शांतिदूतो की असहिष्णुता का नया उदाहरण – अब पुलिस की गश्त से भी दिक्कत है इन्हे

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2014 से ही देश में समय समय पर हल्ला मचता है कि “देश में असहिष्णुता का माहौल है”, हर दूसरे कोई ना कोई खड़ा हो जाता है और ये बताया जाता है कि देशभक्त सरकार के आने के बाद से खौफ का माहौल है । देश के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं, उनसे उनके अधिकार छीने जा रहे हैं , उन्हें गौ मांस नहीं खाने दिया जा रहा है , उन्हें रहने को घर नहीं दिया जा रहा, वन्दे मातरम और भारत माता की जय ना बोलने पर उन्हें मारा पीटा जा रहा है।

लेकिन सच्चाई क्या है? सच तो कुछ और ही है, सच तो ये है की शांतिदूतो ने देश में असहिष्णुता का माहौल बना रखा है। चाहे तिरंगा यात्रा पर पत्थरबाजी करनी हो, चाहे CAA के विरोध में पूरे देश में दंगे करने हो , चाहे हिंन्दुओ की लिंचिंग करनी हो, चाहे राम मंदिर के लिए राशि लेने जाने वाले हिन्दुओ पर हमला करना हो, चाहे covid के सैंपल लेने जाते हुए डॉक्टर की टीम पर जानलेवा हमला करना हो, शांतिदूतो ने हमेशा ही असहिष्णुता का ही प्रदर्शन किया है।

अब ये नया किस्सा सामने आया है, ये सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। ये घटना है सद्भावना चौकी, मुन्ना खान चौराहा, कोतवाली नगर जनपद गोंडा की। जहां के शांतिदूतो ने पुलिस के खिलाफ ही शिकायत दर्ज कर दी है । इन लोगो का कहना है कि पुलिस की गश्त से इन्हे दिक्कत है, पुलिस कि बाइक के हॉर्न से इन्हे परेशानी होती है, इनकी नींद पूरी नहीं होती , इनके घर परिवार वाले चिढ़चिढ़े होने लग गए हैं ।

हम मज़ाक नहीं कर रहे, आप ये शिकायती पत्र पढ़िए और स्वयं जानिये की ये किस स्तर पर जा कर देश की कानून व्यवस्था पर चोट करना चाह रहे हैं।

ये तो सभी को ज्ञात है की शांतिदूतो के इलाके में सबसे ज्यादा अपराध किये जाते हैं , ऐसी शिकायतों द्वारा ये लोग पुलिस पर दबाव बनाना चाहते हैं, ताकि पुलिस इनके इलाको से दूर रहे और ये लोग बेख़ौफ़ अपराध और देश तथा समाज विरोधी काम कर सकें।

यहाँ हमारी उम्मीद है राज्य सरकार से कि ऐसी शिकायत करने वालो पर कार्यवाही की जाए और इनकी जांच भी की जाए । अगर सही से जांच की जाए तो संभव है कि कुछ अपराधी प्रवृति के शांतिदूतो कि धरपकड़ भी हो जाए। हमे पूरा विश्वास है की उत्तर प्रदेश की पुलिस ऐसे किसी भी दबाव में आये बगैर इन शांतिदूतो की साजिश को बेनकाब करेगी।

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