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ये जो भारत है ना,यहाँ अब हिन्दू चुपचाप अपमान नहीं सहता है, अब वो प्रतिकार करना जानता है

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26 मई 2014 के बाद कुछ लोगो की दुनिया ही बदल गयी है, हम बात कर रहे हैं हमारे सेक्युलर लिबरल गैंग की, और उनके संगी साथी लश्कर-ऐ-मीडिया की। पिछले ७ सालों में इनके लिए हर पल भारी पड़ा है, इनके दिल का चैन खो गया है, और उसका कारण ये है कि भारत का आम हिन्दू अब जागृत हो गया है। अब हिन्दू सवाल पूछता है, वो धर्म पर होते हमलो का विरोध करता है, कानूनी कार्यवाही करता है, और इन लोगो के दर्द का सबसे बड़ा कारण यही है।

अब The Quint को ही लीजिये, ये भारत के सबसे कुख्यात मीडिया हाउस में से एक है, जिसका एकमात्र ध्येय है भारत का गलत छवि पेश करना और हिन्दुओ कि बुराई करना। पिछले दिनों The Quint ने एक आर्टिकल छापा, जिसमे उन्होंने कथित कॉमेडियन और हिन्दू विरोधी मुनव्वर फारूखी का पक्ष लेते हुए काजल शिंघला पर हमला किया है, और कहा है कि ‘ये जो भारत है ना, यहाँ आप रोजाना नफरत फैला कर भी बच जाते हैं, लेकिन किसी काल्पनिक अपराध की आपको सजा मिलती है।’

आर्टिकल में लेखक ने बड़े ही द्रवित होते हुए कुछ काल्पनिक किस्से कहानियां बनाये है। लेखक ने कहा है की ‘ये जो भारत है ना, क्या यह केवल काजल हिंदुस्तानी से ही ताल्लुक रखता है या मुनव्वर फारुकी को भी कोई महत्त्व देता है?

Quint के अनुसार “काजल बेन शिंघला, जो खुद को काजल हिंदुस्तानी भी कहती है, हमेशा हेट स्पीच देती है, वो पब्लिक समारोहों में, सोशल मीडिया में हेट स्पीच ही देती रहती है। हेट स्पीच से उन्होंने ट्विटर पर करीब 80,000 फॉलोअर्स कमाए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं।”

लेखक ने कहा कि काजल का हाल ही में एक ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमे वो गुजरात के मोरबी शहर में दो ‘अवैध‘ दरगाहों को ध्वस्त करने का आह्वान कर रही थी । काजल ने लोगो से पूछा कि “इस भीड़ में से अगर केवल 500 ही मुझे बता सकते हैं कि वे इस अवैध अतिक्रमण के खिलाफ हैं जो उन्होंने दरबार गाढ़ में किया है, तो हम यह अभियान कल तक शुरू कर देंगे, और जब तक इन दोनों अवैध मस्जिदों को नष्ट नहीं किया जाता तब तक आराम न करें । मैं इस मामले पर रणनीति बनाउंगी और इस मुहीम का नेतृत्व करूंगी, और इसमें मुझे आपका समर्थन चाहिए। मै स्वयं बुलडोज़र लाऊंगी और इन अवैध ढांचों को गिरवाने में सहयोग करूंगी।”

The Quint के लेखक को बड़ी तकलीफ हो रही है, कि कैसे काजल ने एक धार्मिक ढांचे को ध्वस्त करने कि धमकी दी, वो भी सार्वजनिक रूप से। ये कानून और व्यवस्था को खराब करने और सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित करने की कोशिश है, पुलिस को काजल शिंघला को हिरासत में लेने, एफआईआर दर्ज करने, उस पर मुकदमा चलाने के लिए सारे सबूत हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं होगा। क्यूकी ये नया भारत है, और यहाँ काजल हेट स्पीच दे कर भी बच निकलती है।

लेखक की पीड़ा का कारण अब समझ आता है, जब वो कथित कॉमेडियन मुनव्वर फारूखी के बारे में बात करते हैं । मुनव्वर फारूखी कहने को तो कॉमेडियन हैं, लेकिन उनका कंटेंट हिन्दू और हिन्दुओ के देवी देवताओ कि बुराई करने और मजाक उड़ाने भर का रहता है । इसी वजह से इसी साल जनवरी में उन्हें जेल भी हुई थी, जब उसके एक शो के दौरान लोगो ने उसकी पिटाई करके पुलिस को सौंप दिया था।

लेखक के अनुसार मुनव्वर के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे, कोई वीडियो था और ना कोई ऑडियो, लेकिन फिर भी उनको सजा मिली, वहीं काजल के वीडियो आने के बावजूद उन्हें कोई सजा नहीं मिल रही । यहां पर लेखक ने गलत जानकारी दी है , सबसे पहली बात ये है की काजल शिंघला ने लोगो से पूछा है कि इस बात की तस्दीक की जाए कि क्या ये दरगाह अवैध है, और अगर है तो इनके खिलाफ कार्यवाही होनी ही चाहिए। इसमें क्या गलत कहा है काजल ने?

क्या अवैध ढाँचे या अतिक्रमण के खिलाफ बोलना गलत है ? वो ढांचा सही है या गलत, ये तो कानून ही तय करेगा, काजल ने ये तो कहा नहीं कि इन्हे सीधा जा कर तोड़ ही दिया जाए, साफ़ साफ़ कहा है कि अगर अवैध है तो तोडा जाए, और उसके लिए बुलडोज़र भी वो मुहैया करवाएंगी , इसमें आपत्तिजनक क्या लगा Quint के लेखक को ?

और रही बात मुनव्वर फारूखी की, तो उसके वीडियो भरे पड़े हैं सोशल मीडिया में, जहां वो प्रभु श्री राम और सीता माता का मजाक उदा रहा है, और लोग खिलखिला रहे हैं, वो श्री हनुमान जी का मजाक उदा रहा है, और यहाँ तक कि उसने गोधरा में ट्रैन में जला कर मारे गए हिन्दुओ तक पर व्यंग्य किया था । इन सबके वीडियो ऑडियो उपलब्ध हैं, और इन्हे सबूतों कि वजह से मुनव्वर को एक महीना जेल में काटना पड़ा था। लेखक शायद भूल गए हैं कि कोर्ट ने मुनव्वर को रिमांड पर भेजा था, और कोर्ट सबूतों से चलता है, ना कि किसी कि मर्जी से।

मुनव्वर फारूखी के बारे में बड़े ही इमोशनल आर्टिकल लिखे गए, कि वो गरीब है, एकलौता काम करने वाला है, घर का खर्च नहीं चल रहा है, क्यूकी लोगो ने उसके कॉमेडी शो का विरोध करना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से उसको काम मिलना बंद हो गया था। आज भी लोग उसके शो का विरोध करते हैं, और जहाँ भी पता लगता है कि मुनव्वर का शो है, लोग आयोजकों पर दबाव डाल कर शो कैंसिल करवा देते हैं।

सेकुलरो और लिबरलों कि एक ही समस्या है, कि इन्हे ये पच नहीं रहा कि हिन्दू कैसे अपने धर्म के लिए खड़ा हो रहा है, क्यों हिन्दू को उनके भगवानो पर बनाये मजाक बुरे लगने लगे हैं, क्यों हिन्दू को अवैध मज़ार या अल्पसंख्यकों के विशेषाधिकार बुरे लगने लगे हैं। ये तो 70 सालो से निर्बाध चला आ रहा था, हिन्दू तो अमन कि आशा का कबूतर था, ये क्यों पंख फैलाने लगा?

Quint को काजल शिंघला से दिक्कत नहीं है, उन्हें दिक्कत है हिन्दुओ के बदलते व्यवहार से, उन्हें दिक्कत है आम हिन्दुओ से , जो अब हर गलत बात का विरोध करने लगा है, जिसे अपने धर्म पर हमले बर्दाश्त नहीं है, जो अब संगठित मुखर हो कर विरोध करना सीख गया है।

खैर इसमें अब कुछ नहीं किया जा सकता, हिन्दू तो अब जागृत हो चुका है, और वो अब इन मीडिया कि चिकनी चुपड़ी बातो में नहीं आता है, और यही कारण है इनके दर्द का। और अब तो ये दर्द बढ़ते ही जाना है।

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