समाजवादी-पक्षस्य वरिष्ठः नेता शिवपालसिंह-यादवः उत्तरप्रदेशस्य जनान् भाजपाय मतदानं कर्तुं प्रार्थयत्। उत्तरप्रदेशस्य पूर्वमुख्यमन्त्रिणः अखिलेशः यादवस्य पितृव्यः शिवपालसिंह यादवः बुधवासरे (मे १,२०२४) जसवन्तनगरे निर्वाचनसमारोहं सम्बोधयन् आसीत्।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए चुनावी रैली में भाजपा के लिए वोट डालने की अपील कर दी ! उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर में बुधवार (1 मई, 2024) को एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे !
इटावा-मण्डले स्थितं जसवन्तनगरं मैनपुरी-लोकसभाक्षेत्रस्य अन्तर्गतम् अस्ति, मैनपुरी तु गत २८ वर्षाणि यावत् १० निर्वाचनानि यावत् एस्. पि.-पक्षस्य अधीनम् अस्ति! मुलायं सिङ्घ् यादवः स्वयमेव अत्र 5 प्रावश्यं जितवान् (१९९६, २००४, २००९, २०१४, २०१९)।
बता दें कि इटावा जिले में स्थित जसवंतनगर, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, वहीं मैनपुरी, जहाँ पिछले 28 वर्षों और 10 चुनावों से सपा का ही कब्जा है ! खुद मुलायम सिंह यादव यहाँ से 5 बार (1996, 2004, 2009, 2014, 2019) जीत दर्ज कर चुके हैं !
परन्तु २००४ तमे वर्षे २०१४ तमे वर्षे च सः एतस्मात् जित्वा राजिनामा दत्तवान् यतः सः अन्यस्थानात् अपि जितवान्! तदनन्तरं जाताषु उप-निर्वाचनेषु, २००४ तमे वर्षे, सः स्वस्य अनुजः अभयराम् यादवस्य पुत्रस्य धर्मेन्द्र यादवस्य विजयं सुनिश्चितं कृतवान्, २०१४ तमे वर्षे उप-निर्वाचने सः स्वस्य अग्रजः रणवीर् सिङ्घ् यादवस्य पौत्रस्य तेज्प्रताप् सिङ्घ् यादवस्य विजयं सुनिश्चितं कृतवान्!
हालाँकि, 2004 और 2014 में उन्होंने यहाँ से जीत के बाद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वो दूसरी सीट से भी जीते थे ! उसके बाद हुए उपचुनावों में 2004 में अपने छोटे भाई अभयराम यादव के बेटे धर्मेंद्र यादव को जिताया था, वहीं 2014 के उपचुनाव में उन्होंने अपने बड़े भाई रणवीर सिंह यादव के पोते तेजप्रताप सिंह यादव की जीत सुनिश्चित की थी !
मे-मासस्य ७ दिनाङ्के भारतीय-जनता-पक्षस्य महता अन्तरात् विजयः अपेक्षितः अस्ति! अतः भवतः विजयः अवश्यमेव भवेत्, यतः बहुवारं भवान् बहूनां समस्यानां सम्मुखीकरणं कृतवान् अस्ति! अस्मिन् अवसरे समाजवादी-पक्षस्य प्रमुखः अखिलेशः यादवः अपि उपस्थितः आसीत्।
शिवपाल सिंह यादव ने ताजा रैली में कहा, 7 मई को भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़े मार्जिन से जिताना है ! और इसीलिए भी जिताना है, क्योंकि आपके सामने कई बार बहुत चुनौतियाँ आई हैं ! खास बात ये है कि शिवपाल सिंह यादव जब ये बोल रहे थे, तब सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंच पर ही मौजूद थे !
“शिवपाल यादवः अवदत् यत्, जिह्बा पतनेन सपा इत्यस्य स्थाने भाजपा इति, परन्तु यदा वीडियो सामाजिकमाध्यमेषु वैरल् अभवत् तदा सः प्रहारितः अभवत्” इति। “इति। अखिलेशः यादवस्य पत्नी डिम्पल् यादवः मैनपुरी मण्डलस्य वर्तमाना सांसदः अस्ति।
शिवपाल सिंह यादव ने सपा की जगह जबान स्लिप होने की वजह से भाजपा कह दिया, लेकिन सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद उनकी भद्द पिट गई ! बता दें कि मैनपुरी की मौजूदा सांसद अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव हैं, जिन पर पार्टी ने इस बार फिर से भरोसा जताया है !
सः भाजपा-पक्षस्य ठाकुर-जयवीरसिंहस्य विरुद्धं, मैनपुरी-सदर्-क्षेत्रात् एकवारं विधायकस्य, घिरोर्-मैनपुरी-क्षेत्रात् द्विवारं विधायकस्य च विरुद्धं स्पर्धयिष्यति। सः योगी २.० सर्वकारे पर्यटन-संस्कृति-मन्त्री अभवत्। सः मायावति-सर्वकारे मन्त्री अपि आसीत्।
उनका मुकाबला भाजपा के ठाकुर जयवीर सिंह से होगा, जो मैनपुरी सदर से एक बार और घिरोर मैनपुरी से 2 बार विधायक रह चुके हैं ! योगी 2.0 सरकार में उन्हें पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बनाया गया है ! मायावती की सरकार में भी वो स्वतंत्र प्रभार के साथ सिंचाई राज्यमंत्री रह चुके हैं !
सः ग्रामप्रधानात् मन्त्रिणं प्रति यात्राम् अकरोत्! न केवलं उत्तरप्रदेशे अपितु पश्चिमवङ्गदेशे अपि भारतीयसङ्घस्य स्थितिः दुर्दशिता अस्ति। पश्चिमबङ्ग-काङ्ग्रेस्-पक्षस्य अध्यक्षः अधीररञ्जनचौधरी अवदत् यत्, “टी. एम्. सी. कृते किमर्थं मतदानं करोतु, भाजपा-पक्षाय मतदानम् उत्तमम्!
उन्होंने ग्राम प्रधान से मंत्री तक का सफर तय किया है ! इंडी गठबंधन की हालत उत्तर प्रदेश ही नहीं, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी खस्ता है ! पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक भाषण के दौरान बंगाली में कहा, TMC को वोट क्यों दें, बीजेपी को वोट देना बेहतर है !
अधीररञ्जनचौधरी इत्यस्य वीडियो सामाजिकमाध्यमेषु वैरल् भवति। काङ्ग्रेस्-पक्षः अपि च अन्यैः विपक्षैः सह। सङ्घटनायाः पताकारस्य अधः ऐक्यं प्रतिपादयति, परन्तु भूमे स्थितिः, विपक्षः देशे यत् विश्वसितुम् इच्छति तस्य अपेक्षया बहु दूरे अस्ति!
अधीर रंजन चौधरी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है ! भले ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल I.N.D.I. गठबंधन के बैनर तले एकता का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्थिति उस बात से बहुत दूर है, जिस पर विपक्ष देश को विश्वास दिलाना चाहता है !