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कैलाश पर्वतस्य चंद्रस्य च् रहस्यम् ! कैलाश पर्वत और चंद्रमा का रहस्य !

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कैलाश पर्वतं एकं असिद्ध रहस्यमस्ति, कैलाश पर्वतस्य एतै: रहस्यै: नासापि विस्मित: अभवत्, कैलाश पर्वतं, अस्य ऐतिहासिक पर्वतं अद्यैव वयं सनातनी भारतीय: जनाः शिवस्य वासम् मान्याम: ! शास्त्रेषु अपीदमेव लिखितमस्ति तत कैलाशे शिवस्य वासमस्ति !

कैलाश पर्वत एक अनसुलझा रहस्य है, कैलाश पर्वत के इन रहस्यों से नासा भी चकित हो चुका है, कैलाश पर्वत, इस ऐतिहासिक पर्वत को आज तक हम सनातनी भारतीय लोग शिव का निवास स्थान मानते हैं ! शास्त्रों में भी यही लिखा है कि कैलाश पर शिव का वास है !

तु तत्रैव नासा यथैव वैज्ञानिक संस्थायै कैलाश एकं रहस्यपूर्ण स्थानमस्ति ! नासाया सह-सह बहवः रूसी वैज्ञानिका: कैलाश पर्वते स्वसूचना पत्राणि दत्तवन्तः ! तेषां मान्यतमस्ति तत कैलाश खलु बहूनां अलौकिक शक्तिनां केंद्रमस्ति !

किन्तु वहीं नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश एक रहस्यमयी जगह है ! नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत पर अपनी रिपोर्ट दी है ! उन सभी का मानना है कि कैलाश वास्तव में कई अलौकिक शक्तियों का केंद्र है !

विज्ञानमिदम् दृढ़कथनम् तु न करोति ततात्र शिव: दर्शितुं गतवान् तु अयम् सर्वे मान्यन्ति ततात्रे बहवः पूतशक्तय: अवश्य कार्यं कुर्वन्ति ! तु आगच्छतु अद्य वयं भवतम् कैलाश पर्वततः संलग्नत् केचन रहस्यं ज्ञापयामः !

विज्ञान यह दावा तो नहीं करता है कि यहाँ शिव देखे गये हैं किन्तु यह सभी मानते हैं, कि यहाँ पर कई पवित्र शक्तियां जरूर काम कर रही हैं ! तो आइये आज हम आपको कैलाश पर्वत से जुड़े हुए कुछ रहस्य बताते हैं !

रहस्य १- रूस इत्या: वैज्ञानिकानां इदृशं मान्यतं अस्ति तत कैलाश पर्वतम् खमेण धराया च् सह येन प्रकारेण केंद्रे अस्ति यत्रे चत्वारः दिशा: मेलयन्ति ! तत्रैव रूसी विज्ञानस्य दृढ़कथनम् अस्ति ततेदम् स्थानम्मम एक्सिस मुंडी अस्ति अस्मिनेव स्थाने च् जनाः अलौकिक शक्तिभिः सरलताया संपर्क इति कर्तुं शक्नोति ! धरायां इदम् स्थानम् सर्वातधिकं शक्तिसंपन्नमस्ति !

रहस्य 1-रूस के वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि, कैलाश पर्वत आकाश और धरती के साथ इस तरह से केंद्र में है जहाँ पर चारों दिशाएँ मिल रही हैं ! वहीं रूसी विज्ञान का दावा है कि यह स्थान एक्सिस मुंडी है और इसी स्थान पर व्यक्ति अलौकिक शक्तियों से आसानी से संपर्क कर सकता है ! धरती पर यह स्थान सबसे अधिक शक्तिशाली है !

रहस्य २-दृढ़कथनम् क्रियते तताद्यैव कश्चित अपि जनाः कैलाश पर्वतस्य शिखरे न प्राप्तवन्तः ! तत्रैव ११ सद्यां तिब्बतस्य योगिन् मिलारेपिण: अत्र गमनस्य दृढ़कथनम् क्रियते ! तु अस्य योगिण: पार्श्वास्य वार्तायाः साक्ष्य न आसीत् पुनः वा सः स्वयं साक्ष्य प्रस्तुतं कर्तुं न इच्छति स्म ! अतएवायमपि एकं रहस्यमस्ति तत येन अत्र पगम् धृतवान् पुनः वा सः केचन ज्ञापतुं न इच्छति स्म !

रहस्य 2-दावा किया जाता है कि आज तक कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुच पाया है ! वहीं 11 सदी में तिब्बत के योगी मिलारेपी के यहाँ जाने का दावा किया जाता रहा है ! किन्तु इस योगी के पास इस बात के प्रमाण नहीं थे या फिर वह स्वयं प्रमाण प्रस्तुत नहीं करना चाहता था ! इसलिए यह भी एक रहस्य है कि इन्होंने यहाँ कदम रखा या फिर वह कुछ बताना नहीं चाहते थे !

रहस्य ३-कैलाश पर्वते द्वे सरोवरे स्त: इमे द्वे एव रहस्यं रचितुं अभवताम् ! अद्यैव यस्यापि रहस्यं कश्चित अंवेषितुं न शक्नोति ! एकं सरोवरम् स्वच्छ पूत च् जलस्यास्ति ! यस्याकृति सूर्यम् समम् ज्ञाप्तवान् ! तत्रैव द्वितीय सरोवरम् अपूतास्वच्छ च् जलस्यास्ति तु यास्यकृति चंद्रम् सममस्ति !

रहस्य 3-कैलाश पर्वत पर दो झीलें हैं और यह दोनों ही रहस्य बनी हुई हैं ! आज तक इनका भी रहस्य कोई खोज नहीं पाया है ! एक झील साफ और पवित्र जल की है ! इसका आकार सूर्य के समान बताया गया है ! वहीं दूसरी झील अपवित्र और गंदे जल की है तो इसका आकार चन्द्रमा के समान है !

रहस्य ४-अत्रस्याध्यात्मिकस्य शास्त्राणां चनुसारं रहस्यस्य वार्ता कुर्वन्तु तु कैलाश पर्वते कश्चित अपि जनः गातेण सहोच्चतम शिखरे प्राप्तुं न शक्नोति ! इदृशं ज्ञाप्तवान्, ततात्रे देवानां अद्य अपि वासम् सन्ति ! पूतसंतानां आत्मानः एव अत्र वासस्याधिकार: दत्तवान् !

रहस्य 4-यहाँ के आध्यात्मिक और शास्त्रों के अनुसार रहस्य की बात करें तो कैलाश पर्वत पे कोई भी व्यक्ति शरीर के साथ उच्चतम शिखर पर नहीं पहुच सकता है ! ऐसा बताया गया है, कि यहाँ पर देवताओं का आज भी निवास हैं ! पवित्र संतों की आत्माओं को ही यहाँ निवास करने का अधिकार दिया गया है !

रहस्य ५-कैलाश पर्वतस्यैकं रहस्यं इदमपि ज्ञाप्यते तत यदा कैलाशे तुषार: द्रवति तु अत्रतः ढक्का यथैव स्वरमागच्छति ! येन बहवः जनाः अशृणोन् ! तु अस्य रहस्यं अद्यैव कश्चित निर्णयं न कर्तुं शक्नोति !

रहस्य 5-कैलाश पर्वत का एक रहस्य यह भी बताया जाता है कि जब कैलाश पर बर्फ पिघलती है तो यहाँ से डमरू जैसी आवाज आती है ! इसे कई लोगों ने सुना है ! लेकिन इस रहस्य को आज तक कोई हल नहीं कर पाया है !

रहस्य ६-बहुधा कैलाश पर्वते सप्त प्रकारस्य प्रकाश: खमे दर्शवान् ! यस्मिन् नासायाः इदृशं मान्यतमस्ति ततात्र चुम्बकीय बलमस्ति खमतः च् मेलित्वा तत् बहुधा यस्य प्रकारस्य वस्तुनां निर्माणं करोति !

रहस्य 6-कई बार कैलाश पर्वत पर सात तरह के प्रकाश आसमान में देखे गये हैं ! इस पर नासा का ऐसा मानना है कि यहाँ चुम्बकीय बल है और आसमान से मिलकर वह कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता है !

रहस्य ७- कैलाश पर्वत विश्वस्य ४ मुख्य धर्माणां केंद्रम् मानितवान् ! अत्र बहवः साधवः संतानां च् स्व देवै: टेलीपैथी इत्या संपर्कम् कुर्वन्ति ! वस्तुतः इदमाध्यात्मिक संपर्कम् भवति !

रहस्य 7-कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों का केंद्र माना गया है ! यहाँ कई साधू और संत अपने देवों से टेलीपैथी से संपर्क करते हैं ! असल में यह आध्यात्मिक संपर्क होता है !

रहस्य ८- कैलाश पर्वतस्य सर्वात् वृहत् रहस्यं स्वयं विज्ञानमसिद्धयत् तत अत्रे प्रकाशस्य ध्वन्या: च् मध्य यस्य प्रकारस्य समागम: भवति ततात्रतः ॐ इत्या: स्वराणि श्रुणुतुं ददाति !

रहस्य 8-कैलाश पर्वत का सबसे बड़ा रहस्य खुद विज्ञान ने साबित किया है कि यहाँ पर प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से ॐ की आवाजें सुनाई देती हैं !

अवगम्यिष्यते तत, कैलाश पर्वतम् किं अद्यापि इयत् धार्मिक वैज्ञानिक च् महत्त्वम् धृतवत् ! प्रतिवर्षमत्र विश्वत: बहवः जनाः अनुभवं नीतुं आगच्छन्ति, सनातन धर्माय च् कैलाश सर्वात् वृहतादिकालीन धार्मिक स्थलमपि रचितुं अभवत् !

समझ गये होंगे कि, कैलाश पर्वत क्यों आज भी इतना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व रखे हुए है ! हर साल यहाँ दुनियाभर से कई लोग अनुभव लेने आते हैं, और सनातन धर्म के लिए कैलाश सबसे बड़ा आदिकालीन धार्मिक स्थल भी बना हुआ है !

अत्रे दिनकरस्य निशाकरस्य च् संधिकाळं (सायं काळम्) प्रकाशस्य ध्वन्या: च् मध्यास्य प्रकारस्य समागम भवत: ततात्रतः ॐ इत्या: स्वराणि शृणुतुं ददाति !

यहाँ पर सूर्य और चंद्रमा के संधि काल (सायं काल) प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहाँ से ॐ की आवाजें सुनाई देती हैं !

साभार-LifeLight-जीने की कला

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