कृषक संगठना: पीएम मोदीम् तोमरं चलिखत् पत्रम् ! किसान संगठनों ने PM मोदी और तोमर को लिखा पत्र !

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नव कृषि विधेयकानि गृहित्वा आन्दोलनं करोति कृषक संगठन स्व याचनानि गृहित्वा पश्च निवर्तस्य इच्छायाम् नास्ति ! अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समितिम् शानिवासरम् प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीम् कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमरं च् एकम् पत्रम् अलिखत् !

नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने के मूड में बिल्कुल नहीं है ! अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को को एक पत्र लिखा है !

यत् कृषि मंत्रीयाः पत्रस्य उत्तरं मान्यते ! इति पत्रे अकथ्यते तत वर्तमाने चरति कृषकानां विरोध प्रदर्शनम् कश्चितापि राजनीतिक दलात् सम्बंधम् न सन्ति !

जो कृषि मंत्री के पत्र का जवाब माना जा रहा है ! इस पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं !

पीएम मोदीम् तोमरं च् हिंदीयाम् भिन्न-भिन्न अलिख्यते पत्रेषु समितिम् अकथयत् तत सर्कारस्य अयम् भ्रांतिमस्ति तत त्रयो कृषि विधेयकानां विरुद्धम् कृषकानां आन्दोलनम् विपक्षी दलै: प्रायोजितम् क्रियते !

पीएम मोदी और तोमर को हिंदी में अलग – अलग लिखे गए पत्रों में समिति ने कहा कि सरकार की यह गलतफहमी है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है !

कृषक संगठनम् प्रत्येन इयम् पत्रम् तदा अलिख्यते यदा एकम् दिवसं पूर्व प्रधानमंत्री: विपक्षी दलेषु कृषकानि त्रय कृषि विधेयकानि गृहित्वा पथभ्रष्ट कृतस्य आरोपम् आरोपयत् स्म !

किसान संगठन की तरफ से ये पत्र तब लिखे गए जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को तीन कृषि कानूनों को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया था !

समिति तानि सर्वाणि ४० कृषक संगठनेषु एकमस्ति,यत् पूर्व २३ दिवसात् इंद्रप्रस्थस्य सीमाषु विरोध प्रदर्शनम् कुर्वन्ति ! समितिया प्रधानमंत्रीम् अलिखत् स्व पत्रे अकथयत् !

समिति उन लगभग 40 किसान संगठनों में एक है,जो पिछले 23 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ! समिति द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा !

वास्तविकता अयमस्ति कृषकानां आन्दोलनम् राजनीतिक दलानि स्व विचारम् परिवर्त्तुम् बाध्यं कृतवान भवतः च् (प्रधानमंत्री:) आरोपमस्ति तत राजनीतिक दलम् येन (विरोध प्रदर्शनम्) पोषितम् कुर्वन्ति !

सच्चाई यह है कि किसानों के आंदोलन ने राजनीतिक दलों को अपने विचार बदलने के लिए मजबूर किया है और आपके (प्रधानमंत्री) आरोप है कि राजनीतिक दल इसे (विरोध प्रदर्शन) पोषित कर रहे हैं !

अयमनृतमस्ति ! विरोधम् कर्ता कश्चितापि कृषक संगठनस्य समूहस्य च् कश्चितापि याचनां कश्चित राजनीतिक दलै: संबद्ध नास्ति !

यह गलत है ! विरोध करने वाली किसी भी किसान यूनियन और समूह की कोई भी मांग किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं है !

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