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धर्मांतरणकृत्वा कुटुंबेण सहाभवत् मुस्लिम, पुनः पूर्व जात्या: आधारे इच्छति स्म सर्वकारी दासता, उच्च न्यायालयं निरस्तं अकरोत् याचिका ! धर्मांतरण कर परिवार सहित बन गया मुस्लिम, फिर पूर्व जाति के आधार पर चाहता था सरकारी नौकरी, HC ने रद्द की याचिका !

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का कश्चित जनः हिंदूधर्मतः इस्लाम ईसाई वा धर्मे धर्मांतरणस्योपरांत स्वजाति स्थिरं धृतुं शक्नोति तस्याधारे आरक्षण इत्यादयः लाभमुत्थीतं रमितुं शक्नोति ! चेन्नई उच्चन्यायालयस्य एकेन निर्णयेन अस्मिन् संबंधे वस्तूनि स्पष्टमभवत् !

क्या कोई व्यक्ति हिन्दू धर्म से इस्लाम या ईसाई मजहब में धर्मांतरण करने के बावजूद अपनी जाति बरकरार रख सकता है और उसके आधार पर आरक्षण इत्यादि के फायदे उठता रह सकता है ? मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले से इस संबंध में चीजें स्पष्ट हुई है !

इस्लाम स्वीकर्ता एकः जनः स्व याचिका गृहीत्वा चेन्नई उच्चन्यायालयं प्राप्तवान स्म ! न्यायाधीश: जीआर स्वामीनाथन: स्पष्टम् कृतवान तत येन जात्यां तस्य जन्म अभवत्, तेन तः धर्मांतरणस्य अनंतरमपि स्व परिचयस्य रूपे प्रयुज्यितुं न शक्नोति !

इस्लाम अपनाने वाला एक व्यक्ति अपनी याचिका लेकर मद्रास हाईकोर्ट पहुँचा था ! जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने स्पष्ट किया कि जिस जाति में उसका जन्म हुआ, उसे वो धर्मांतरण के बाद भी अपनी पहचान के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता है !

इति काळं चेन्नई उच्चन्यायालयं इदमपि टिप्पणिका क्रियेत् तत यदा हिंदू धर्मस्य कश्चित जनः कश्चितान्य धर्मे धर्मातंरणं करोति तर्हि तस्य जाति नेपथ्ये गच्छते ! यथैव तः स्वधर्मे पुनरागच्छति, तस्य जाति गत परिचयमपि पुनरागच्छति !

इस दौरान मद्रास उच्चन्यायालय ने ये भी टिप्पणी की कि जब हिन्दू धर्म का कोई व्यक्ति किसी अन्य मजहब में धर्मांतरण करता है तो उसकी जाति नेपथ्य में चली जाती है ! जैसे ही वो अपने धर्म में वापस लौटता है, उसकी जाति वाली पहचान भी फिर से वापस आ जाती है !

तः तस्य प्रयुज्यं कर्तुं शक्नोति ! यः जनः याचिका प्रस्तुतं क्रियेत् स्म ! तं स्वनाम परिवर्तितमासीत् गैजेट इत्यां च् इदम् न प्रदर्शितमासीत् ! रामनाथपुरमस्य जोनल डिप्टी तहसीलदार २८ अक्टूबर २०१५ तमम् कम्युनिटी सर्टिफिकेट निर्गत कृतवान स्म !

वो उसका इस्तेमाल कर सकता है ! जिस व्यक्ति ने याचिका दायर की थी, वो 2008 में परिवार के साथ मुस्लिम बन गया था ! उसने अपना नाम बदल लिया था और गैजेट में ये नहीं दिखाया था ! रामनाथपुरम के जोनल डिप्टी तहसीलदार ने 28 अक्टूबर, 2015 को कम्युनिटी सर्टिफिकेट जारी किया था !

यस्मिन् ज्ञाप्तवान स्म तत याचिकाकर्ता लब्बैस समाजतः संबंधम् धारयति ! जातिप्रमाणपत्रस्य प्रकरणं तदा संज्ञाने आगतवान स्म यदा उक्त जनः तमिलनाडु पब्लिक सर्विस कमीशन इत्या: परीक्षायां तिष्ठवान ! तं ग्रुप-२ इत्यै प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्णं कृतवान मुख्य परीक्षायां तिष्ठवान !

इसमें बताया गया था कि याचिकाकर्ता लब्बैस समाज से ताल्लुक रखता है ! जाति प्रमाण-पत्र का मामला तब संज्ञान में आया था जब उक्त व्यक्ति तमिलनाडु पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा में बैठा ! उसने ग्रुप-2 के लिए प्रिलिमिनरी एग्जाम क्लियर कर लिया और मेंस में बैठा !

तु, अंतिम चयनस्यानुक्रमणिकायां तेन सम्मिलितं न कृतवान ! तं यदा आरटीआई इत्या: माध्यमेण यस्य कारणं ज्ञातम् कृतवान तर्हि तेन ज्ञाप्तवान तत तेन बैकवॉर्ड क्लास मुस्लिमे सम्मिलितं न कृतवान, अतएव इदृशं अभवत् ! तेन सामान्यवर्गस्य अंतर्गत: इव अमन्यत् ! यस्यानंतरम् तः उच्च न्यायालयं प्राप्तवान !

लेकिन, अंतिम सिलेक्शन की सूची में उसे शामिल नहीं किया गया ! उसने जब RTI के माध्यम से इसका कारण पता किया तो उसे बताया गया कि उसे बैकवॉर्ड क्लास (BC) मुस्लिम में शामिल नहीं किया गया, इसीलिए ऐसा हुआ है ! उसे सामान्य कैटेगरी के अंतर्गत ही माना गया ! इसके बाद वो हाईकोर्ट पहुँचा !

२५ दिसंबर, २०१२ तमम् काजी इत्या निर्गत कृतन् प्रमाणपत्रे इदम् लिखितमस्ति तत तः मुस्लिम समूहे सम्मिलित: अभवत् ! यद्यपि धर्मांतरणस्यानंतरम् आरक्षणस्य दृढ़कथने सर्वोच्च न्यायालये अपि शृणुनं चलति, अतएव चेन्नई उच्चन्यायालयं यस्मिन् अधिकं टिप्पणिका कृतेन न कृतमानः याचिकाकर्तायाः याचिका निरस्तं क्रियेत् !

25 दिसंबर, 2012 को काजी द्वारा जारी किए गए प्रमाणपत्र में ये लिखा है कि वो मुस्लिम जमात में शामिल हुआ है ! चूँकि धर्मांतरण के बाद आरक्षण के दावे पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है, इसीलिए मद्रास हाईकोर्ट ने इस पर अधिक टिप्पणी करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता की याचिका रद्द कर दी !

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