !

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यदातः ज्ञानवापी मस्जिदस्य कलहम् आरंभितं तदा तः रिलिजियस वर्शिप एक्ट १९९१ तमस्य बहुचर्चाम् भवति ! विशेषतः यस्य उल्लेखम् असदुद्दीन ओवैसी बहु करोति ! मयानुभवामि इति विधेयकम् गृहीत्वा जनाः बहु भ्रमिता: अपि सन्ति !

जब से ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद शुरू हुआ है तब से रिलीजियस वर्शिप एक्ट 1991 की खूब चर्चा हो रही है ! खास कर इस का जिक्र असद्दुदीन ओवैसी खूब कर रहे हैं ! मुझे लगता है इस कानून को लेकर काफी लोग भ्रमित भी हैं !

इतिविधेयकस्य संबंधे बहु केचनासत्यमपि प्रसरीति ! टीवी वार्तास्थानेषु सोशल मीडिया इत्यां ओवैसी तस्य समर्थका: वा एकस्य वार्तायाः उद्धरण ददान्ति तत रिलिजियस वर्शिप एक्ट १९९१ तमे स्पष्टम् लिखितमस्ति तत अगस्त १९४७ तमस्य अनंतरम् प्रत्येक धार्मिकस्थलस्य यथास्थितिम् रमिष्यति !

इस कानून के संबंध में काफी कुछ झूठ भी फैलाया जा रहा है ! टीवी न्यूज चैनलों और सोशल मिडिया पर ओवैसी या उनके समर्थक एक बात की दुहाई देते हैं कि रिलिजियस वर्शिप एक्ट 1991 में साफ लिखा है कि अगस्त 1947 के बाद हर धार्मिक स्थल की यथास्थिति बनी रहेगी !

तेषु कश्चित परिवर्तनम् भवितुं न शक्नोति ! तस्य विरुद्धम् कश्चित याचिका प्रस्तुतं स्वीकार्यम् वा न भविष्यति ! भवतः ज्ञापयन्तु रिलिजियस वर्शिप एक्ट १९९१ केवलं चत्वारि पृष्ठानां अस्ति, यस्मिन् अष्ट खंडानि सन्ति ! यस्मिन् सर्वात् महत्वपूर्णमस्ति खंड ४(२), इदृशं मयानुभवामि !

उनमें कोई बदलाव नहीं हो सकता है ! उसके खिलाफ कोई याचिका दाखिल या स्वीकार नही होगी ! आप को बता दूँ रिलिजियस वर्शिप एक्ट 1991 कुल चार पन्नों का है, जिनमें आठ क्लाॅजेज हैं ! इसमें सबसे महत्वपूर्ण है क्लाज 4(2), ऐसा मुझे लगता है !

इति खंडे संभवतः ओवैसी महोदयस्य ध्यानम् न गच्छति, संभवतः एकः धूर्त: राजनीतिज्ञस्य इव ते मुस्लिमानां निर्बुद्धिम् करोति, कुत्रचित ते स्वयं एकः धूर्त: अधिवक्ता रमति !

इस Clause पर शायद ओवैसी साहब का ध्यान नहीं जा रहा है, शायद एक चालाक राजनीतिज्ञ की तरह वे मुसलमानों की आँखो में धूल झोंक रहे हैं, क्योंकि वे खुद एक शातिर वकील रहे हैं !

रिलिजियस वर्शिप एक्ट १९९१ इदमवश्यं कथ्यति तत अगस्त १९४७ तमस्यानंतरम् प्रत्येक धर्मिक स्थलस्य यथास्थितिम् रमिष्यति ! तस्य प्रारूपे कश्चित परिवर्तनम् न भविष्यति तु द्वितीयं प्रति इति विधेयकस्य आर्टिकल ४(२) कथ्यति तत अयोध्या राम मंदिर कलहम् यस्य परिक्षेत्रे नागच्छति !

रिलिजियस वर्शिप एक्ट 1991 यह जरूर कहता है कि अगस्त 1947 के बाद हर धार्मिक स्थल की यथास्थिति बनी रहेगी ! उसके ढांचे में कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन दूसरी तरफ इस एक्ट का आर्टिकल 4(2) कहता है कि अयोध्या राम मंदिर विवाद इसके दायरे में नही आता है !

तानि धार्मिक स्थळं, धर्मिक भवनानि अपि यस्य क्षेत्रे न आगच्छति यत् ऐतिहासिकं सन्ति ! तानि धार्मिक स्थलमपि यस्यक्षेत्रे नागच्छन्ति यस्य १९४७ तः १९९१ तमस्य मध्य मूलप्रारूपे परिवर्तनम् कृतमसि ! इदृशं विवादितं धार्मिकस्थलमपि यस्य क्षेत्रे न आगच्छन्ति येषु १९९१ तमस्य पूर्वतः कश्चित विधिक याचिकां पंजीकृतमस्ति !

वे धार्मिक स्थल, धार्मिक इमारतें भी इसके दायरे में नहीं आते हैं जो ऐतिहासिक हैं ! वे धार्मिक स्थल भी इसके दायरे में नहीं आते हैं जिनके 1947 से 1991 के दरम्यान मूल ढांचे में बदलाव किया गया हो ! ऐसे विवादित धार्मिक स्थल भी इसके दायरे में नहीं आते हैं जिन पर 1991 के पहले से कोई कानूनी याचिका दायर है !

येन सहैव एकमन्य सहाय्यकं विधिमस्ति, १९५८ यत् ऐतिहासिक शब्दस्य व्याख्याम् करोति ! तत कथ्यति तत प्रत्येक भवनम्/स्थानम्/परिसरम् यत् १०० वर्षतः अधिकं पुरातनमस्ति, तत ऐतिहासिकमस्ति ! सम्प्रति ध्यानेण पठिष्यति !

इस के साथ ही एक और सहायक कानून है, 1958 जो ऐतिहासिक शब्द की व्याख्या करता है ! वह कहता है कि वह हर इमारत/स्थान/परिसर जो 100 साल से अधिक पूरानी है, वह ऐतिहासिक है ! अब जरा ध्यान पढ़ियेगा !

ज्ञानवापी मस्जिदे केचन महिला: पूजनस्य अधिकारस्यानुरूपम् फरवरी, १९९० तमे इव याचिका पंजीकृतं कर्तुं धृतमस्ति ! ज्ञानवापी मस्जिदे परिसरे च् १९४७ तः १९९१ तमस्य मध्य बहु परिवर्तनं कृतवान कथ्यन्तु वा तत यस्य मूल संरचनाया बोधपूर्वम् छेड़छाड़ इति कृतवान !

ज्ञानवापी मस्जिद पर कुछ महिलाओं ने पूजा के अधिकार के तहत फरवरी, 1990 में ही याचिका दायर कर रखी है ! ज्ञानवापी मस्जिद और परिसर में 1947 से 1991 के मध्य काफी फेरबदल किया गया है या कह लें कि इस की मूल संरचना से जानबूझकर छेड़छाड़ की गई है !

ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद भवनम् लगभगम् ३५० वर्ष पुरातनमस्ति अर्थतः १०० तः अपि अधिकं ! अर्थतः इदमस्ति ततेदमपि ऐतिहासिकभवनानां व्याख्यायाः क्षेत्रे आगच्छति ! ज्ञानवापी मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि कलहाभ्यां बहु याचिका: प्रस्तुतं माननीय न्यायालयेण स्वीकृतमपि सन्ति ! अधुनैव कश्चित याचिकाम् निरस्तं न भवितमस्ति !

ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद इमारत लगभग 350 साल पुरानी है यानि 100 से भी अधिक ! मतलब यह है कि यह भी ऐतिहासिक इमारतों की व्याख्या के दायरे में आती है ! ज्ञानवापी मस्जिद और कृष्ण जन्म-भूमि विवाद के लिए कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं और माननीय न्यायालय द्वारा स्वीकार भी हो चुकी हैं ! अब तक कोई याचिका खारिज नहीं हुई है !

मयानुभवामीदमेव त्रीणि मुख्य कारणं सन्ति, यस्य कारणेन ज्ञानवापी मस्जिदमसि कृष्ण जन्मभूमि कलहम् वा, इमे द्वे स्थले रिलिजियस वर्शिप एक्ट १९९१ तमस्य क्षेत्रे नागच्छत: ! इति विधेयकस्य कठिन्यताभिः बाह्य स्त: !

मुझे लगता है यही तीन मुख्य कारण हैं, जिनकी वजह से ज्ञानवापी मस्जिद हो या कृष्ण जन्म-भूमि विवाद, ये दोनों स्थल रिलिजियस वर्शिप एक्ट 1991 के दायरे में नहीं आते हैं ! इस Act की जटिलताओं से बाहर हैं !

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