39 C
New Delhi

शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता

Date:

Share post:

नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन को लेकर भारत की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को बड़ा फैसला दिया है। शाहीन बाग में तीन महीने से ज्यादा चले इस प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि, सार्वजनिक जगहों पर अनिश्चितकाल तक प्रदर्शन नहीं हो सकता है चाहे वो शाहीन बाग हो या कोई और जगह। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता। बता दें कि, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने यह फैसला सुनाया।

सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन, कानून में इसकी इजाजत नहीं- कोर्ट

शाहीन बाग में CAA के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है। केवल तय स्थानों पर ही प्रदर्शन होना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि आवागमन का अधिकार अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता। प्रदर्शनकारियों के सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन लोगों के अधिकारों का हनन है। कानून में इसकी इजाजत नहीं है।

सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता- कोर्ट

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है लेकिन उन्हें निर्धारित क्षेत्रों में होना चाहिए। संविधान विरोध करने का अधिकार देता है लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि प्रशासन को रास्ता जाम कर प्रदर्शन रहे लोगों को हटाना चाहिए, कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए।

फरवरी में दाखिल हुई थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया है, जब अधिवक्ता अमित साहनी ने फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शनकारियों द्वारा बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की मांग की थी। बता दें कि, प्रदर्शनकारियों ने करीब सौ दिनों तक कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को बंद रखा था, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतें हुईं थीं।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि, पिछले साल दिसंबर 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने संसद से नागरिकता संशोधन कानून पास कराया था, जिस पर देश के कई हिस्सों में काफी बवाल हुआ था। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया। नागरिकता संशोधन कानून को धर्म के आधार पर बांटने वाला बताकर पूरे देशभर में आंदोलन हुए। दिल्ली के शाहीन बाग में दिसंबर से मार्च तक सड़कों पर प्रदर्शन चला था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली में धारा 144 लागू होने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Related articles

गोधरायां रामभक्तानां दहनं कर्तुम् लालुप्रसादः प्रयत्नम् अकरोत्-पीएम मोदी ! लालू यादव ने की गोधरा में रामभक्तों को जलाने वाले को बचाने की कोशिश-PM मोदी...

प्रधानमन्त्री नरेन्द्रमोदी शनिवासरे (मे ४,२०२४) बिहारस्य मिथिला-नगरस्य दर्भङ्गा-नगरं प्राप्तवान्, यत्र सः २०२४ तमस्य वर्षस्य लोकसभा-निर्वाचनात् पूर्वं विशालां जनसभां...

मुम्बई आक्रमणः आर. एस. एस समर्थित आरक्षकेण आई. पी. एस. अधिकारी हेमंत करकरे इत्यस्य हत्या-कांग्रेस नेता ! मुंबई हमले में IPS हेमंत करकरे को...

२०२४ तमे वर्षे लोकसभायाः निर्वाचनं आसन्नम् अस्ति। महाराष्ट्र-विधानसभायाः विपक्षस्य नेता तथा काङ्ग्रेस्-सदस्यः विजय् वडेट्टीवारः अवदत् यत् मुम्बै-आक्रमणस्य समये...

राजस्थानस्य डीगे अलभत् महाभारत कालस्य अवशेष: ! राजस्थान के डीग में मिले महाभारत काल के अवशेष !

भारतीय-पुरातत्त्व-सर्वेक्षणेन (ए. एस्. आई.) राजस्थानस्य डीग्-जनपदस्य बहज्-ग्रामे उत्खननकाले महाभारत-कालस्य, महाजनपद-कालस्य, मौर्य-कालस्य, कुषाण-कालस्य च अवशेषाः प्राप्ताः। ग्रामे गतचतुर्मासात् उत्खननम्...

हैदरतः हरिनारायण भूते इस्लामिक कट्टरपंथिन: हन्तुं भर्त्सकः दत्तुमरभत् ! हैदर से हरि नारायण बनने पर इस्लामिक कट्टरपंथी देने लगे जान से मारने की धमकी...

मध्यप्रदेशस्य इन्दोर्-नगरे सनातनधर्मात् प्रभावितः हैदर्-शेख् नामकः इस्लाम्-मतं परित्यज्य सम्पूर्णं विधि-व्यवस्थां विधिपूर्वकं हिन्दुधर्मं प्रति परिवर्त्य हैदर्-शेख् इत्यतः हरि-नारायणः अभवत्!...