विश्व स्तर पर किस तरह भारत के हिन्दुओ के साथ भेदभाव किया जाता है इसका उदहारण कुछ दिनों पहले प्रकाश में आया वैसे ये कोई नई बात नहीं है कि हिन्दुओ के साथ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के हर कोने में भेदभाव करने का पूरा प्रयास किया जाता बड़े बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच भी इससे अछूते नहीं है ऐसा ही एक मामला सामने आया है |
बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद के लिए आयोजित हो रहे वैश्विक कांफ्रेंस में भारत को आमंत्रित किया गया है | ये कांफ्रेंस 22 अक्टूबर को होगी, जिसमें भारत से शामिल होने और रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए आर्थिक मदद देने की अपील की गई है |इस कांफ्रेंस का आयोजन US, UK, EU और UAN की रिफ्यूजी एजेंसियां साथ मिलकर कर रही हैं |
इस कांफ्रेंस का मकसद बांग्लादेश में रह रहे म्यांमार के रखाइन प्रांत से जान बचाकर भागे रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद के लिए धन इकट्ठा करना है |अब जरा देखिये ये बड़े बड़े देश जो भारत को दुहाई दे रहे है मानवता की वो अपने देश में इन शरणार्थियों को जगह नहीं देते |
यह सब इनकी एक तरह की साजिश है कि भारत में इन रोहिंग्या मुसलमानो को बसा कर अस्थिरता पैदा करना, आप ही बताए भारत में समस्या क्या कम है पहले ही ऐसे लोग इस देश में है जो पाकिस्तान के गुण गाते है भारत देश का मान नहीं रखते न इस देश के संविधान को मानते है |
ऐसे में इन रोहिंग्या मुसलमानो को जगह देना मतलब किसी जंगली जानवर को पालने के जैसा है ये पूर्व में कितना उत्पात मचा चुके है यह बताने की जरुरत नहीं है |
कश्मीरी पंडितो के लिए कभी ऐसी कोई कांफ्रेंस आयोजित नहीं की गई क्या आज तक किसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कुछ बोला कश्मीरी पंडितो के लिए जो अपने देश में ही शरणार्थी बन कर रह रहे थे |
शरणार्थियों की मदद करके क्या परिणाम होते है वो आज यूरोप के कई देश भुगत रहे है | फ्रांस में तो एक शिक्षक की हत्या कर दी गई , अब आप बोलेंगे की वो हत्या शरणार्थियों ने नहीं की थी तो बताना चाहूंगा थे वो सभी एक ही कौम के है|
भारत को भी अस्थिर करने की यही रणनीति लगती है जिस तरह नरेंद्र मोदी जी सरकार सख्त कदम लेकर दुश्मनो को बाहर खदेड़ रही है उसको अस्थिर करने के लिए रोहिंग्या शरणार्थियों को लाने की योजना बन रही है |
में एक आम व्यक्ति जो खुद ही इस महंगाई में अपना घर चला रहा हूँ क्यों अपना पैसा इन रोहिंग्या शरणार्थियों पर खर्च करूँ? क्यों में ऐसे लोगो की मदद करूँ जो मेरे धर्म और भारत देश के दुश्मन है |
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या से भारत भी जुड़ा हुआ है| भारत म्यांमार और बांग्लादेश दोनों का ही पड़ोसी है | हम रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित और जल्द वापसी चाहते हैं, ताकि वो वापस रखाइन प्रांत लौट जाएं | इसके लिए भारत जो भी मदद कर सकता है, वो करेगा |
इस काम में भारत दोनों ही देशों को मदद पहुंचाएगा |संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय दृष्टिकोण से बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को मदद पहुंचाने के लिए 1 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा था | लेकिन आधा फंड भी नहीं जुट पाया |
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने वर्चुअल कांफ्रेंस का आयोजन 22 अक्टूबर को करने का निर्णय लिया है, ताकि रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद के लिए रकम जुटाई जा सके |
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