उत्तर भारत में खासकर NCR और आस पास के इलाको में गाडी खरीदने का शौक लोगो को बहुत है, प्रति व्यक्ति कार के आंकड़ें देखे जाएँ तो ये इलाका भारत में सबसे आगे है। लेकिन इसके साथ साथ यहाँ गाडी चोरी होना एक बहुत बड़ी समस्या है, नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के हिसाब से हर साल यहाँ से हजारो गाड़िया और दोपहिया वहां चोरी किये जाते हैं।
ऐसा बताया जाता है की इन गाड़ियों को चुरा कर दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है, वहाँ से या तो उनके नंबर और अन्य डिटेल्स बदल कर सस्ते दाम पर बेच दिया जाता है, या फिर उनके स्पेयर पार्ट्स निकाल कर रख लिए जाते हैं और गाडी को ‘कबाड़ किले’ में कटवा दिया जाता है, ऐसे में गाडी की बरामदगी की कोई उम्मीद भी नहीं बचती।
ऐसा ही एक बहुत बड़ा कबाड़ का किला मेरठ का दिल कहे जाने वाले बेगमपुल चौराहे के पास 39 साल में खड़ा किया । ये इलाका ‘सोतीगंज का कबाड़ किला’ नाम से कुख्यात है, और ऐसा कहा जाता है कि इस इलाके में पुलिस भी जाने से डरती थी।
पिछली सरकारों ने इस इलाके में कभी भी अपराधियों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की, इसका एक कारण था अपराधियों का धर्म, दरअसल यहाँ के सभी अपराधी मुस्लिम हैं । और ये लोग कथित सेक्युलर पार्टियों के पारम्परिक वोट बैंक रहे हैं, और अपने वोट बैंक पर भला कौन एक्शन लेता है?

इसी वजह से ये इलाका अवैध कारनामो का गढ़ बन गया था, यहाँ कई अवैध दुकानें खुल गयी थी, जहाँ सैंकड़ो चुराई हुई गाड़ियों को रोजाना काटा जाता था, फिर उनके स्पेयर पार्ट्स को बेचा जाता था, और इस तरह यहाँ सैंकड़ो करोड़ की कमाई सालाना हुआ करती थी, और ये पैसा कई तरह के जुर्मो और यहाँ तक की जिहाद की फंडिंग में भी इस्तेमाल किया जाता था।
लेकिन योगी आदित्यनाथ जी की सरकार बनने के बाद हालात बदल गए हैं , पहले ही दिन से मुख्यमंत्री योगी जी ने ऐलान किया था कि वो प्रदेश में कानून व्यवस्थ मजबूत करेंगे, और अपराधियों को इस प्रदेश में किसी भी तरह की शरण नहीं मिलेगी। और उन्होंने अपने वादों पर पूरा खरा उतरते हुए हजारो अपराधियों को जेल में दाल दिया, सैंकड़ो का एनकाउंटर किया, और हजारो तो ऐसे हैं जो उनकी सरकार आने के बाद प्रदेश छोड़ कर भाग ही गए हैं।
आज इस जिहाद और चोरी के किले को मेरठ की पुलिस ने हमेषा के लिए ढहा दिया। इस कामयाबी का जिक्र पिछले दिनों शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था। प्रधानमंत्री मोदी जे ने कहा था कि देश में कहीं भी वाहन चोरी हों, वह मेरठ के सोतीगंज में ही काटे जाते हैं। योगी सरकार ने वाहनों के कमेले का बंद करा दिया, और आगे से मेरठ शहर की पहचान सोतीगंज से नहीं, बल्कि क्रांतिवीरों के साथ साथ खेलवीरों से भी होगी।
कैसे हुई सोतीगंज के कबाड़ के किले की शुरुआत?
कम ही लोगो को पता होगा कि 1982 में सोतीगंज में चारा काटने, रुई पीनने, और भूसा बेचने का काम होता था। यहां पर मोटर साइकिल ठीक करने की मात्र दो ही दुकानें हुआ करती थीं। ऐसा बताया जाता है कि बाइक मिस्त्री के साथ पुलिस वालो कि सांठ गाँठ थी और उन्ही के द्वारा यहाँ बाइक काटने का धंधा पहली बार शुरू हुआ। इनका सरगना था हाजी नईम उर्फ गल्ला, जो स्वयं एक बाइक मिस्त्री ही था, उसके तत्वावधान में वहां चोरी की बाइक कटने लगी और पुराने पार्ट्स बिकने लगे।

हाजी गल्ला ने वहां गाड़ियों के पुराने पार्ट्स की दुकान भी खोल ली और पूरे उत्तर भारत में उसने अपना सप्लाई का नेटवर्क भी बना लिया, जिन्हे हाजी औने पौने दामों पर स्पेयर पार्ट्स बेचा करता था। धीरे धीरे दिल्ली एनसीआर और आस पास के इलाको से और भी ज्यादा गाड़ियां चोरी होने लगी जो अंततः सोतीगंज में ही काटी जाती थी । यहां ये समझना कोई बड़ी बात नहीं है, कि गाडी की चोरी, उनकी कटाई, स्पेयर पार्ट की सप्लाई, और दूसरे राज्यों में गाडी और स्पेयर पार्ट की सप्लाई का काम एक ही धर्म के लोग ही किया करते थे।
इन कबाड़ियों को राजनीतिक संरक्षण भी मिला, जिस वजह से 2001 में सोतीगंज में गाड़ी काटने और उनके पार्ट्स की खरीद-फरोख्त का एक पूरा मार्केट ही तैयार हो गया था। इन्ही जिहादी कबाड़ियों ने 2010 तक अपना ये धंधा कई राज्यों तक फैला दिया, और 2014 तक तो दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात व और लखनऊ में होने वाली गाड़ियों की चोरियों में भी सोतीगंज का नाम आने लगा। करोड़ों अरबों रुपये चोरी के वाहन काटकर कमाने वाले कई कबाड़ियों ने अपना कारोबार बदल लिया।
जानिए कैसे योगी जी के आने के बाद ये काला धंधा बंद हुआ?
17 जून 2021 को आईपीएस प्रभाकर चौधरी को मेरठ की कमान सौंपी गई। उन्होंने 300 कबाड़ियों की फाइल तैयार की। शातिर कबाड़ी हाजी गल्ला, हाजी इकबाल, मन्नू कबाड़ी, जिशान उर्फ पव्वा और राहुल काला समेत 30 कबाड़ियों को जेल भेजा।
छह महीने मेें 70 नये मुकदमे, 65 पर गैंगस्टर, 40 करोड़ की संपत्ति जब्त और 120 कबाड़ियों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई। 120 और कबाड़ियों के नाम मुकदमे में जल्द शामिल होंगे। वहीं सोतीगंज के कबाड़ियों पर छह राज्यों में अलग-अलग थानों में 3000 मुकदमे सामने आए हैं। जिनकी विवेचना विचाराधीन है।अब सोतीगंज के कई कबाड़ियों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है।
11 दिसंबर को सोतीगंज बंद करने का फरमान सुनाया था
सीआरपीसी का नोटिस देते कप्तान ने कबाड़ियों को दुकान और गोदाम बंद करने का फरमान सुना दिया। सोतीगंज में इसको लेकर हल्ला भी खूब मच रहा था, तभी 149 सीआरपीसी का दूसरा नोटिस भी थमा दिया। इसमें दुकान के किराएनामा, मालिकनामा, हाउस टैक्स, जीएसटी और अन्य कई जानकारी मांग ली।

अब ये जिहादियों का करोडो का धंधा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है, इससे लाखो लोगो को राहत मिलेगी, क्युकि उन्हें अब गाडी चोरी होने का कोई डर नहीं होगा। वहीं सैकड़ो जिहादियों को पकडे जाने से, और हाजी गल्ला और उस जैसे सैकड़ो कबाड़ियों से होने वाली वसूली की वजह से इस धंधे की कमर तोड़ दी गयी है, अब जनता के लिए ये महत्वपूर्ण है कि वो ऐसी सरकार को चुने जो जिहादियों और उनके संरक्षण करने वालो पर कड़ी चोट करे।