राम मंदिर और बाबरी विध्वंस पर निर्णय देने वाले पूर्व जज सुरेंद्र यादव को योगी सरकार ने उप लोकायुक्त नियुक्त किया – विपक्ष को लगी मिर्ची

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कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के पास अब कोई काम नहीं रह गया है, इसलिए ये बेचारे अब बिना वजह गैर जरूरी मुद्दों पर हल्ला मचाते रहते हैं । ताजा मामला है अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी करने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के पूर्व न्यायाधीश सुरेंद्र यादव का, जिन्हे उत्तर प्रदेश सरकार ने उप-लोकायुक्त नियुक्त किया है.

मालूम हो कि बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. कोर्ट ने माना था कि घटना अचानक हुई. यह कोई सुनियोजित घटना नहीं थी. सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने ये फैसला सुनाया था. उन्होंने माना था कि घटना के पीछे आरोपियों का हाथ नहीं है. इसके साथ ही जज सुरेंद्र कुमार यादव सेवानिवृत्त भी हो गए थे. सुरेंद्र कुमार यादव को 5 साल पहले बाबरी विध्वंस केस में स्पेशल जज नियुक्त किया गया था.

जैसे ही ये खबर आयी, कांग्रेस और उसके सेक्युलर साथियो के पेट में दर्द होना शुरू हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता असलम शेख ने इस खबर पर आपत्ति जताई, और उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए इस कदम की बुराई की । यहां ये बताना जरूरी है की कांग्रेस ने राम मंदरी निर्माण और बाबरी विध्वंस के मुद्दों पर हमेशा से ही हिन्दुओ के विरोध करने में दिलचस्पी दिखाई है ।

जब कांग्रेस किसी मुद्दे पर हिन्दू हित के खिलाफ बोल रही हो, तो उनके साथी ओवैसी कैसे पीछे रह जाते भला, उन्होंने भी अपना दर्द व्यक्त किया है ।

हालांकि विपक्ष भूल गया है कि उन्होंने किस तरह से जुडिशरी का दुरूपयोग किया है । उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कांग्रेस और विपक्ष के इस व्यवहार पर चुटकी ली और उन्हें आइना भी दिखाया।

उन्होंने कहा कि नाम ‘सुरेंद्र यादव’ है बस इसलिए उपलोकायुक्त बनते वामपंथी मीडिया की नजरों में गुनाहगार हो गए,बाबरी फैसला दिखने लगा,गरीब,पिछड़ी पृष्ठभूमि,न्यायप्रियता और शानदार कैरियर नहीं दिखा। कांग्रेस ने बहरुल इस्लाम को जब सांसद से सीधे HC जज बना डाला था तब यही वामपंथी जय हो,जय हो करते घूमे थे।

इसमें कोई नयी बात नहीं है, वैसे भी इस देश में कोई भी इंसान हिन्दू हित कि बात करे , या फिर सेकुलरिज्म में बने ढाँचे से इतर काम करे, तो कांग्रेस, सेक्युलर और वामपंथी गैंग उसके पीछे पड़ जाते हैं।खैर विपक्ष को इस बहाने कुछ शोर मचाने और कुछ काम करने को तो मिला।

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