भारतीय रेलवे ने शुक्रवार 4 मार्च को रेलवे से जुड़ी टेक्नोलॉजी कवच का रेल मंत्री अश्विनी अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में ट्रायल किया।
यह सफल परीक्षण ट्रायल लिंगमपल्ली विकाराबाद सेक्शन दक्षिण मध्य रेलवे पर किया गया
क्या आप इस कवच के बारे में जानते हैं?
कवच दरअसल भारत में डिवेलप किया गया ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है। रेलवे ने इसे भारत में बनाया है। इसका मकसद ट्रेनों की टक्कर को रोकना है, ताकि दुर्घटनाएं ना हो और लोगों की जान ना जाए।
अगर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने सामने हो तो कवच टेक्नोलॉजी ट्रेन की स्पीड कम कर इंजन में ब्रेक लगाती है।
इससे दोनों ट्रेनें आपस में टकराने से बच जाएंगी, रेल मंत्री ने कहा कि कवच टेक्नोलॉजी को इस साल 2000 किलोमीटर रेल नेटवर्क पर इस्तेमाल में लाया जाएगा।
इसके बाद हर साल 4000 से 5000 किलोमीटर नेटवर्क जुड़ते जाएंगे ।
कवच टेक्नोलॉजी को देश के तीन वेंडर्स के साथ मिलकर आरडीओ रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स फॉर ऑर्गेनाइजेशन एंड डिवेलप किया है ।
भारतीय रेल ने यह कवच टेक्नोलॉजी खुद डिवेलप किया है, ताकि पटरी पर दौड़ती ट्रेनों की सेफ्टी सुनिश्चित की जा सके और एसडीओ ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल के लिए ट्रेन की स्पीड लिमिट 160 किलोमीटर प्रति घंटा रखी है।
कवच को साल 2020 में नेशनल ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के तौर पर अपनाया गया था कवच एक S4 प्रमाणित टेक्नोलॉजी है
यह सेफ्टी का हाईएस्ट लेवल है, कवच को दिल्ली मुंबई, दिल्ली हावड़ा स्वर्णिम चतुर्भुज और स्वर्ण विकर्ण रोड पर इस्तेमाल पहले किया जाएगा।
कवच सिस्टम ब्रेक के ऑटोमेटिक एप्लीकेशन के द्वारा ट्रेन की स्पीड को कंट्रोल करता है। जब लोको पायलट ऐसा करने में असफल रहता है।
रेलवे के मुताबिक यह सिस्टम ज्यादा फ्रिकवेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का इस्तेमाल करके लगातार मूवमेंट करने के सिद्धांत पर काम करता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार की यह सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। रेलवे में यह बहुत बड़ी समस्या थी ट्रेन दुर्घटना की, लेकिन कवच के आने के बाद इस पर काफी हद नियंत्रण पा लिया जाएगा।
भारत में बना – भारत का कवच।#BharatKaKavach pic.twitter.com/gGQRfFKNCM
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
https://twitter.com/AshwiniVaishnaw/status/1499678972581650433?t=FWldxPYi8Lf4y56QVPj0yA&s=19