हाथरस मामले को लेकर जातीय दंगे भड़काने की साजिश, सीएम योगी ने विपक्ष पर किया पलटवार

Date:

हाथरस में छात्रा के साथ हुई घटना के बाद यूपी का यह जिला सियासी अखाड़े का केंद्र बन गया है। घटना के बाद से ही यहां तमाम नेताओं के आने-जाने का सिलसिला जारी है। मामले को विपक्षी दल अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर पलटवार किया है। सीएम ने हाथरस कांड पर मचे बवाल को सियासी साजिश करार दिया है। वहीं यूपी की सुरक्षा एजेंसियों ने हाथरस कांड पर रची जा रही बड़ी साजिश का खुलासा किया है। रिपोर्ट की मानें तो हाथरस मामले को लेकर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश रची गई थी।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना के बाद से लगातार विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। कोई ट्विटर पर लगातार सवाल उठा रहा है, तो कई विपक्षी नेता योगी सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने हाथरस में हुई घटना के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए क्या कुछ किया यह सबके सामने है। चौतरफा हो रहे विपक्ष के वार पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग देश में और प्रदेश में भी जातीय दंगा, सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं। इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा। इस दंगे की आड़ में उनकी रोटियाँ सेंकने के लिए उनको अवसर मिलेगा, इसलिए नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।”

जातीय दंगे भड़काने की साजिश

वहीं, हाथरस मामले में योगी सरकार को भेजी गई खुफिया जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग मिले हैं। दरअसल, जस्टिस फॉर हाथरस जैसे सोशल मीडिया हैंडल पर कई आपत्तिजनक सामग्री आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी पड़ताल की, जिसमें पता चला एंटी सीएए के तर्ज पर हाथरस मामले को फैलाने की तैयारी हो रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक यह फर्जी वेबसाइट रातों रात बनायी गयी और इसके जरिए जातीय दंगे भड़काने की साजिश रची गई थी।

क्या था मामला?

बता दें कि, हाथरस में 20 साल की छात्रा से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया। इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। जिसके बाद उसके शव को दिल्ली के अस्पताल से हाथरस लाया गया और रात 2 बजे उसका दाह संस्कार किया गया। इस दौरान पीड़िता के परिवार को बंद रखा गया। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जिसके बाद से लगातार योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं, और दोषियों को किसी भी हाल में न बख्शे जाने की बात कही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

बङ्गाल्-प्रदेशस्य प्रत्येकः अङ्गुलः भूमिः मुस्लिम्-जनानां अस्ति, स्वतन्त्रभारते सूरसा रूपेण मतानुयायिनः जमीन्दारः वर्धमानाः सन्ति ! बंगाल की इंच-इंच जमीन मुस्लिमों की, स्वतंत्र भारत में सुरसा...

सद्यः एव बङ्ग्ला-देशस्य मौलाना इत्यस्य एकं वीडियो सामाजिक-माध्यमेषु वैरल् अभवत्। दृश्यचित्रे मौलाना, बङ्गाल्-प्रदेशस्य प्रत्येकः अङ्गुलः भूमिः मुस्लिम्-जनानां अस्ति...

इदं लघु-पाकिस्तानदेशः अस्ति, अत्र हिन्दूनां आगमनम् निषेध: ! ये मिनी पाकिस्तान है, यहाँ हिंदुओं का आना मना है ?

२०२४ मे ६ दिनाङ्के छत्तीसगढस्य बिलासपुरे अर्षद्, नफीस्, शोयब्, राजा खान् अथवा सज्जद् अली इत्येतैः जीवन्दीप् सिङ्घ् नामकः...

गृहे प्रत्यागमनम्, फरजाना पल्लवी भवति, नर्गिस् मानसी भवति ! घर वापसी, फरजाना बनी पल्लवी, नरगिस हुई मानसी !

उत्तरप्रदेशस्य बरेली-मोरादाबाद्-जनपदयोः 2 मुस्लिम्-बालिकाः गृहं प्रत्यागताः सन्ति। तौ उभौ हिन्दुधर्मं स्वीकृत्य हिन्दु-बालिकानां विवाहम् अकुर्वन्। रामपुरस्य फर्हाना बरेली नगरे...

किं हिन्दु-पुत्री सलार् इत्यस्य पुत्रस्य विरुद्धं स्पर्धां कर्तुं न शक्नोति ? क्या सालार के बेटे के खिलाफ चुनाव भी नहीं लड़ सकती एक हिंदू...

२०२४ लोकसभानिर्वाचनस्य चतुर्थः चरणः सोमवासरे (मे १३, २०२४) ९६ आसनेषु अभवत्, येषु एकः हैदराबाद् आसीत्! तेलङ्गाना-राज्यस्य राजधानी ए....
Exit mobile version