यूपीए सर्वकारे प्रधानमंत्री रमेत् कांग्रेसस्य नेता डॉ मनमोहन सिंह: पीएम नरेंद्र मोदिण: वैदेश नीत्या: बहु प्रशंसा कृतमस्ति ! सः अकथयत् तत पूर्वस्य तुल्यतायां अद्य गृहीय राजनीत्यै वैदेशनीत्यति महत्वपूर्णमभवत् !
यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री रहे कांग्रेस के नेता डॉक्टर मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की जमकर सराहना की है ! उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में आज घरेलू राजनीति के लिए विदेश नीति और अधिक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो गई है !
यस्यातिरिक्तं, सः बहुसु प्रकरणेषु वर्तमान भाजपा सर्वकारस्य प्रशंसा कृतवान् ! इंडियन एक्सप्रेस इतम् दत्तं साक्षात्कारे डॉ मनमोहन सिंह: अकथयत् तत रूस-यूक्रेन इति युद्धस्य दृष्टिगत नव विश्वव्यवस्था परिवर्तितमेवास्ति !
इसके अलावा, उन्होंने कई मुद्दों पर वर्तमान भाजपा सरकार की तारीफ की ! इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर नई विश्व व्यवस्था बदल-सी गई है !
अस्य व्यवस्थाम् संचालिते भारतस्य महत्वपूर्णं भूमिकास्ति ! सः अकथयत् तत द्वयाभ्यां देशभ्यां शांत्या: प्रार्थना कृतन् भारतं स्वसंप्रभु आर्थिक हितान् च् प्रथम स्थाने धृत्वा सम्यक् कार्यम् कृतवान् !
इस व्यवस्था को संचालित करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है ! उन्होंने कहा कि दोनों देशों से शांति की अपील करते हुए भारत ने अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही काम किया है !
पूर्व प्रधानमंत्री अकथयत् तत सः भारतस्य भविष्यं प्रति चिन्त्यस्यापेक्षा आशावादिनधिकं ! सः अकथयत् तत स्वतंत्रतायाः अनंतरतः निर्मितं संवैधानिक मूल्यै: सह एकं शांतिपूर्णम् वृहत् लोकतंत्रम् एकं वृहत् बर्धितं च् अर्थव्यवस्थायाः रूपे भारतं अधुना विश्वस्तरे बहु अधिकं सम्मान: लब्धति !
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने की तुलना में आशावादी अधिक हैं ! उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से निर्मित संवैधानिक मूल्यों के साथ एक शांतिपूर्ण बड़े लोकतंत्र और एक बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को अब विश्व स्तर पर बहुत अधिक सम्मान मिल रहा है !
ग्लोबल सप्लाई चेन इत्यां भारतस्य भूमिकायां वदन् देशस्य प्रथमाल्पसंख्यक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: अकथयत् तत वर्तमाने डी-ग्लोबलाइजेशन इत्या: नवप्रकारस्य च् वणिज प्रतिबंधानां वार्ता भवति ! इदम् वर्तमान ऑर्डर इतम् बाधितं कर्तुं शक्नोति !
ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका पर बोलते हुए देश के पहले अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वर्तमान में डी-ग्लोबलाइजेशन और नए प्रकार के व्यापार प्रतिबंधों की बात हो रही है ! ये मौजूदा ऑर्डर को बाधित कर सकते हैं !
तु वैश्विकापूर्ति श्रृंखलासु भारताय नव अवसर: उदघाटितुं शक्नोति ! प्रसिद्ध: अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह: अकथयत् तत भारतं परिवर्तितं विश्वव्यवस्थायां एकस्य अद्वितीयार्थिक अवसरस्य तटे स्थितमस्ति !
लेकिन वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत के लिए नए अवसर भी खोल सकते हैं ! प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत बदलती विश्व व्यवस्था में एक अद्वितीय आर्थिक अवसर के मुहाने पर खड़ा है !
एकं वृहतापण इत्या प्रचुर मानवेण च् प्राकृतिक संसाधनै: च् सह एकस्य शांतिपूर्ण लोकतंत्रस्य रूपे भारतमागन्तुकाः दशकेषु सेवासु, विनिर्माणे उत्पादने च् बलम् दत्वा विश्वस्य एकं महाशक्ति भवितुं शक्नोति !
एक बड़े बाजार और प्रचुर मानव और प्राकृतिक संसाधनों के साथ एक शांतिपूर्ण लोकतंत्र के रूप में भारत आने वाले दशकों में सेवाओं, विनिर्माण और उत्पादन पर जोर देकर दुनिया की एक आर्थिक महाशक्ति बन सकता है !
ज्ञापयतु तत भारतं विनिर्माण क्षेत्रे अग्रणी कर्तुं प्रधानमंत्री मोदी सर्वकारः प्रथमतरेव प्रयासरत: अस्ति ! यस्य कारणम् चिनस्य निद्रौड्डयत् ! विश्वस्य बहु श्रेष्ठ क्षेत्रस्य संस्थानि भारते उत्पादनमरभन्, तत्रैव विश्व स्तरे भारतं जलवायू परिवर्तनम्, कार्बनोत्सर्जनम् इत्यादयेषु संछिन्नम् गृहीत्वा भारतस्य स्टैंड इति स्पष्टम् कृतवान् !
बता दें कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार पहले से ही प्रयासरत है ! इसके कारण चीन की नींद उड़ी हुई है ! विश्व की कई दिग्गज क्षेत्र की कंपनियाँ भारत में उत्पादन शुरू कर चुकी हैं, वहीं विश्व स्तर पर भारत जलवायु परिवर्तन, कार्बन उत्सर्जन आदि में कटौती को लेकर भारत का स्टैंड साफ कर चुका है !
अस्य प्रकारम् एकं दशकमेव (२००४-२०१४) देशस्य प्रधानमंत्री रमेत् एकस्य प्रसिद्ध: अर्थशास्त्रिण: अयम् कथनम् तत काळम् बहु महत्वपूर्ण भवते, यदा विश्वस्य २० शक्तिसम्पन्न: देशानां नेतारः जी-२० इत्यां सम्मेलतुं देहल्यां प्राप्तुं अरभन् ! येन वर्तमान सर्वकारस्य नितीनां साफल्यस्य रूपे दर्शते !
इस तरह एक दशक तक (2004-2014) देश के प्रधानमंत्री रहे एक विख्यात अर्थशास्त्री का यह बयान उस वक्त में बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, जब विश्व के 20 शक्तिशाली देशों के नेता जी-20 में शामिल होने के लिए दिल्ली में पहुँचना शुरू हो चुके हैं ! इसे वर्तमान सरकार की नीतियों की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है !
साभार-ऑप इंडिया