केवल प्रतीक चित्र
एकं कालमासीत्, कर्णपुरस्य वस्त्र मिल विश्वप्रसिद्धं आसीत् कर्णपुरम् प्राच्या: मैनचेस्टर इति वद्यते स्म ! लाल इमली यथैव फैक्ट्री इत्या: वस्त्राणि प्रेस्टीज चिह्नम् भवति स्म ! तत्सर्वम् केचनासीत् यत् एके औद्योगिक नगरे भवनीयम् !
एक जमाना था, कानपुर की कपड़ा मिल विश्व प्रसिद्ध थीं कानपुर को ईस्ट का मैन्चेस्टर बोला जाता था ! लाल इमली जैसी फैक्टरी के कपड़े प्रेस्टीज सिम्बल होते थे ! वह सब कुछ था जो एक औद्योगिक शहर में होना चाहिए !
मिल इत्या: वाद्ययंत्रम् वाद्यतैव सहस्राणि श्रमिका: द्विचक्रिकायां तिष्ठ भोजनपात्र गृहीत्वा फैक्ट्री इत्या: गणवेशे मिल गच्छन्ति स्म ! बालकाः विद्यालयं गच्छन्ति स्म ! भार्या: गृहकार्यम् कुर्वन्ति स्म, एतै: लक्षभिः श्रमिकै: सहैव च् लक्षानि सेल्समैन, मैनेजर, क्लर्क सर्वाणां जीविकाम् चलन्ति स्म !
मिल का साइरन बजते ही हजारों मजदूर साइकिल पर सवार टिफिन लेकर फैक्टरी की ड्रेस में मिल जाते थे ! बच्चे स्कूल जाते थे ! पत्नियाँ घरेलू कार्य करतीं थी और इन लाखों मजदूरों के साथ ही लाखों सेल्समैन, मैनेजर, क्लर्क सबकी रोजी रोटी चल रही थी !
पुनः वामपंथीनां दृष्टि कर्णपुरे अभवन्, तदातः सर्वम् क्षतिग्रस्तमभवत् ! अष्ट घटकानि श्रम श्रमिका: अकुर्वन् वाहनतः चचलत् स्वामिन् ! बहवः हिंसक घटना: अभवन्, मिल स्वामिनेवम् ताडनमपि अभवत् ! उद्घोषम् दत्तवान्, कार्यस्य घटकानि चत्वारि करोतु, अकर्मम् अंतरम् करोतु !
फिर कम्युनिस्टों की निगाहें कानपुर पर पड़ीं, तभी से बेड़ा गर्क हो गया ! आठ घंटे मेहनत मजदूर करे और गाड़ी से चले मालिक ! ढेरों हिंसक घटनाएँ हुईं, मिल मालिक तक को मारा पीटा भी गया ! नारा दिया गया, काम के घंटे चार करो, बेकारी को दूर करो !
अकर्मण्यता केन न साधु अनुभवति ! बहवः मध्यम वर्गीय जनाः अपि वामपंथिन: समर्थका: अभवन् ! श्रमिकान् विश्राम मेलनीयम्, इमानि उद्योगानि रक्तं पिबन्ति ! कर्णपुरे वामपंथिन् सांसद अभवत् सुभाषिनी अली ! केवलं इदमेव लक्ष्यमासीत्, वामपंथिम् स्व सांसद निर्माणायेदम् सर्वम् राजनीतिं कृतवान् स्म !
मुफ्तखोरी किसे नहीं अच्छी लगती है ! ढेरों मिडल क्लास भी कॉम्युनिस्ट समर्थक हो गया ! मजदूरों को आराम मिलना चाहिए, ये उद्योग खून चूसते हैं ! कानपुर में कम्युनिस्ट सांसद बनी सुभाषिनी अली ! बस यही टारगेट था, कम्युनिस्ट को अपना सांसद बनाने के लिए यह सब पॉलिटिक्स कर ली थी !
अंततः तत दिवसं आगतवान् यदा कर्णपुरस्य मिल श्रमिकान् श्रम कृतेनावकाशम् ळब्धवान् ! मिल इत्येषु तालयंत्रम् स्थाप्यवान् ! मिल स्वामिनद्य पूर्वतः शोभनम् वाहनेषु भ्रमन्ति, सः अहमदाबादे मिल उद्घट्यवान् !
अंततः वह दिन आ ही गया जब कानपुर के मिल मजदूरों को मेहनत करने से छुट्टी मिल गई ! मिलों पर ताला डाल दिया गया ! मिल मालिक आज पहले से शानदार गाड़ियों में घूमते हैं, उन्होंने अहमदाबाद में कारखाने खोल दिए !
कर्णपुरस्य मिल अवरुद्धम् भूत्वापि भूम्या: रूपे तेन मिल स्वामिन: अर्बुदानि दाष्यति ! तान् किमपि पीड़ा नाभवत्, कुत्रचित् मिल स्वामिन: कदा वामपंथीनां कुचक्रे नागतवान् ! कर्णपुरस्य तत ८ घटकानि गणवेशे कार्यकर्ता: श्रमिका: १२ घटकानि त्रिचक्रिका चालने विवश: अभवन् !
कानपुर की मिल बंद होकर भी जमीन के रूप में उन्हें मिल मालिकों को अरबों देगी ! उनको फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि मिल मालिकों कभी कम्युनिस्ट के झांसे में नही आए ! कानपुर के वो 8 घंटे यूनिफॉर्म में काम करने वाला मजदूर 12 घंटे रिक्शा चलाने पर विवश हुआ !
यदा स्वम् चेतम् नासीत् तर्हि वामपंथीनां कुचक्रे किं आगच्छसि ? विद्यालयं गन्तुकाः बालका: कबाड़ इति अचिनोत् ताः मध्यमवर्ग च् यस्य नेत्रेषु श्रमिकान् कार्यकर्तुं दर्श रक्तमवतरते स्म, अधिसंख्यं जीवने पुनः दासता न ळब्धवान् !
जब खुद को समझ नही थी तो कम्युनिस्ट के झांसे में क्यों आ जाते हो ? स्कूल जाने वाले बच्चे कबाड़ बीनने लगे और वो मध्यम वर्ग जिसकी आँखों में मजदूर को काम करता देख खून उतरता था, अधिसंख्य को जीवन में दुबारा कोई नौकरी ना मिली !
एकः वृहत् जनसंख्या स्वजीवनम् अदासता भवन् डिप्रेशन इत्यां याप्यवान् ! वामपंथी अफीम बहु घातक: भवति, तेन सर्वात् प्रथम हन्ति, य: यस्य क्रोडे आगच्छति !
एक बड़ी जनसंख्या ने अपना जीवन बेरोजगार रहते हुए डिप्रेशन में काटा ! कॉम्युनिस्ट अफीम बहुत घातक होती है, उन्हें ही सबसे पहले मारती है, जो इसके चक्कर में पड़ते हैं !
वामपंथिनां प्रथमादर्शेदमस्ति ! द्वय कक्षयो: मध्य प्रथम अंतरम् प्रदर्शनम्, पुनः अस्य अंतरस्य कारणेन कलहम् कारितं पुनः च् द्वौ इव कक्षौ संपादितं कृतं !
कॉम्युनिजम का बेसिक प्रिन्सिपल यह है ! दो क्लास के बीच पहले अंतर दिखाना, फिर इस अंतर की वजह से झगड़ा करवाना और फिर दोनों ही क्लास को खत्म कर देना !