कृषिविधेयकान् निरस्तस्य निर्णयम् दुर्भाग्यपूर्णम्, सर्वोच्च न्यायालय: नियुक्त वार्ताकारमंडलस्य सदस्यं व्यक्तं खिन्नताम् ! कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, सुप्रीम कोर्ट नियुक्‍त पैनल के सदस्‍य ने जताई नाराजगी !

Date:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवासरम् वृहद घोषणान् त्रयान् कृषि विधेयकान् पुनर्नीतस्य घोषणाम् कृतः, यस्य विरोधे कृषक: विगत लगभगम् एकेन वर्षेण आंदोलनम् कुर्वन्ति ! इदम् विधेयकम् विगत वर्षम् सितंबरे आनीतं स्म !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके विरोध में किसान बीते करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं ! यह कानून बीते साल सितंबर में लाया गया था !

यस्यानंतरमेव पंजाबेण सह देशस्य बहु अंशेषु कृषकाणाम् विरोध-प्रदर्शनमारंभितं स्म ! अनंतरे कृषका: इंद्रप्रस्थं प्रति दृष्टिकोणम् गतं, यस्यानंतरम् इदम् एकम् वृहद आंदोलनम् निर्मितं !

जिसके बाद ही पंजाब सहित देश के कई हिस्‍सों में किसानों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था ! बाद में किसानों ने दिल्‍ली की ओर रुख गया, जिसके बाद यह एक बड़ा आंदोलन बन गया !

कृषि विधेयकानां विरोधे इंद्रप्रस्थ सीमायां कृषकाणां धरना २६ नवंबर, २०२० तमेणेव चरति अधुना यदा प्रधानमंत्री इति विवादास्पद विधेयकान् पुनरनीतस्य घोषणाम् कृतः तर्हि कृषका: यस्य स्वागतं कृतवान !

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्‍ली बॉर्डर पर किसानों का धरना 26 नवंबर, 2020 से ही जारी है और अब जब प्रधानमंत्री ने इन विवादास्‍पद कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है तो किसानों ने इसका स्‍वागत क‍िया है !

एतानां सर्वानां मध्य यस्मिन् सर्वोच्च न्यायालयेण नियुक्तं वार्ताकारमंडलमेकस्य सदस्यस्य प्रतिक्रिया अपि आगतवन्तः ! सः येन दुर्भाग्यपूर्णम् कथमानः तत यस्मात् विरोध-प्रदर्शनम् संपादनस्य संभावनाम् नास्ति !

इन सबके बीच इस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्‍त पैनल के एक सदस्‍य की प्रतिक्रिया भी आई है ! उन्‍होंने इसे दुर्भाग्‍यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इससे विरोध-प्रदर्शन समाप्‍त होने की संभावना नहीं है !

सर्वोच्च न्यायालयेण नियुक्तं वार्ताकारमंडलस्य सदस्य: अनिल जयसिंह घनवट: कथित: त्र्यान् कृषि विधेयकान् निरस्तस्य सर्वकारस्य निर्णयम् बहु दुर्भाग्यपूर्णमस्ति ! यस्मात् प्रदर्शनान् संपादने सहाय्य ळब्धस्य संभावनाम् नास्ति !

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल के सदस्य अनिल जयसिंह घनवट ने कहा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का सरकार का फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है ! इससे प्रदर्शनों को समाप्त करने में मदद मिलने की संभावना नहीं है !

सः कथित: तत यदि शीर्ष न्यायालय: कृषि विधेयकेषु सूचनां प्रस्तुतं न करोति, तर्हि सः येन प्रस्तुतं करिष्यति ! सः अत्रैव कथित: तत प्रधानमंत्री मोदी कृषकाणामुत्तमतरस्यापेक्षा राजनीतिमनुदृष्टिम् दत्त: !

उन्‍होंने कहा कि यदि शीर्ष अदालत कृषि कानूनों पर रिपोर्ट जारी नहीं करती है, तो वह इसे जारी करेंगे ! उन्‍होंने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की बेहतरी की बजाय राजनीति को तवज्‍जो दिया !

सः कथित: कृषिविधेयकान् निरस्तस्य निर्णयं पूर्ण रूपेण राजनीतिकमस्ति, यस्योद्देश्यागन्तुका: मासेषु उत्तरप्रदेशे पंजाबे च् भवका: विधानसभा निर्वाचनम् जयमस्ति !

उन्‍होंने कहा कृषि कानूनों को रद्द करने का निर्णय पूरी तरह से राजनीतिक है, जिसका उद्देश्य आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतना है !

अस्माकं वार्ताकारमंडलम् कृषि विधेयकेषु बहु संशोधनम् समाधानम् च् प्रस्तुतवन्तः स्म, तु गतिरोधं समाधानाय यस्य प्रयोगस्यापेक्षा पीएम मोदी भाजपा च् पश्च उद्विसृज्यतुम् चिनुत: ! ते केवलं निर्वाचनम् जयतुम् इच्छन्ति केचन च् न !

हमारे पैनल ने तीन कृषि कानूनों पर कई सुधार और समाधान प्रस्तुत किए थे, लेकिन गतिरोध को हल करने के लिए इसका इस्तेमाल करने की बजाय पीएम मोदी और बीजेपी ने पीछे हटना चुना ! वे सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं और कुछ नहीं !

वार्ता संस्था पीटीआई इतस्यानुरूपम्, खिन्नमनसि सः कथित:, सर्वोच्च न्यायालये अस्माकं अनुशंसान् प्रस्तुतस्योपरांतं, इदृशं परिलक्ष्यति ततेति सर्वकारः येन पठितमपि न ! दलस्य (भाजपा) राजनीतिक हितार्थम् कृषकाणाम् हितानां बलिम् दत्तवन्तः !

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, नाराजगी भरे लहजे में उन्‍होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट में हमारी सिफारिशों को पेश करने के बावजूद, ऐसा लगता है कि इस सरकार ने इसे पढ़ा भी नहीं ! पार्टी (बीजेपी) के राजनीतिक हितों के लिए किसानों के हितों की बलि दी गई है !

कृषि विधेयकान् निरस्तस्य निर्णयम् सम्प्रति कृषि यस्य च् विपणन क्षेत्रयो सर्वस्य प्रकारस्य संशोधनानां द्वारमावृतानि ! कृषि विधेयकान् गृहीत्वा कृषकाणाम् विरोध-प्रदर्शनयो मध्य सर्वोच्च न्यायालय: १२ जनवरी, २०२१ तमम् इति वार्ताकारमंडलस्य गठितं स्म !

कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय ने अब कृषि और इसके विपणन क्षेत्र में सभी प्रकार के सुधारों के दरवाजे बंद कर दिए हैं ! कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी, 2021 को इस पैनल का गठन किया था !

समितिम् यस्मिन् स्वसूचनां तत्परितं ! समित्या: कथनमस्ति तत तत सूचनां मार्चम् इव प्रदत्तम् स्म, येषु बहु हितधारकानां उपदेशानि धृतानि ! त्रय सदस्यीय समित्या: एकः सदस्य: अनिल जयसिंह घनवट: देशस्य प्रमुखन्यायाधीशम् इति संबंधे सितंबरे एकम् पत्रमपि अलिखत् स्म !

समिति ने इस पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। कमेटी का कहना है कि उसने रिपोर्ट 19 मार्च को ही सौप दी थी, जिसमें तमाम हित धारकों के सुझाव रखे गए हैं ! तीन सदस्‍यीय समिति के एक सदस्‍य अनिल जयसिंह घनवट ने देश के चीफ जस्टिस को इस संबंध में सितंबर में एक पत्र भी लिखा था !

येषु सूचनां सार्वजनिक कृतस्य याचनां कृतं स्म ! सः इदमपि कथित: स्म तत यदि सूचनायां सम्मिलिता: अनुशंसाषु महत्वपूर्णम् भवति यस्मात् कृषकाणाम् समाधानम् भवितुम् शक्नोति !

जिसमें रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अपील की गई थी ! उन्‍होंने यह भी कहा था कि अगर रिपोर्ट में शामिल अनुशंसाओं पर अहम होता है तो इससे किसानों की समस्‍याओं का समाधान हो सकता है !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

अखिलेशः यादवस्य निकटवर्तिनः समाजवादी पक्षस्य नेतारः सप्तमे दिनाङ्कस्य अनन्तरं जयश्रीरामकाणाम् निष्कासनं करिष्यन्ति ! 7 तारीख के बाद निकाल देंगे जय श्री राम वालों का...

उत्तरप्रदेशस्य मैनपुरी-मण्डले महाराणा प्रतापस्य प्रतिमायाः अपवित्रतायाः अनन्तरं, वाक्पटुता चरमे अस्ति! एतेषां कथनानां परिप्रेक्ष्ये, गगन् यादवः इदानीं एक्स्-मञ्चे शीर्षकाः,...

मिशनरी-विद्यालये बालस्य शिखा अपहृतः, तस्य नाम कर्तुम् अशङ्कयत्, तिलकं प्रयुज्यत इति निन्दितः? मिशनरी स्कूल में काट ली बच्चे की शिखा, नाम काटने की धमकी,...

उत्तर्प्रदेश्-राज्यस्य बलिया-नगरस्य एका निजीविद्यालये एकस्मिन् हिन्दुछात्रस्य वेणी कटा जाता। पीडितस्य छात्रस्य व्याक्क्सीन् अपि आक्षेपितः आसीत्! सेण्ट्-मेरीस् इति नाम्नः...

आचार्य-प्रमोद-कृष्णम् इत्यनेन अभिधीयत यत् यदि काङ्ग्रेस्-पक्षः सर्वकारस्य निर्माणं करोति तर्हि राहुलगान्धी-वर्यः राममन्दिरस्य विषये सर्वोच्चन्यायालयस्य निर्णयं व्यतिक्रमयिष्यति इति। आचार्य प्रमोद कृष्णम का दावा, कांग्रेस की...

काङ्ग्रेस्-पक्षः यदि केन्द्रे सर्वकारस्य निर्माणं करोति तर्हि राममन्दिरस्य विषये सर्वोच्चन्यायालयस्य निर्णये परिवर्तनं कर्तुम् इच्छति। अस्मिन् सभायां काङ्ग्रेस्-पक्षस्य पूर्वराष्ट्रपतिः...

मुस्लिमः भूत्वा आरक्षणं प्राप्नुयात्, सामाजिक माध्यमेषु याचना भवति, भारतं दारुल्-इस्लाम्-मतं प्रति अग्रे अवर्धत् ? मुस्लिम बनो और आरक्षण पाओ, सोशल मीडिया पर डिमांड, दारुल...

प्रधानमन्त्रिणा नरेन्द्रमोदिना २०२४ तमस्य वर्षस्य लोकसभा-निर्वाचनस्य प्रचारस्य समये स्वस्य अनेकासु सार्वजनिकसभासु उक्तवान् यत् सः कस्यापि मूल्येन धर्मस्य आधारेण...
Exit mobile version