अब्बक्का राज्ञी ! एकावीरांगना यया पोर्तुगीजान् पराभूता ! अब्बक्का रानी ! एक वीरांगना जिन्होंने पोर्तुगीजों को पराभूत किया !

Date:

वयं एकैदृशं वीरांगना शौर्यवती राग्या: वार्ता कुर्याम:, यया षोडशानि शताब्द्याम् पुर्तगालिभिः सह स्व स्वतंत्रताय युद्धम् कृता !

हम एक ऐसी बहादुर और साहसी रानी की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगालियों के साथ अपनी आजादी के लिए युद्ध किया !

इति वीरांगनायाः नामासीत् अब्बक्का चौटा ! अब्बक्कायाः जन्म कर्नाटक राज्ये स्थितं उल्लाल नगरस्य चौटा राजगृहे अभवत् स्म ! चौटा वंश मातृवंशीय परंपरायाः पालनम् करोति स्म !

इस वीरांगना का नाम था अब्बक्का चौटा ! अब्बक्का का जन्म कर्नाटक राज्य में स्थित उल्लाल नगर के चौटा राजघराने में हुआ था ! चौटा वंश मातृवंशीय परंपरा का पालन करता था !

वर्षमासीत् १५५५ यदापुर्तगालीसैन्य कालीकट, बीजापुर, दमन, मुंबई जयमान: गोवाम् स्व मुख्यालय निर्मितं स्म ! समाघाते कश्चित न ळब्ध्वा ते पुरातन कपिलेश्वर मन्दिरम् पतित्वा तस्मिन् चर्च स्थापितं कृता: !

साल था 1555 जब पुर्तगाली सेना कालीकट, बीजापुर, दमन, मुंबई जीतते हुए गोवा को अपना हेडक्वार्टर बना चुकी थी ! टक्कर में कोई ना पाकर उन्होंने पुराने कपिलेश्वर मंदिर को ध्वस्त कर उस पर चर्च स्थापित कर डाली !

मंगलौरस्य व्यवसायिक पोताश्रय: सम्प्रति तस्य अग्रिम लक्ष्यमासीत् ! तस्य दौर्भाग्यमासीत् तत तत्रतः केवलं १४ किलोमीटर इत्ये उल्लाल राज्यासीत् तत्रस्य शासकासीत् ३० वर्षस्य राज्ञी अब्बक्का चौटा !

मंगलौर का व्यवसायिक बंदरगाह अब उनका अगला निशाना था ! उनकी बदकिस्मती थी कि वहाँ से सिर्फ 14 किलोमीटर पर उल्लाल राज्य था जहां की शासक थी 30 साल की रानी अब्बक्का चौटा !

पुर्तगालिनः राज्ञीम् लघुतायां नयमानः केवलं केचन सैनिका: तयावरुद्धम् प्रेषित: ! तु तेषुतः कश्चित न पुनरागताः ! क्रुद्ध: पुर्तगालिनः सम्प्रति एडमिरल डॉम अल्वेरो ड-सिलवीरायाः नेतृत्वे एकः वृहद सैन्य: प्रेषित: !

पुर्तगालियों ने रानी को हल्के में लेते हुए केवल कुछ सैनिक उसे पकड़ने भेजा ! लेकिन उनमें से कोई वापस नहीं लौटा ! क्रोधित पुर्तगालियों ने अब एडमिरल डॉम अल्वेरो ड-सिलवीरा के नेतृत्व में एक बड़ी सेना भेजी !

शीघ्रैवाहतः एडमिरल रिक्त हस्तौ पुनरागत:, यस्यानंतरम् पुर्तगालीनां तृतीय प्रयत्नमपि अनर्थक सिद्धमभवत् ! चतुर्थ प्रयत्ने पुर्तगाल सैन्य: मंगलौर पोताश्रय: जय: !

शीघ्र ही जख्मी एडमिरल खाली हाथ वापस आ गया,इसके बाद पुर्तगालियों की तीसरी कोशिश भी बेकार साबित हुई ! चौथी बार में पुर्तगाल सेना ने मंगलौर बंदरगाह जीत लिया !

विचारमासीत् अत्रतः राग्या: कोटम् जयम् सरलं भविष्यति पुनः च् ते इदमेव कृताः ! जनरल जाओ पिक्सीटो: वृहद सैन्येण सहोल्लाल जयित्वा राज्ञीम् ग्रहीतुम् निःसृत: !

सोच थी कि यहाँ से रानी का किला जीतना आसान होगा और फिर उन्होंने यही किया ! जनरल जाओ पिक्सीटो बड़ी सेना के साथ उल्लाल जीतकर रानी को पकड़ने निकला !

तु इदम् किं ? कोटम् रिक्तमासीत् राग्या: च् कुत्रैवास्तित्वमपि नासीत् ! पुर्तगाली सैन्य: हर्षोल्लासेण विना रणम् कोटम् विजयतुम् अवगम्यिताः ! ते प्रमोदे गता: स्म तत राज्ञी अब्बक्का स्व विशेषं २०० युवाभिः सह तेषु बुभुक्षिता: सिंहानामेव प्रहारिता !

लेकिन यह क्या ? किला खाली था और रानी का कहीं अता-पता भी ना था ! पुर्तगाली सेना हर्षोल्लास से बिना लड़े किला फतह समझ बैठी ! वे जश्न में डूबे थे कि रानी अब्बक्का अपने चुनिंदा 200 जवान के साथ उन पर भूखें शेरों की भांति टूट पड़ी !

विना रणम् जनरल व अधिकत: पुर्तगाली हता: ! शेषमात्मसमर्पणं कृता: ! तैव रात्रि राज्ञी अब्बक्का मंगलौर पोताश्रये घातम् कृता यस्मिन् तया पुर्तगाली प्रमुखम् हनित्वा पोताश्रयं मुक्तम् कारिता !

बिना लड़े जनरल व अधिकतर पुर्तगाली मारे गए ! बाकी ने आत्मसमर्पण कर दिया ! उसी रात रानी अब्बक्का ने मंगलौर पोर्ट पर हमला कर दिया जिसमें उसने पुर्तगाली चीफ को मारकर पोर्ट को मुक्त करा लिया !

राज्ञी अब्बक्कायाः देशद्रोहिन् भर्तृ पुर्तगालिभिः धनम् नीत्वा तयावरुद्ध: कारागारे च् राज्ञी विद्रोहस्य कालम् हता ! किं भवन्तः चौटाम् प्रति पूर्वम् कदा शृणुताः पठिता: वा ?

रानी अब्बक्का के देशद्रोही पति ने पुर्तगालियों से धन लेकर उसे पकड़वा दिया और जेल में रानी विद्रोह के दौरान मारी गई ! क्या आपने इस वीर रानी अब्बक्का चौटा के बारे में पहले कभी सुना या पढ़ा है ?

इति राज्ञीम् प्रतियत् चत्वारः दशका: एव विदेशी आततायिभिः वीरताया सह रणितुम् रमिता, अस्माकं पाठ्यपुस्तकानि मौनम् सन्ति ! यदि इयमेव राज्ञी अब्बक्का योरोपे अमेरिकायां वा जन्म अलभत् तदा तस्मिन् बहवः पुस्तकानि अलिखत् !

इस रानी के बारे में जो चार दशकों तक विदेशी आततायियों से वीरता के साथ लड़ती रही, हमारी पाठ्य पुस्तकें चुप हैं ! अगर यही रानी अब्बक्का योरोप या अमेरिका में पैदा हुई होती तो उस पर पूरी की पूरी किताबें लिखी गई होती !

यस्मात् स्पष्टम् भवति अस्माभिः गौरवपूर्ण इतिहासेन ज्ञानपूर्वम् वंचितं धृताः ! अहमपि राज्ञी अब्बक्का चौटाम् प्रति तं कालमेव ज्ञात: यदा अहम् कर्नाटकस्य कथानकं पठामि स्म !

इससे स्पष्ट होता है कि हमें हमारे गौरवपूर्ण इतिहास से जानबूझ कर वन्चित रखा गया है ! मैं भी रानी अब्बक्का चौटा के बारे में उस समय ही जान पाया जब मैं कर्नाटक की कहानी पढ़ रहा था !

अस्माकं १००० वर्षस्य दासता स्वैव देशवासिनां (अंत: प्रहारकाः) विश्वासघातस्य परिणामम् अस्ति ! दुर्भाग्यतः इदम् अद्यापि यथावतमस्ति !

हमारी 1000 साल की दासता अपने ही देशवासियों (भितरघातियों) के विश्वासघात का नतीजा है ! दुर्भाग्य से यह आज भी यथावत है !

स्रोत:-कथा कर्नाटके

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

अतीक्, मुख्तार्, शहाबुद्दीन् इत्येतयोः स्मृत्यां समाजवादीपक्षाय मतदानं करोतु-समाजवादीपक्षस्य नेता उस्मान् ! अतीक, मुख्तार और शहाबुद्दीन की याद में समाजवादी पार्टी को डालें वोट-सपा नेता...

उत्तरप्रदेशस्य मोरादाबाद्-मण्डले समाजवादी पक्षस्य जनसभायां उत्तरप्रदेशस्य बिहारस्य च माफिया-इत्येतेषां नाम्नः मतानां याचना कृता। अखिलेशः यादवस्य उपस्थितौ आयोजिते अस्मिन्...

काङ्ग्रेस् पक्षः वक्फ्-क्षेत्रम् अपि न स्पृशतिः-पीएम मोदिन् ! कांग्रेस वक्फ को छुएगी तक नहीं-पीएम मोदी !

प्रधानमन्त्री नरेन्द्रमोदी एकस्मिन् साक्षात्कारे उक्तवान् यत् काङ्ग्रेस्-पक्षस्य धनस्य पुनर्वितरणस्य प्रतिज्ञा महती विभीषिका अस्ति इति। "काङ्ग्रेस् पक्षः वक्फ् इत्यादीनां...

राजानां-महाराजाणां अपमानम् कुर्वन्ति कांग्रेसस्य युवराज:-पीएम नरेंद्र मोदिन् ! राजा-महाराजाओं का अपमान करते हैं कांग्रेस के शहजादे-पीएम नरेंद्र मोदी !

प्रधानमन्त्री नरेन्द्रमोदी, काङ्ग्रेस्-पक्षस्य नेता राहुलगान्धी वर्यस्य विरुद्धम् तीव्रम् निन्दाम् अकरोत्। राहुलगान्धी-वर्यस्य नामं विना, प्रधानमन्त्री मोदी अवदत् यत्, काङ्ग्रेस्...

किं सर्वकारीय-अनुबन्धान् प्राप्तुं हिन्दुजनाः मुस्लिम्-मतानुयायिनः भवितुम् भविष्यन्ति ? सरकारी ठेका लेने के लिए क्या हिंदुओं को मुस्लिम बनना होगा ?

२०२४ तमस्य वर्षस्य लोकसभा-निर्वाचनस्य कृते काङ्ग्रेस्-पक्षः स्वस्य घोषणापत्रे यत् प्रकारेण प्रतिज्ञां कृतवान् अस्ति, तस्य तुष्टिकरण-नीतिः तस्य अधोभागे लुक्किता...
Exit mobile version