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नवयुग बालिका: आदरसहितं समर्पितं ! मॉर्डन लड़कियों को आदर सहित समर्पित !

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बालक: क्रमांक याच्यिष्यन्ते, भवती दत्तवती, बालक: चित्रम् याच्यिष्यन्ते, भवती दत्तवती, बालक: चलचित्रीय कॉल कर्तुमकथयत्, भवती कृतवती, सम्प्रति बालक: उत्तरीय निर्वर्तनाय अकथयत्, भवती निर्वर्तवती ! बालक: केचन दर्शस्येच्छेत्, भवती पूर्णवती !

लड़के ने नम्बर मांगा, आपने दे दिया, लड़के ने तस्वीर मांगी, आपने दे दी, लड़के ने वीडियो कॉल के लिए कहा, आपने कर ली, अब लड़के ने दुपट्टा हटाने को कहा, आपने हटा दिया ! लड़के ने कुछ देखने की ख्वाहिश की, आपने पूरी कर दी !

बालक: मेलनमकथयत्, भवती पितरौ कैतवं दत्वा प्रियेण मेलने प्राप्तवती ! बालक: उद्याने तिष्ठ्वा भवत्याः प्रशंसन् भवताम् भविष्यस्य शोभनम् दृश्यं प्रदर्शेत्, भवती दर्शवती, पुनः जूस कार्नर इत्यां जूस पिबति काळम् बालक: हस्तम् स्पर्शवान्, सैनम् कृतवान्, यदि कश्चित वार्ता न, सम्प्रति नवकाळम् अस्तीदम् सर्वम् चरतीव !

लड़के ने मिलने को कहा, आप माँ बाप को धोखा देकर आशिक से मिलने पहुंच गयीं ! लड़के ने पार्क में बैठकर आपकी तारीफ करते हुए आपको सब्जबाग दिखाए, आपने देख लिये, फिर जूस कार्नर पर जूस पीते वक्त लड़के ने हाथ लगाया, इशारे किये, मगर कोई बात नहीं, अब नया जमाना है यह सब तो चलता ही है !

सम्प्रति पुनः बालक: आश्रयस्थले कक्ष नयस्य वार्ता कृतवान्, भवती व्रीडन्ती न कृतवती तत पाणिग्रहणतः पूर्वमिदम् सर्वम् साधु नानुभवेत् न, पुनः द्वयदा त्रयदा कथने भवती तत्परा भूतवती, आश्रयस्थलस्य कक्षे गन्तुं, भवतौ मेलित्वा बहु एंजॉय कृतवन्तौ !

अब फिर लड़के ने होटल में कमरा लेने की बात की, आपने शर्माते हुए इंकार कर दिया कि शादी से पहले यह सब अच्छा तो नहीं लगता न, फिर दो तीन बार कहने पर आप तैयार हो गयीं, होटल के कमरे में जाने के लिए, आप दोनों ने मिल कर खूब एंजॉय किया !

अंडरस्टैंडिंग इत्या: नामनि वरवधू अभवताम् प्रोटेक्शन इति प्रयुज्यवंतौ, केवलं शिशु नासि यस्मिन् ध्यानम् दत्तवती, पुनः एकं दिवसं कलहम् अभवत् सर्वम् संपादितं च् कुत्रचित् वर्णशंकरस्य संबंधानां परिणाम केचनेदृशमेव भवति, तु अत्र पूर्ण बालक: असाधु नास्ति, सः वृक: अस्ति, सः पातकिनस्ति, सः सर्वमस्ति !

अंडरस्टेंडिंग के नाम पर दुल्हा दुल्हन बन गए प्रोटेक्शन प्रयोग किया, बस बच्चा पैदा न हो इस पर ध्यान दिया, फिर एक दिन झगड़ा हुआ और सब खत्म क्योंकि हराम के रिश्तों का अंजाम कुछ ऐसा ही होता है, लेकिन यहां सरासर लड़का गलत नहीं है, वह भेड़िया है, वह मुजरिम है, वह सब कुछ है !

कुत्रचित् भवती तर्हि चित्राणि न दत्तासीत् सः बलात् भवत्याः मोबाइल इत्या प्रविश्य नीतवान् स्म ! भवती तर्हि स्व क्रमांक न दत्तवती, सः बालक: स्वयं भवत्याः मोबाइलतः क्रमांक नयवान् स्म ! भवती तर्हि चलचित्रीय कॉल न कृतवती, सः बालक: स्वयं भवत्याः गृहम् प्राप्तवान् स्म भवताम् प्रत्यक्ष दर्शितुं !

क्योंकि आपने तो तस्वीर नहीं दी थी वह जबरदस्ती आपके मोबाइल में घुस कर ले गया था ! आपने तो अपना नम्बर नहीं दिया, वह लड़का खुद आपके मोबाइल से नम्बर ले गया था ! आपने तो वीडियो कॉल नहीं की, वह लड़का खुद आपके घर पहुंच गया था आपको लाइव देखने !

जूस कार्नर इत्यामपि बलात् नयवान् स्म गन प्वाइंट इत्यां, आश्रयस्थलस्य कक्षमेवापि सः भवताम् बलात् भवत्याः गृहात् नयवान् स्म, तर्हि पातकिन् तर्हि केवलं बालकः अस्ति भवती तर्हि निःसंशयमपि न, शिशु अस्ति भवती कश्चित चतुर्वषीया ! भवताम् चेतम् नागच्छति ?

जूस कार्नर पर भी जबरदस्ती ले गया था गन प्वाइंट पर, होटल के कमरे तक भी वह आपको जबरदस्ती आपके घर से ले गया था, तो मुजरिम तो सिर्फ लड़का है आप तो बिल्कुल भी नहीं, बच्ची हैं आप कोई चार साल की ! आपको समझ नहीं आती है ?

इमानि तुच्छद्रव्यमिव पतितं शवानि दर्शित्वापि भवताम् बोधम् नागच्छति ? इदम् विना शिरस्य मेलकं गात भवत्याः मस्तिष्के कश्चित बोधम् न ददाति ? इदम् सोशल मीडिया इत्यामागत दिवसं अधिकतायाः बर्धितं घटना भवताम् केचन न ज्ञापयति ?

यह कचरे में पड़ी लाशें देख कर भी आपको अक्ल नहीं आती है ? यह बिना सर के मिलने वाले धड़ आपकी अक्ल पर कोई चोट नहीं देते है ?
यह सोशल मीडिया पर आए दिन ज्यादती के बढ़ती हुई घटना आपको कुछ नहीं बताती है ?

भवताम् न ज्ञातमासीत् तत एकस्याश्रयस्थलस्य कक्षे भित्त्यां संभोगम् भवति ! सर्वं ज्ञातमासीत् भवताम्, सर्वम् ज्ञातमस्ति भवताम् ! आश्रयस्थलस्य कक्षे प्रीत्या: गीतम् न लेखते, तत्र कश्चित प्रार्थना न भवति, पुनः अपवादम् भवति चत्वारः बालका: सामूहिक दुष्कर्म कृतवन्ता: !

आपको नहीं पता था कि एक होटल के कमरे में या चारदीवारी में जिस्मों की प्यास बुझाई जाती है ! सब पता था आपको, सब पता है आपको ! होटल के कमरे में मुहब्बत के अफसाने नहीं लिखे जाते है, वहां कोई इबादत नही होती है, फिर शिकायत होती है कि चार लड़कों ने ग्रुप रेप कर दिया !

किमनुभवति सः भवत्याः यः भवत्याः सम्मानस्य ध्यानम् धार्यते, यः स्वयं भवतामस्मै कार्याय गृहीत्वा गच्छति ? यदि भवती स्व सिम्नी रमिष्यति तर्हि भवताम् कश्चितापि क्षतिम् प्राप्तुं न शक्नोति, गातस्य वुभुक्षिताभिः द्रुतं रमतु !

क्या लगता है वह आपका जो आपकी इज्जत का ख्याल रखे, जो खुद आपको इसी मकसद के लिए लेकर जा रहा है ? अगर आप अपनी सीमा में रहेंगी तो आपको कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, जिस्म के भूखों से दूर ही रहें !

बालकः असि बालिका वा प्रीति यथा पूतसंबंधम् दुर्नाम न करोतु, प्रीति हृदय दर्शित्वा करोतु न तत गातम् दर्शित्वा ! यदैव त्वम् सहाय्य न दाष्यति तदैव कश्चित बालकस्य कश्चित शक्तिम् नास्ति तत तः त्वया कश्चित आश्रयस्थलस्य कक्षमेव नीतुं शक्नुतः !

लड़का हो या लड़की प्यार जैसे पवित्र रिश्ते को बदनाम ना करें, प्यार दिल देखकर करें ना कि जिस्म देखकर ! जब तक तुम साथ नही दोगी तब तक किसी लड़के की कोई औकात नही हैं कि वो तुम्हें किसी होटल के रूम तक ले जा सके !

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