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कश्चित तर्हि बदितम् तत हिंदू-मुस्लिम भ्रातः-भ्रातः इति कीदृशं ? श्रीराम मंदिर दानेन रिंकू शर्मायाः हननेण वा ! कोई तो बताए कि हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई कैसे ? श्रीराम मंदिर चन्दा से या रिंकू शर्मा की हत्या से !

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राममंदिर निर्माणाय सम्पूर्ण भारते दान नीयस्य अभियान तीव्रेषु चरति अयम् हिंदुनां पवित्रायोजनमस्ति,यत् लगभगम् ५०० वर्षाणां प्रतीक्षायाः परिणाममस्ति,यत्रैव तर्हि साधु अस्ति,तु विचारणीयं इदमस्ति !

राममंदिर निर्माण के लिए सम्पूर्ण भारत में चंदा लेने का अभियान जोरों पर चल रहा है यह हिंदुओं का पवित्र आयोजन है,जो लगभग 500 वर्षो की प्रतीक्षा का परिणाम है,यहां तक तो ठीक है,लेकिन विचारणीय यह है !

वर्षात् हिंदू समाज यतै: जनैः त्रसितं भवति,किं तै: जनैः १००,५० रूप्यकाणि दानम् दत्तेन मात्रेण किं बंधुता अचल भव्यते,यदि अचल भव्यते तर्हि बुद्धिजीविन् जनाः यत् अयम् कथ्यन्ति तत हिंदू मुस्लिम भ्रातः भ्रातः तर्हि ताः महानुभाव इति प्रश्नानां उत्तरं ददान्तु ! यत्ता: परिलक्ष्यन्ति तत बंधुत्व भवितुम् शक्नोति !

वर्षो से हिंदू समाज जिन लोगों से त्रसित रहा है, क्या उन लोगों द्वारा 100,50 रुपये चंद दे देने मात्र से क्या भाईचारा कायम हो जाता है,अगर कायम हो जाता है तो बुद्धिजीवी लोग जो यह कहते हैं कि हिंदू मुस्लिम भाई भाई तो वह महानुभाव इन प्रश्नों का उत्तर दे दें ! जिनको लगता है कि भाईचारा हो सकता है !

किं केचन रूप्यकाणि दानस्य नामे दत्ते तस्य आंतरिक हृदयम् शुद्धम् भवितम् ? किं वृश्चिक दंशनम् परित्यक्तयति,किं सर्पम् दुग्धपानयेन तत् घातक विषघातम् न करिष्यति ? अस्माकं अत्र एक: देशज: उक्ति अस्ति तत चौर: चौरक्रमेण गताः तु आलजालेन न गताः !

क्या कुछ रुपये चंदा के नाम पर दे देने पर उसका आंतरिक मन शुद्ध हो गया ? क्या बिच्छु डंक मारना छोड़ देता है,क्या सांप को दूध पिलाने से वह घातक विषघात नहीं करेगा ? हमारे यहां एक देशज कहावत है कि चोर चोरी से जाय मगर हेरा फेरी से न जाय !

अस्य एकम् प्रमाणमपि पश्यतु,एकम्प्रति देशस्य केचन मुस्लिम: दानम् ददान्ति,तत्रैव द्वितीयम्प्रति तेषां सहयोगिन् हननम् आचरीति अयमेव अभवन् इंद्रप्रस्थे !

इसका एक प्रमाण भी देख लीजिए,एक तरफ देश के कुछ मुस्लिम चंदा दे रहें हैं,वहीं दूसरी ओर उनके कारिंदे हत्या को अंजाम दे रहे है यही हुआ है दिल्ली में !

केचन मुस्लिमा: श्रीराम मंदिरे दानम्याचे इंद्रप्रस्थ स्थित मंगोलपुर्याम् रिंकू शर्मा नामक: एकस्य युवकस्य चत्वारः जनाः छुरिका भिदित्वा हननम् कृतः ! आरक्षकः आरोपिनां परिचयं मोहम्मद दानिशस्य,मोहम्मद इस्लामस्य, जाहिदस्य मोहम्मद मेहताबस्य च् रूपे कृतः !

कुछ मुस्लिमों ने श्रीराम मंदिर में चंदा मांगने पर दिल्ली स्थित मंगोलपुरी में रिंकू शर्मा नामक एक युवक की चार लोगों ने चाकू गोंदकर हत्या कर दी ! पुलिस ने आरोपियों की पहचान मोहम्मद दानिश,मोहम्मद इस्लाम,जाहिद और मोहम्मद मेहताब के रूप में की है !

दानिश: इस्लाम: च् सोचि: स्तः,जाहिद: एकम् विद्यालयं छात्रास्ति मेहताब: च् द्वादश कक्षायाम् पठति ! अस्य पश्च कारणम् किमस्ति ! स्पष्टास्ति इदम् जातिगत घृणाया परिपूर्णम् संशयकर मानसिकतामस्ति ! यत् जनाः अद्यैव अयम् कथ्यति स्म तत रामजन्मभूम्या: भूमि अस्माकं अस्ति,तानि जनानां मानसिकता अतिशीघ्र कीदृशं परिवर्तिताः,यत् दानम् दाष्यते ?

दानिश और इस्लाम दर्जी हैं,जाहिद एक कॉलेज छात्र है और मेहताब कक्षा 12 में पढ़ता है ! इसके पीछे वजह क्या है ! स्पष्ट है यह मजहबी नफरत से भरी खतरनाक मानसिकता है ! जो लोग आज तक यह कह रहे थे कि रामजन्मभूमि की जमीन हमारी है,उन लोगों की मानसिकता इतनी जल्दी कैसे बदल गयी,जो चन्दा देने लगे ?

इतिहास साक्षी अस्ति यत् देशस्य न भविताः, तत् भवताम् धर्मविशेषस्य किं भविष्यन्ति ! मतस्य बुभुक्षिताः जनाः दानस्य नामे तर्हि बंधुत्वस्य बंधुत्वस्य स्वरीति,तत्रैवाभवत् इति हनन प्रकरणे मौनम् धार्यताः किं ! किं मौनमस्ति ! लज्जाम् करोतु एतादृशैव राजनित्या !

इतिहास गवाह है जो देश के नहीं हो पाते,वह आपके धर्मविशेष का क्या होंगे ! वोट के भूखे लोग चंदा के नाम पर तो भाईचारा भाईचारा का रट लगा रहे है,वहीं हुई इस हत्या कांड पर चुप्पी साधे हुए हैं क्यों ! क्यों मौन है ! शर्म करो ऐसी राजनीति से !

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