राजनीती भी एकदम अजीब चीज है, जहां कब क्या हो जाए, किसी को नहीं पता , कौन साथ छोड़ जाए, कौन भितरघात कर दे, किसी को समझ नहीं आता। उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनाव हाल ही में ख़त्म हुए हैं , जिनमे बीजेपी को झटका भी लगा है। कोई कह रहा है किसानो ने बीजेपी को झटका दिया है, कोई जाट समुदाय के गुस्से को भी इसका एक कारण बता रहा है , जिस वजह से समाजवादी पार्टी को अच्छी खासी बढ़त भी मिली है।
लेकिन क्या आप विश्वास कर पाएंगे, अगर हम कहें की बीजेपी को भितरघात भी झेलना पड़ा है? जी हाँ इस बार कुछ ऐसा ही हुआ है जिससे बीजेपी के समर्थको में क्षोभ और गुस्से की लहार फ़ैल गयी है । ताज़ा किस्सा है मुजफ्फरनगर का, जहां की वार्ड 42 में त्रिस्तरीय चुनाव के दौरान कुछ भाजपा के ही समर्थको ने गड़बड़ी की रिपोर्ट करवाई है।
हुआ दरअसल ये है कि वार्ड ४२ में वोटो कि गिनती चल रही थी, तभी एकदम से बीजेपी के उम्मीदवार और उनके समर्थको ने हल्ला मचा दिया, उनके अनुसार भाजपा समर्थित उम्मीदवार के जीतने के बाद भी प्रशासन ने भाजपा के ही दिग्गज नेता के दबाव में उसे हरवाने की तैयारी कर ली है।
बीजेपी उम्मीदवार के समर्थको ने प्रशासन के साथ साथ ही मुजफ्फरनगर के बीजेपी सांसद पर आरोप भी लगाए हैं । सूत्रों के अनुसार भाजपा के सांसद संजीव बाल्यान जो केंद्र में मंत्री भी है वो लोकदल के एक उम्मीदवार को जिताने के लिए संघ को धूल में मिलाने की बात कर रहे है। ऐसा बताया जा रहा है कि संजीव बाल्यान स्वयं ही भाजपा समर्थित उम्मीदवार के जीतने के बाद भी प्रशासन से मिलकर उन्हें हरवाने की कोशिश कर रहे थे।
अब ये कितना सच है कितना झूठ , ये तो जांच कर के ही पता चलेगा, लेकिन एक बात तो तय है कि कुछ नेताओ के भितरघात कि वजह से ही बीजेपी कई बार जीती जिताई बाजी हार जाती है । प्रदेश और केंद्र के नेतृत्व को तुरंत ऐसी बातो का संज्ञान लेकर इन नेताओ पर कार्यवाही करनी चाहिए, क्युकी ऐसी घटनाओ कि वजह से समर्थको और उम्मीदवारों में पार्टी नेतृत्व के प्रति अविश्वास का भाव पैदा होता है ।