नयपालतः संलग्नं उत्तरप्रदेशस्य सिम्नी बर्धितेषु मस्जिद-मदरसासु प्रदेशस्य योगी आदित्यनाथस्य सर्वकारः मदरसानां अनुसंधानस्याज्ञाम् दत्तवान स्म ! यस्यानुरूपम् उत्तर प्रदेशे मदरसानां अनुसंधानस्य कार्यम् बहु तीव्रताया चलति !
नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश की सीमा पर बढ़ते मस्जिद-मरदसों पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मदरसों के सर्वे का आदेश दिया था ! इसके तहत यूपी में मदरसों के सर्वे का काम बहुत तेजी से चल रहा है !
अनुसंधाने केवलं उत्तरप्रदेशस्त सहारनपुरे अधुनैव ३६० मदरसा: इदृशं लब्धानि सन्ति, यत् सर्वकारेण अनुदानकानि न मान्यता लब्धानि न च् सन्ति ! येषु तः एकं भारतस्य सर्वात् वृहत् मदरसासु सम्मिलिता: देवबंदस्य दारुल उलूम मदरसापि सम्मिलिता: सन्ति !
सर्वे में अकेले यूपी के सहारनपुर में अब तक 360 मदरसे ऐसे मिले हैं, जो सरकार से गैर-अनुदान वाले और गैर-मान्यता प्राप्त हैं ! इनमें से एक भारत के सबसे बड़े मदरसों में शामिल देवबंद का दारुल उलूम मदरसा भी शामिल है !
देवबंदस्य दारुल उलूम मदरसा लगभगम् १५६ वर्ष पुरातनमस्ति इदं मदरसा च् सोसाइटी अधिनियमस्य अनुरूपम् पंजीकृतं अस्ति ! अनुसंधानस्य काळमिदं वार्ता संमुखमागतमस्ति तत दारुल उलूम यूपी मदरसा आयोगे पंजीकृतं नास्ति इदम् च् सर्वकारी सहाय्यमपि न नयति !
देवबंद का दारुल उलूम मदरसा लगभग 156 साल पुराना है और यह मदरसा सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकृत है ! सर्वे के दौरान यह बात सामने आई है कि दारुल उलूम यूपी मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं है और यह सरकारी सहायता भी नहीं लेता है !
सहारनपुरस्य सदर प्रखंडे असहाय्य ळब्धं मदरसानां संख्या सर्वात् अधिकं १२३ सन्ति ! तत्रैव बेहट प्रखंडे यस्य संख्या सर्वात् न्यूनमस्ति ! यद्यपि अनुसंधानस्य कार्यमद्यपि चलति येषां मदरसानां च् संख्याति बर्धितुं शक्नोति ! मदरसानां अनुसंधानस्य कार्यम् १० सितंबर २०२२ तः चलति !
सहारनपुर के सदर तहसील में गैर-सहायता प्राप्त मदरसों की संख्या सबसे अधिक 123 है ! वहीं बेहट तहसील में इनकी संख्या सबसे कम है ! हालाँकि सर्वे का काम अभी भी जारी है और इन मदरसों की संख्या और बढ़ सकती है ! मदरसों के सर्वे का काम 10 सितंबर 2022 से चालू है !
अनुसंधानसूचनाम् तत्परित्वा डीएम अखिलेश सिंह: १५ नवंबर एव शासनम् प्रेक्ष्यते ! अनुसंधाने मदरसानां पाठ्यक्रमं, स्थापना वर्षं, संस्थापक:, संचालितकर्ता संस्थाम्, छात्राणां संख्यां, मदरसां सर्वकारी सहाय्यं शिक्षकानां संख्याम् वा इत्यादयेषु प्रतिबिंदुम् सूचनां तत्परः क्रियते !
सर्वे रिपोर्ट को तैयार कर डीएम अखिलेश सिंह 15 नवंबर तक शासन को भेजेंगे ! सर्वे में मदरसों का पाठ्यक्रम, स्थापना वर्ष, संस्थापक, संचालित करने वाली संस्था, छात्रों की संख्या, मदरसे को सरकारी मदद व शिक्षकों की संख्या आदि पर बिन्दुवार रिपोर्ट को तैयार की जा रही है !
डीएम अखिलेश सिंह: ज्ञाप्तवान तत दारुल उलूम अपि सर्वकारेण सहाय्यं न नयतीदम् च् सोसाइटी अधिनियमे अस्ति पंजीकृतमस्ति, तु इदम् अवैधमस्ति इदृशं कथितुं न शक्नोति ! यानि मदरसा: सर्वकारेण सहाय्यं लब्धानि सन्ति, तस्याल्पसंख्यक विभागे पंजीकरणमावश्यकमस्ति !
डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि दारुल उलूम भी सरकार से मदद नहीं लेता और यह सोसाइटी एक्ट में है पंजीकृत है, लेकिन यह अवैध है ऐसा नहीं कहा जा सकता ! जो मदरसे सरकार से सहायता प्राप्त हैं, उनका अल्पसंख्यक विभाग में पंजीकरण आवश्यक है !
यानि मदरसा: सर्वकारेण सहाय्यं न नयति तानि अवैधम् तदैव कथितुं न शक्नोन्ति, यदैव ततेदम् पुष्टिम् न भवतु तत तानि ळब्ध सहाय्यस्य स्रोतं उचितं नास्ति ! ज्ञापयतु तत प्रदेश सर्वकारेण असहाय्यकानि मदरसानां अनुसंधानस्य विरोधे दारुल उलूम देवबंदे उत्तर प्रदेशस्य मदरसानां सम्मेलनमभवत् स्म !
जो मदरसे सरकार से मदद नहीं ले रहे है उनको अवैध तब तक नहीं कह सकते हैं, जब तक कि यह पुष्टि न हो जाए कि उनको प्राप्त मदद का स्रोत उचित नहीं है ! बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के विरोध में दारुल उलूम देवबंद में यूपी के मदरसों का सम्मेलन हुआ था !
यस्मिन् मौलाना अरशद मदनी कथित: आसीत् मदरसानां अनुसंधानम् कारीतुं सर्वकारस्याधिकारम् अस्ति ! मदरसानां अभ्यांतरम् कश्चितावैधम् गतिविधिम् न भवति, यं प्रति ज्ञातुं सर्वकारस्य जिम्मेवारिमस्ति !
इसमें मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि मदरसों का सर्वे कराना सरकार का अधिकार है ! मदरसों के अंदर कोई अवैध गतिविधि नहीं होती है, इसके बारे में पता करना सरकार की जिम्मेदारी है !