सनातन सत्य, एकमेदृशं शिवमंदिरम् यत्र स्वयं माता गंगा करोति शिवलिंगस्याभिषेकं ! सनातन सत्य, एक ऐसा शिवमंदिर जहां स्वयं माता गंगा करती है शिवलिंग का अभिषेक !

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झारखंडस्य रामगढ़े भगवतः शिवस्य एकमेदृशं मंदिरं अस्ति यत्र शिवलिंगे जलाभिषेक कश्चितान्य न स्वयं माता गंगा करोति ! मंदिरस्य विशेषतैदमस्ति ततात्र जलाभिषेकवर्षस्य द्वादशमासानि चतुर्विंशति घटकं च् भवति ! इदम् पूजनम् सदिभिः चरितुं आगच्छति !

झारखंड के रामगढ़ में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जहां शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं ! मंदिर की खासियत ये है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है ! यह पूजा सदियों से चली आ रही है !

मान्यते तत इति स्थानस्योल्लेखम् पुराणेषु अपि ळब्धति ! भक्तानां आस्थामस्ति ततात्रे याचितं प्रत्येक इच्छाम् पूर्णं भवति ! आंग्लानां कालेण संलग्नमस्ति इतिहासम् ! झारखंडस्य रामगढ़जनपदे स्थितं इति प्राचीन शिवमंदिरम् जनाः टूटी झरना इत्या: नाम्ना ज्ञायन्ति !

माना जाता है कि इस जगह का उल्‍लेख पुराणों में भी मिलता है ! भक्तों की आस्‍था है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है ! अंग्रेजों के जमाने से जुड़ा है इतिहास ! झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है !

मंदिरस्येतिहासं १९२५ तः संलग्नमस्ति मान्यते च् तत तदा आंग्ल: इति क्षेत्रात् रेलवे लाइन इति रचयस्य कार्यम् करोति स्म ! जलाय खननस्य काळं तेन धरायाः अभ्यांतरम् केचन हर्म्यशिखरमिव वस्तु दर्शितं !

मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे ! पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ी !

आंग्ला: इति वार्ताम् ज्ञातुं पूर्णखननम् कारिता: अंते चिदम् मंदिर पूर्णरूपेण दृष्टिमागतं ! शिवभगवतस्य भवति पूजनम् मंदिरस्याभ्यांतर, भगवत: शिवस्य शिवलिंग: अपि ळब्धं तस्योपरि च् मातु: गंगायाः श्वेतवर्णस्य प्रतिमापि ळब्धं !

अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया ! शिव भगवान की होती है पूजा मंदिर के अन्दर, भगवान भोले का शिवलिंग भी मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा भी मिली !

प्रतिमायाः नाभितः आपरूपम् जलम् निसृतुं रमति यत् तस्याः द्वयो हस्तयो जालेण विचरन् शिवलिंगे पतति ! मंदिरस्याभ्यांतर गंगायाः प्रतिमाया स्वयं जलनिस्सरणम् स्वे एकः कौतुकस्य विषयं अभवत् ! प्रश्नेदमस्ति तत अंततः इदमाप: स्वयं कुत्रतः आगच्छति ?

प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है ! मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से स्वंय पानी निकलना अपने आप में एक कौतुहल का विषय बना है ! सवाल यह है कि आखिर यह पानी अपने आप कहा से आ रहा है ?

इदम् वार्ताद्यापि एव रहस्यं अभवत् ! कथ्यते तत भगवत: शिवस्य शिवलिंगे जलाभिषेक कश्चितान्य न स्वयं माता गंगा करोति ! अत्र स्थापिते द्वे हैंडपंप अपि रहस्यै: आवृत्ते ! अत्र जनान् जलाय हैंडपंप चालयस्यावश्यकतां न भवन्ति अपितु ययोतः स्वयं सदैव आप: पतितुं रमित: !

ये बात अभी तक रहस्य बनी हुई है ! कहा जाता है कि भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं ! यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं ! यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है !

तत्रैव मंदिरस्य पार्श्वतः इवैका नदी गच्छति या शुष्का अभवत् तु तीक्ष्णातपे अपि एताभ्यं हैंडपंपतः आप: सततं निःसृतुं रमितः ! जनाः अंतरात्-अंतरात् अत्र पूजनम् कर्तुं आगच्छन्ति संपूर्णवर्षम् च् मंदिरे श्रद्धालुणां सम्मर्द: भवन्ति !

वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है ! लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है !

श्रद्धालुणां मान्यता: सन्ति तत टूटी झरना मंदिरे यत् कश्चित भक्ता: भगवतस्येति अद्भुत रूपस्य दर्शनम् क्रियन्ते तस्येच्छाम् पूर्णम् भवन्ते, भक्ता: शिवलिंगे पतितं आपम् प्रसादस्य रूपे ग्रहणम् कुर्वन्ति येन च् स्वगृहम् नीत्वा धरयन्ति ! येन ग्रहणकृतेन सहैव मन: शांतम् भवति दुःखेभ्यः च् रणस्य शक्तिम् लभते !

श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है,भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं ! इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है !

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