कुछ देशों ने चीन की वैक्सीन को वापस भेज दिया है। ब्राजील, मोरक्को, म्यांमार, बांग्लादेश, सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना वैक्सीन के लिए भारत को पूर्व – देय (advance) पैसा पकड़ा दिया है । नेपाल के विदेश मंत्री ने भारत आकर भारत के विदेश मंत्री से विशेष आग्रह किया है । वियतनाम ने भी भारत से विशेष आग्रह किया है ।
भारत के द्वार पर कोरोना वैक्सीन के लिए इस लम्बी पंक्ति को देख, जर्मनी को चक्कर आ गए हैं । जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने एक विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम मोदी को अपनी चिंता से अवगत कराया । जर्मनी का कहना है, कि भारत की अपनी ही आवश्यकता भीम काय है । तिस पर उसके द्वार पर अन्य देशों की पंक्ति लग गई है । ऐसे में हमारा और अन्य यूरोपियन देशों का नंबर कब आएगा? जर्मनी ने भारत से कहा है, कि वो लोकल के साथ ग्लोबल मांग को भी सुनिश्चित करे । पीएम मोदी ने इसके लिए जर्मनी को आश्वस्त किया है ।
कितनी सांत्वना, संतोष ओर गौरव की अनुभूति होती है ऐसे समाचार पढ़ कर । ह्रदय कह रहा है कि … देश हमें तुमसे बहुत बहुत प्यार है । कोरोना वैक्सीन के डिब्बे पर संस्कृत में लिखा गया है, ‘सर्वे संतु निरामया’, अर्थात सबके स्वस्थ होने की मंगल कामना । टीके का नाम भी मंगल टीका रखा है। इतना विराट है, हमारा सनातन धर्म जो सभी के निरोगी होने की कामना करता है । धन्य है भारतीयों द्वारा चुनी हुई भारत सरकार जो हमारे धर्म और संस्कृति को पूर्ण सम्मान दे रही है ।
हम सब भारत के वैज्ञानिक तथा डॉक्टर्स के विशेष आभारी है । मेरे देश का नाम हर क्षेत्र में रोशन हो ऐसी प्रभु से विनम्र निवेदन और प्रार्थना है । भारत को हमारे वैज्ञानिकों का सम्मान करते हुए, इस देश में विशेष स्मारक बनवाना चाहिए। हर शहर में एक बाग का नाम डॉक्टर बाग होना चाहिए । हमारे डॉक्टर्स और वैज्ञानिको को विशेष पुरस्कार देना चाहिए, जैसे कि अर्जुन पुरस्कार ।
जय जवान ।
जय किसान ।
जय डॉक्टर ।
जय वैज्ञानिक ।
भारत माता की जय । जय हिंद 🚩