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मध्य प्रदेशे बागेश्वर धामक: पंडित धीरेंद्र शास्त्रिणा कथा श्रुणु ९५ जनाः सनातन धर्म स्वीकृतवन्तः ! MP में बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री से कथा सुन 95 लोगों ने की घर वापसी !

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मध्यप्रदेशस्य सागर जनपदे बागेश्वर धामस्य पंडित धीरेंद्र शास्त्रिणा कारित: कथायां ५० तः अधिकं कुटुंबानां ९५ जनाः सनातन धर्म स्वीकृतवन्तः ! इमे जनपदस्य पृथक-पृथक ग्रामाणां वासिन: सन्ति !

मध्यप्रदेश के सागर जिले में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा करवाई जा रही कथा में 50 से ज्यादा परिवारों के 95 लोगों ने सनातन धर्म अपनाया ! ये लोग जिले के अलग-अलग गाँवों के रहने वाले हैं !

ते सनातन धर्म स्वीकृतस्य काळमकथयत् तत ते लोभे आगत्य ईसाई अभवन् स्म तु सम्प्रति पुनः इदृशं न भविष्यति ! ज्ञापयतु तत सागर जनपदस्य बहेरिया क्षेत्रे बांके बिहारी नगरे पंडित धीरेंद्र शास्त्री २४ अप्रैलतः कथा करोति स्म ! रविवासरमस्य कथायाः अंतिम दिवसं आसीत् !

उन्होंने घर वापसी के वक्त कहा कि वो लोग लालच में आकर ईसाई बन गए थे लेकिन अब फिर ऐसा नहीं होगा ! बता दें कि सागर जिले के बहेरिया इलाके में बांके बिहारी नगर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री 24 अप्रैल से कथा कर रहे थे ! रविवार को इस कथा का अंतिम दिन था !

अस्यैव दिवसं ९५ जनाः गृहागमनम् कृतन् अकथयन्, वयं लोभे आगत्य पथभ्रष्ट: अभवाम स्म ! तु सम्प्रति न पथभ्रष्ट: न भविष्यामः ! वयं सनातने एव रमिष्याम: ! पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यै: धर्मस्य शपथाददात् ! यै: पीत पट्टिका धारित्वा येषां हिंदू धर्मे स्वागतम् कृतवान् !

इसी दिन 95 लोगों ने घर वापसी करते हुए कहा, हम लालच में आकर मार्ग से भटक गए थे ! लेकिन अब नहीं भटकेंगे ! हम सनातन में ही रहेंगे ! पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इन्हें धर्म की शपथ दिलाई ! इन्हें पीली पट्टिका पहनाकर इनका हिंदू धर्म में स्वागत किया गया !

यं काळम् गृहागमकाः जनाः ज्ञाप्तवन्तः तत तै: कस्मिन् परिस्थितासु ईसाई कृतवन्तः स्म तै: च् किं कथवन्तः स्म ! नौनेलाल: नाम्नः जनः अकथयत् तत पणानि दत्तुं बालकानां च् पठनस्य लोभः दत्वा तान् ईसाई कृतवन्तः स्म !

इस दौरान घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें किन परिस्थितियों में ईसाई बना दिया गया था और उन्हें क्या कहा गया था ! नौनेलाल नाम के शख्स ने कहा कि पैसे देने और बच्चों की पढ़ाई का लालच देकर उन लोगों को ईसाई बनाया गया था !

तु यदा सः पंडित धीरेंद्र शास्त्रिण: कथा अशृणुन् तु तेषां आत्मज्ञानमभवन् ! ते अबदन्न, सम्प्रति यदैव जीवनम् रमिष्यन्ति, सनातन धर्मे एव रमिष्यन्ति ! कुत्रैव न गमिष्यन्ति किं न कश्चित कति एव शक्ति अप्रदर्शयत् ! दैनिक भास्करस्य सूचनापत्रस्यानुसारम् !

लेकिन जब उन्होंने पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनी तो उनकी आत्मा जाग गई ! वे बोले, अब जबतक जिंदगी रहेगी, सनातन धर्म में ही रहेंगे ! कहीं नहीं जाएँगे चाहे कोई कितना ही दम लगाए ! दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार !

दयाल: नाम्नः जनः ज्ञाप्तवान् तत तेन जले निमज्जनम् कृत्वा ईसाई कृतवान् स्म इदृशं च् कृतस्यानंतरम् तेन अजा, मशकजालम्, वेशक: चपि ळब्धवान् स्म ! दयाल: अकथयत्, श्रमिक कर्म करोति स्म अतएव लोभे आगतवान् ! सः अकथयत् स्म तत ईसाई धर्म मानिष्यते तु इदृशमेव सर्वम् ळब्धिष्यति !

दयाल नाम के शख्स ने बताया कि उसे पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई बनाया गया था और ऐसा करने के बाद उसे बकरी, मच्छरदानी और कंबल भी मिले थे ! दयाल ने कहा, मजदूरी करते थे इसलिए लालच में आ गए ! उन्होंने कहा था कि ईसाई धर्म मानोगे तो ऐसे ही सब कुछ मिलेगा !

तत्रैव गृहागमका एका महिलापि ज्ञाप्तवती तत कीदृशं तया ईसाई कृत्वा तया मंगलसूत्र धारणेन न कृतवान् स्म ! ९५ जनानां सनातने पुनः नयस्यानंतरम् बागेश्वर धामकः पंडित धीरेंद्र शास्त्री अकथयत्, वयं जातिवादे न कुर्वन्ति !

वहीं घर वापसी करने वाली एक महिला ने भी बताया कि कैसे उसे ईसाई बनाकर उसे मंगलसूत्र पहनने से मना किया गया था ! 95 लोगों की सनातन में वापसी कराने के बाद बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हम जातिवाद में नहीं पड़ते हैं !

अद्यतः भवन्तः अस्माकं कुटुंबमस्ति ! सः हिन्दुभिः याचना कृतवान् तत सर्वे गृहागमकान् जनान् स्व कुटुंबम् मान्यन्तु ! सः अकथयत् तत यदि अद्यापि हिंदू न जागृते तु अस्यैव प्रकारम् तै: खंड-खंड कर्तुं रमिष्यते ! पंडित धीरेंद्र शास्त्री अबदत्, मम प्रतिज्ञास्ति तत अहम् हिंदुन् खंड-खंड भवितुं न दाष्यामि !

आज से आप लोग हमारा परिवार है ! उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि सभी घर वापसी वाले लोगों को अपना परिवार मानें ! उन्होंने कहा कि अगर आज भी हिंदू नहीं जागे तो इसी तरह उन्हें खंड-खंड किया जाता रहेगा ! पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले, मेरा प्रण है कि मैं हिंदुओं को खंड-खंड नहीं होने दूँगा !

इदमभियानम् चरितुं रमिष्यति ! ज्ञापयतु तत पंडित धीरेंद्र शास्त्री यस्मात् पूर्वमपि बहवः धर्मांतरित जनान् गृहागमनम् कारितवान् ! अस्मिन् मासे फरवरी २०० तः अधिकं जनाः तस्याशीष: गृहीत्वा सनातने आगतवंत: !

ये अभियान चलता रहेगा ! बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इससे पहले भी कई धर्मांतरित लोगों को घर वापसी करवाई है ! इस माह फरवरी में 200 से ज्यादा लोग उनका आशीर्वाद लेकर सनातन में आए !

तस्मात् पूर्वम् क्रिसमस इत्या: एव दिवसं अनुमानतः ३०० जनाः हिंदू धर्म स्वीकृतवन्तः स्म ! अस्याभियानस्य कारणम् तेन बहुधा लक्ष्यं अपि कृतवान् ! तु सः अयम् स्पष्टमकथयत् तत तः हिंदून् विखंडेन रक्षितुं रमिष्यति !

उससे पहले क्रिसमस के ही दिन करीबन 300 लोगों ने हिंदू धर्म स्वीकारा था ! इस अभियान के कारण उन्हें कई बार निशाना भी बनाया गया ! लेकिन उन्होंने ये साफ कहा कि वो हिंदुओं को बिखरने से बचाते रहेंगे !

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