अप्रतिम देश भक्त, जन जननायक, त्याग के मूर्तिमान विग्रह, स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी महानायक, विश्व विभूति, इंडियन नेशनल आर्मी के महानायक, आत्म विश्वास एवं दृढ संकल्पव्रती, देश पूज्य – नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयन्ती क़ो “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाये जाने का ‘संस्कृति मंत्रालय’ का निर्णय विलम्ब से ही सही, भारत सरकार का विस्मरण की गह्वर गुफा में दफन कर दिए गए, भारत मां के उन अनेक वीर सपूतों में से किसी एक को भी याद कर लेना, कम गौरव की बात नहीं है ।
सरकार जगी है, तो शायद औरों के दिन भी बहुरेंगे । उनके नाम का समरण भी किया जाएगा । जो काम पीछे की सरकारें न कर पायीं, उसे करने में आत्म गौरव और अपनी छवि सुधारने का सुनहरा अवसर फिर कहां मिलेगा? जैसा भी है स्वागत योज्ञ है ।
1991 में भारत सरकार ने सुभाषचंद्र बोस को भारत रत्न देने की तैयारी की थी. हालांकि सुभाषचंद्र बोस के परिवार ने इस सम्मान को लेने से इनकार कर दिया था । यह सम्मान भारत के किसी भी नागरिक को दिया जा सकता है, चाहे वो किसी भी जाति, धर्म, व्यवसाय या लिंग से संबंध रखता हो । 1954 में सबसे पहले ये सम्मान भारत के एक लौते गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, भारत के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक सी वी रमन को मिला था ।
इसके अगले साल 1955 में स्वतंत्रता सेनानी भगवान दास, सर विश्वेश्वरैया और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था । इसके बाद के वर्षों में स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत, धोंडो केशव, बी सी रॉय, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन जैसे कई गणमान्य लोगों को दिया गया था । भारत रत्न सम्मान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल और मोरारजी देसाई जैसे महान शख्सियतों को भी दिया जा चुका है ।
हमने हमारी अगली पीढ़ी को ये भी बताना है, कि नेहरू और नकली गांधी के अलावा भी अनेक सपूत हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व दिया, कृतज्ञ राष्ट्र उनको नमन करता है ।
देश की वर्तमान सरकार से मेरा निवेदन है कि, कुछ नाम नकली गांधी हटाकर हमारे राज भक्तों के नाम पर रख दें जैसे चोला वंश सड़क, अहोम राज्य सड़क, पुरी के नाम पर सड़क । बहुत सुन लिया अकबर सड़क, बाबर लेन, शाहजहां सड़क, मोती लाल सड़क । समय है नई पीढ़ी को संज्ञान देने का ।
भारत माता की जय ।
जय हिन्दू राष्ट्र ।
जागो फिर एक बार …. ।