अंततः कृषकांदोलने किमस्ति कनाडायाः एतावत् स्नेह: ? आखिर किसान आंदोलन में क्‍यों है कनाडा की इतनी दिलचस्‍पी ?

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केंद्र सरकारं प्रत्येन आनयत् त्रय कृषि विधेयकानां विरुद्धम् इन्द्रप्रस्थस्य सीमाषु कृषका: विगत २८ नवंबर इत्येनैव प्रदर्शनम् कुर्वन्ति ! गतिरोधम् द्रुताय कृषकानां प्रतिनिधिनि सर्कारस्य च् मध्य सप्तचक्रस्य वार्तामभव्यते !

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली की सीमाओं पर किसान बीते 28 नवंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं ! गतिरोध को दूर करने के लिए किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच सात दौर की वार्ता हो चुकी है !

यद्यपि ८ जनवरी इतम् एकम् अन्य वार्ताम् प्रस्तावितास्ति ! एतस्य सर्वस्य मध्य कनाडा सततं भारतस्य आंतरिक प्रकरणेषु हस्तक्षेप दत्तमानः कृषकांदोलनम् गृहित्वा टिप्पणिका कारयति !

जबकि 8 जनवरी को एक और बातचीत प्रस्‍तावित है ! इन सबके बीच कनाडा लगातार भारत के आंतरिक मामलों में दखल देते हुए किसान आंदोलन को लेकर टीका-टिप्‍पणी कर रहा है !

विदेशे मंत्रालयस्य तर्जनस्युपरांत कनाडाई नेता स्व कृत्येन विलगम् न भवन्ति ! अंतः तर्हि तदा अभव्यते,यदा कनाडायाम् कंजरवेटिव दलस्य नेता रणदीप बरार: प्रवेशनानुमति नियमानां उलंघ्यमान: कुंडली सीमाप्राप्तम् !

विदेश मंत्रालय की फटकार के बावजूद कनाडाई नेता अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। हद तो तब हो गई, जब कनाडा में कंजरवेटिव पार्टी के नेता रणदीप बरार वीजा नियमों का उल्‍लंघन करते हुए कुंडली बॉर्डर पहुंच गए !

यत्र प्रदर्शनकर्ता कृषका: स्व याचनानां गृहित्वा अस्थायत: ! कनाडाई नेता सम्प्रति इन्द्रप्रस्थम् अवमुक्तयते,तु तस्य इति यात्रा प्रवेशनानुमति नियमानां उलंघ्यित्वा कृषकानां मध्य प्राप्तस्य घटनाम् कनाडायाः नेतृणाम् प्रयोजनस्य गृहित्वा बहु प्रश्नम् उत्थायेत् !

जहां प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं ! कनाडाई नेता अब दिल्‍ली छोड़ चुके हैं,लेकिन उनकी इस यात्रा और वीजा नियमों का उल्‍लंघन कर किसानों के बीच पहुंचने के वाकये ने कनाडा के नेताओं की नीयत को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं !

प्रश्नमुत्थेत् तर्हि कनाडाई सांसदः अयम् कथमानः स्व यात्राम् कृषकानां च् मध्य गमनम् वैधाकथ्यते तत सः स्व श्वश्रू पक्षेन मेलनाय भारतं प्राप्तमासन् !

सवाल उठे तो कनाडाई सांसद ने यह कहते हुए अपने दौरे और किसानों के बीच जाने को जायज ठहराया कि वह अपने ससुरालवालों से मिलने के लिए भारत पहुंचे थे।

२ जनवरी इतम् कुंडली सीमा प्राप्तस्य स्व निर्णयम् सः अयम् कथमानः वैध प्रमाणितस्य प्रयत्नम् कृतः तत बहवः अंतरराष्ट्रीय पत्रकार प्रथमैव कृषकानामान्दोलनम् वार्ताम् संचयन्ति !

2 जनवरी को कुंडली बॉर्डर पहुंचने के अपने फैसले को उन्‍होंने यह कहते हुए जायज ठहराने की कोशिश की कि बहुत से अंतरराष्‍ट्रीय पत्रकार पहले ही किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे हैं !

कंजवेटिव इति सांसदः अयमपि अकथयत् तत अयम् कृषकानामधिकारै: सह-सह मानवाधिकारस्य वार्तामपि अस्ति,यस्याय कनाडायाः पीएम अपि स्वरमुत्थायेत् !

कंजरवेटिव सांसद ने यह भी कहा कि यह किसानों के हकों के साथ-साथ मानवाधिकार की बात भी है, जिसके लिए कनाडा के पीएम भी आवाज उठा चुके हैं !

अत्र उल्लेखनियमस्ति तत इत्यात् प्रथमं कनाडायाः प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो: अपि नव कृषि विधेयकानि गृहित्वा प्रसृतः कृषकानां विरोधम्-प्रदर्शनम् गृहित्वा टिप्पणिका कृतमानः इत्ये चिन्तामव्यक्तयते स्म !

यहां उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन को लेकर टिप्‍पणी करते हुए इस पर चिंता जताई थी !

यस्मिन् विदेश मंत्रालयः तीक्ष्ण प्रतिक्रिया दत्तमानः अकथयत् स्म तत कनाडा,भारतस्य आंतरिक प्रकरणभिः द्रुतम् स्थियेत् ! कनाडायाः प्रधानमंत्रीयाः कथनं अनावश्यक: सिद्धमानः विदेशमंत्रालयः अयमपि अकथयत् तत राजनीतिक लाभाय राजनयिक सम्बन्धानां प्रयोगम् न भवनीयः !

जिस पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कनाडा,भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहे ! कनाडा के पीएम के बयान को गैर-जरूरी करार देते हुए विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए राजनयिक संबंधों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए !

इदृशेषु प्रश्नम् उत्थयन्ति तत अंततः कृषक आन्दोलने कनाडां किं राजनैतिक लाभम् सन्ति कनाडाई नेता पुनः-पुनः कृषकांदोलनम् गृहित्वा टीका-टिप्पणिका किं कुर्वन्ति ?

ऐसे में सवाल उठते हैं कि आखिर किसान आंदोलन में कनाडा को क्‍या सियासी फायदे हैं और कनाडाई नेता बार-बार किसान आंदोलन को लेकर टीका-टिप्‍पणी क्‍यों कर रहे हैं ?

अस्य एकम् वृहद कारणम् कनाडायाम् न्यवसति पंजाबी सिख वा समुदायस्य जनानां एकम् वृहद संख्याम् बद्यते,यत् तत्रस्य निर्वाचनेषु अपि बहु प्रभावम् प्रेषयन्ति !

इसकी एक बड़ी वजह कनाडा में रह रहे पंजाबी व सिख समुदाय के लोगों की एक बड़ी संख्‍या को बताया जाता है,जो वहां के चुनावों पर भी खासा असर डालते हैं !

जस्टिन ट्रुडोस्य नेतृक: कनाडायाः वर्तमान सरकारैपि इति समुदायस्य सदस्यानां महत्वपूर्ण भूमिकामस्ति अयमेव च् कारणमस्ति तत कनाडाई नेता कृषकान्दोलनम् गृहित्वा सततं टिप्पणिका कुर्वन्ति,तथापि कनाडायाम् ते सिख समुदायस्य समर्थनम् प्राप्तम् कृतशक्नुते !

जस्टिन ट्रूडो की अगुवाई वाली कनाडा की मौजूदा सरकार में भी इस समुदाय के सदस्‍यों की महत्‍वपूर्ण भूमिका है और यही वजह है कि कनाडाई नेता किसान आंदोलन को लेकर लगातार टिप्‍पणी कर रहे हैं, ताकि कनाडा में वे सिख समुदाय का समर्थन हासिल कर सकें !

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