पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद ‘एहसान फरामोश’ अंसारी ने एक बार फिर से दिखाया अपना ‘हिन्दू विरोधी और कम्युनल’ चेहरा

Date:

भारत में सेकुलरिज्म के अलग अलग मायने हैं, इस के अलावा देश के कुछ वर्गों में हमेशा से ही एक विक्टिम कार्ड खेलने की । ये ख़ास लोग कितने ही बड़े ओहदे पर हो, देश ने चाहे इन्हे कितना भी प्यार और सम्मान क्यों ना दिया हो, समय आने पर ये देश और समाज को दोषी ठहरने और उनके मुँह पर कालिख लगाने से नहीं चूकते , ऐसे ही एक इंसान हैं भूतपूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी।

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी नई किताब को लेकर एक ज़ी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि ‘सेक्युलरिजम’ सरकार की डिक्शनरी से गायब हो चुका है। हामिद अंसारी को लगा होगा की ये भी हमेशा की तरह का रूटीन इंटरव्यू होगा और वो कुछ भी बोल कर निकल जाएंगे। लेकिन इस बार हालात भी अलग थे और जज्बात भी, एंकर ने उनसे ‘मुस्लिमों में असुरक्षा’ के बहुचर्चित बयान से जुड़े सवालों के इंटरव्यू में बार-बार पूछा और उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा तो हामिद अंसारी ने न सिर्फ एंकर की मानसिकता पर सवाल उठाया बल्कि अचानक इंटरव्यू से भी उठ गए।

‘जी न्यूज’ पर शनिवार रात को ये इंटरव्यू प्रसारित हुआ और इस दौरान अंसारी ने अपनी किताब में लिखी बात को दोहराते हुए कहा कि आज सरकार की डिक्शनरी में सेक्युलरिज्म शब्द है ही नहीं। यह पूछने पर कि क्या 2014 से पहले सरकार की डिक्शनरी में यह शब्द था, तब उनका जवाब था- हां, लेकिन पर्याप्त नहीं। इसके बाद एंकर ने एक के बाद एक काउंटर सवाल पूछना शुरू किया। इस क्रम में उनके सवालों में हिंदू आतंकवाद से लेकर तुष्टीकरण और ‘मुस्लिमों में असुरक्षा’, मॉब लिंचिंग जुड़ते गए और अंसारी सवालों से तंग आने लगे। उन्होंने कुछ सवालों के बेढंगे जवाब दिए, लेकिन आश्वस्त नहीं कर सके। अंत में झल्ला कर अंसारी अचानक इंटरव्यू छोड़कर चले गए।

यहाँ ये बताना ज़रूरी है, कि अंसारी तपाक कर जवाब दे रहे थे, जब तक उनसे मुसलमानो पर हुए अत्याचारों की बात की जा रही थी । लेकिन जैसे ही उनके सेकुलरिज्म के मायने बदले गए , जैसे ही हिंदू आतंकवाद का भरम फैला कर हिन्दुओ को बदनाम करने की बात पर सवाल पूछी गए, जैसे ही उन्हें हिन्दू लिंचिंग की याद दिलाई गयी, उनका मूड बदल गया, जो उनके हाव भाव से भी दिख रहा था । कहा जाता था, तब क्या सरकार की डिक्शनरी में सेक्युलरिज्म था, इस सवाल ने अंसारी का जायका बिगाड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात उन्होंने तो नहीं कही है। किसी ए, बी, सी की कही बातों को मुझसे मत जोड़िए। जिन्होंने यह बात कही, उनसे ही पूछिए।

यहाँ ये बाद दीगर है कि अंसारी हमारे देश के २ बार उपराष्ट्रपति भी रहे हैं, इसके अलावा वे एएमयू के वीसी रहे, अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख रहे, कई देशो में उन्होंने राजनयिक के तौर पर भी सेवाएं दी। इतना सब कुछ देश से पाने के बावजूद उन्हें लगता है कि भारत में मुसलमान असुरक्षति हैं, और यहाँ सेकुलरिज्म खतरे में है।

‘आप 10 साल तक उपराष्ट्रपति रहे, एएमयू के वीसी रहे, अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख रहे, राजनयिक रहे, देश ने आपको इतना कुछ दिया लेकिन आपने कार्यकाल के आखिरी दिन आपने कह दिया कि मुस्लिम असुरक्षित हैं, इसकी क्या वजह है?’ एंकर के इस सवाल पर अंसारी ने कहा कि उन्होंने यह बात पब्लिक पर्सेप्शन के आधार पर कही है। इसी सिलसिले में उन्होंने लिंचिंग का भी जिक्र किया। काउंटर सवाल में जब एंकर ने पूछा कि लिंचिंग तो हिंदुओं की भी होती है, तब अंसारी ने बेशर्मी से कहा कि होती होगी।

एंकर ने कई बार यह सवाल पूछा कि आपको आखिर क्यों लगा कि मुस्लिम असुरक्षित है, लेकिन अंसारी इसका कोई सीधा जवाब न देकर टालने की कोशिश कर रहे थे। वह बार-बार अपनी किताब के फुटनोट को ध्यान से पढ़ने की बात कह रहे थे। इसी दौरान एंकर ने कहा कि इंटरव्यू का मकसद उनकी किताब का प्रचार करना नहीं बल्कि उसमें उठाई गईं बातों पर सवाल करना है। बार-बार ‘मुस्लिमों में असुरक्षा’ वाले बयान पर ही सवाल पूछे जाने पर वह बिदक गए। उन्होंने एंकर से कहा कि आपकी मानसिकता ठीक नहीं है। क्या मैंने आपको इनवाइट किया था? आप किताब का रिव्यू कीजिए…आपकी मानसिकता ठीक नहीं है। ये कहते हुए वह अचानक थैंक्स कहकर इंटरव्यू से उठ गए।

दरअसल उपराष्ट्रपति रहते हुए हामिद अंसारी ने यह बयान दिया था कि देश के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है। बेंगलुरु में नैशनल लॉ स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी के 25वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा था कि देश के अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की आशंका बढ़ी है। बाद में कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने ये बातें दोहराई थीं। हामिद अंसारी ने अपनी नई किताब ‘बाय मेनी अ हैप्पी एक्सीडेंट: रीकलेक्शन ऑफ अ लाइफ’ में लिखा है कि इन दोनों ही घटनाओं ने कुछ तबकों में नाराजगी पैदा की।

दरअसल ये सही भी है, उन्हें केवल अपनी कौम से ही लेना देना है, इसलिए केवल मुसलमानो कि लिंचिंग दिखती है लेकिन हिन्दू लिंचिंग नहीं दिखती उन्हें। मुसलमान बहुल राज्यों में हिन्दुओ पर होते अत्याचार उन्हें नहीं दीखते, केरल, बंगाल और कश्मीर में मुसलमानो के हाथो हिन्दुओ कि जान माल कि हानि उन्हें नहीं दिखती । ऐसा इसलिए है कि हिन्दू उनके सेकुलरिज्म के खांचे में कहीं फिट नहीं बैठता। बड़ी ही शर्म की बात है कि ये इंसान हमारे उपराष्ट्रपति के पद पर था।

हामिद अंसारी हमेशा से ही विवादों में रहे हैं, चाहे ईरान के राजदूत रहते हुए वहां RAW के ऑपरेशन्स को तबाह करना हो, चाहे अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकारी कार्यक्रम में भाग ना लेना हो । चाहे 2015 में तिरंगे को सलूट ना करना हो, चाहे 2011 में संसद की मर्यादा को तोड़ कर संसद के सत्र को बिना वजह ख़त्म करना हो, हामिद अंसारी ने सदैव ऐसे ही काम किये हैं, जिनसे उनकी अपने धर्म के प्रति निष्ठा ज्यादा दिखी है, बजाये देश के । और इस पर तुर्रा ये, कि अगर कोई इन जैसो से सवाल पूछ ले, तो उनकी मानसिकता गलत बता देते हैं।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

यूरोपीय मीडिया भारतस्य विषये मिथ्या-वार्ताः प्रदर्शयन्ति-ब्रिटिश वार्ताहर: ! यूरोपीय मीडिया भारत के बारे में दिखाता है झूठी खबरें-ब्रिटिश पत्रकार !

पाश्चात्य मीडिया भारतं प्रति पक्षपाती सन्ति। सा केवलं तेभ्यः एव भारतस्य वार्ताभ्यः महत्त्वं ददति ये किंवदन्तीषु विश्वसन्ति! परन्तु,...

गुजरात सर्वकारस्यादेशानुसारं मदरसा भ्रमणार्थं शिक्षिकोपरि आक्रमणं जातम् ! गुजरात सरकार के आदेश पर मदरसे का सर्वे करने पहुँचे शिक्षक पर हमला !

गुजरात्-सर्वकारस्य आदेशात् परं अद्यात् (१८ मे २०२४) सम्पूर्णे राज्ये मद्रासा-सर्वेः आरब्धाः सन्ति। अत्रान्तरे अहमदाबाद्-नगरे मदरसा सर्वेक्षणस्य समये एकः...

यत् अटाला मस्जिद् इति कथ्यते, तस्य भित्तिषु त्रिशूल्-पुष्पाणि-कलाकृतयः सन्ति, हिन्दुजनाः न्यायालयं प्राप्तवन्तः! जिसे कहते हैं अटाला मस्जिद, उसकी दीवारों पर त्रिशूल फूल कलाकृतियाँ, ​कोर्ट...

उत्तरप्रदेशे अन्यस्य मस्जिदस्य प्रकरणं न्यायालयं प्राप्नोत्! अटाला-मस्जिद् इतीदं माता-मन्दिरम् इति हिन्दुजनाः जौन्पुर्-नगरस्य सिविल्-न्यायालये अभियोगं कृतवन्तः। जौनपुरस्य अस्य मस्जिदस्य...

नरसिंह यादवस्य भोजने मादकद्रव्याणां मिश्रितं अकरोत्-बृजभूषण शरण सिंह: ! नरसिंह यादव के खाने में मिलाया गया था नशीला पदार्थ-बृजभूषण शरण सिंह !

उत्तरप्रदेशस्य बि. जे. पि. सदस्यः तथा रेस्लिङ्ग्-फ़ेडरेशन् इत्यस्य पूर्व-अध्यक्षः ब्रिज्-भूषण्-शरण्-सिङ्घ् इत्येषः महत् प्रकटीकरणं कृतवान्। बृजभूषण् शरण् सिङ्घ् इत्येषः...
Exit mobile version