भारतेदानीं कालम् कोरोनायाः द्वितीय प्रहारस्य समाघातम् करोति ! देशस्य भिन्न भिन्न नगरेषु चिकित्सालय स्वयं प्राणवायु सिलेंडर इत्यस्य न्यूनतायाः समाघातम् कुर्वन्ति तदा रुग्णानां स्वांस इत्यवरोधितानि !
भारत इस समय कोरोना के दूसरे लहर का सामना कर रहा है ! देश के अलग अलग शहरों में अस्पताल खुद ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी का सामना कर रहे हैं तो मरीजों की सांस उखड़ी पड़ी है !
वस्तुतः यत् रुग्णानां प्राणवायो: स्तरम् ८० तः न्यूनम् सन्ति तेन प्राणवायो: अत्यावश्यकताम् अस्ति ! एतानां सर्वानां मध्य यदि भवतः प्राण वायो: स्तरम् ९० तः ९४ इत्यस्य मध्यास्ति तदा भवान् गृहैव केचन विशेषं व्यायामेण प्राणवायो: स्तरम् सुव्यवस्थितं कर्तुम् शक्नोन्ति !
दरअसल जिन मरीजों का ऑक्सीजन का स्तर 80 से नीचे हैं उन्हें आक्सीजन की सख्त दरकरार है ! इन सबके बीच अगर आपका आक्सीजन का स्तर 90 से 94 के बीच है तो आप घर पर ही कुछ खास व्यायाम के जरिए ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन कर सकते हैं !
अत्रे वयं प्रोनिंग पोजिशन इतम् प्रत्ये बदिष्यामः यस्य सहाय्येन भवान् प्राणवायो: स्तरम् सुव्यवस्थितं कर्तुम् शक्नोन्ति ! प्रोन पोजिशन इत्ये कश्चितापि जनः उदरं प्रति विश्रामितुम् शक्नोति !
यहां पर हम प्रोनिंग पोजिशन के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप ऑक्सीजन के स्तर को मेंटेन कर सकते हैं ! प्रोन पोजिशन में कोई भी शख्स पेट के बल लेट सकता है !
उदरं प्रति विश्रामे कालेन तेन एकमोपधानम् मस्तकस्य उपरि, द्वे उपधाने वक्षस्यतले एकम् उपधानम् जानो: पार्श्व भवनीयम् ! अस्यानंतरम् तीव्र स्वांसम् ग्रहणीयम् !
पेट के बल लेटते समय से उसे एक तकिया माथे के ऊपर , दो तकिया चेस्ट के नीचे और एक तकिया घुटने के पास होना चाहिए ! इसके बाद तेज सांस लेना चाहिए !
यस्मात् इदम् लाभम् भवति तत फुफ्फुसे पर्याप्त मात्रायाम् प्राणवायो: प्राप्यति वदने च् प्राणवायो: स्तरम् सुव्यवस्थितं भव्यते ! इदृशं कृते कश्चितापि जनान् प्राणवायू हेतु त्वरित चिकित्सालयस्य सिलेंडर इत्यस्य च् आवश्यकतां न भवति !
इससे फायदा यह होता है कि फेफड़े में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन पहुंचती है और शरीर में आक्सीजन का स्तर मेंटेन हो जाता है ! ऐसा करने पर किसी भी शख्स को ऑक्सीजन के लिए तुरंत अस्पताल या सिलेंडर की जरूरत नहीं होती है !