भारतस्य पाकिस्तानस्य च् सिंधु आयोगस्य आयुक्तयो द्वय दिवसीय वार्षिक गोष्ठ्यामारंभ भौवासरमत्र अभवत् ! यस्मिन् पकिस्तानेन चेनाब नद्याम् भारतं प्रत्येन स्थापितमक्रियते जलम् विद्युत परियोजनायामापत्त्या सह बहु प्रकरणेषु चर्चायाः आशामस्ति !
भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयोग के आयुक्तों की दो दिवसीय वार्षिक बैठक की शुरुआत मंगलवार को यहां हुई ! इसमें पाकिस्तान द्वारा चेनाब नदी पर भारत की ओर से स्थापित की जा रही जल विद्युत परियोजना पर आपत्ति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है !
स्थायी सिंध जलायोगस्य इदम् वार्षिक गोष्ठिम् द्वय वर्षमनंतरम् भवति ! गोष्ठ्याम् सम्मिलितं अभवन् भारतीय प्रतिनिधिमंडलस्य नेतृत्व पीके सक्सेना कुर्वन्ति यस्मिन् च् केंद्रीय जलायोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगमस्य च् तस्य सलाहकाराः सम्मिलिता: !
स्थायी सिंध जल आयोग की यह वार्षिक बैठक दो साल बाद हो रही है। बैठक में शामिल हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीके सक्सेना कर रहे हैं और इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय बिजली प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के उनके सलाहकार शामिल हैं।
पकिस्तानी प्रतिनिधिमंडलस्य नेतृत्व सिंधु आयोगस्य (पकिस्तान) आयुक्त: सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह: कुर्वन्ति ! पकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सोमवासरं सायं अत्र प्राप्ता: !
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंधु आयोग (पाकिस्तान) के आयुक्त सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं ! पाकिस्तानी प्रतिधिनिमंडल सोमवार शाम को यहां पहुंचा !
भौमवासरम् आरम्भितः द्वय दिवसीय वार्तायाम् आशामस्ति तत पकिस्तान चेनाब नद्याम् भारतेन स्थापितमक्रियते जलविद्युत परियोजनायाः प्रारूपे आपत्ति पंजीकृतं करिष्यति यस्य जलम् सिंधु जल सहमत्या: अनुरूपम् पकिस्तानमावंटितमक्रियते !
मंगलवार को शुरू हुई दो दिवसीय वार्ता में उम्मीद है कि पाकिस्तान चेनाब नदी पर भारत द्वारा स्थापित की जा रही जलविद्युत परियोजना की डिजाइन पर आपत्ति दर्ज करेगा जिसका पानी सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को आवंटित किया गया है !
वर्षम् २०१९ तमस्यागस्तेत्ये भारत सरकारेण जम्मू-कश्मीरं विशेषं राज्यस्य नामदायक: संविधानस्यानुच्छेद -३७० इतम् निष्क्रिय कृतम् राज्यम् च् द्वय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीरं लद्दाखे च् विभागस्यानंतरम् द्वयो आयोगयो इदम् प्रथम गोष्ठिम् भवति !
वर्ष 2019 के अगस्त में भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निष्क्रिय करने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांटने के बाद दोनों आयोगों की यह पहली बैठक हो रही है !
भारतम् अस्यानंतरेण प्रान्तरे बहु जलविद्युत परियोजनान् सहमतिपत्रम् दत्तम् ! यस्मिन् लेह क्षेत्रे दुरबुक श्योक (१९ मेगावाट क्षमता), शांकु (१८.५ मेगावाट क्षमता), नीमू चिलिंग ( २४ मेगावाट क्षमता), रोंगदो ( १२ मेगावाट क्षमता), रत्ननाग (१०.५ मेगावाट क्षमता) कारगिले च् मांगदम सांगरा (१९ मेगावाट क्षमता), कारगिल हंडरमैन (२५ मेगावाट क्षमता ) तमाश (१२ मेगावाट परियोजनां सम्मिलतानि !
भारत ने इसके बाद से इलाके में कई पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है ! इनमें लेह क्षेत्र में दुरबुक श्योक (19 मेगावाट क्षमता), शांकू (18.5 मेगावाट क्षमता), नीमू चिलिंग (24 मेगावाट क्षमता), रोंगदो(12 मेगावाट क्षमता), रत्न नाग (10.5 मेगावाट क्षमता) और कारगिल में मांगदम सांगरा (19 मेगावाट क्षमता), कारगिल हंडरमैन (25 मेगावाट क्षमता) व तमाश (12 मेगावाट क्षमता) परियोजना शामिल है !
भारतमस्य परियोजनानामभिज्ञानम् पकिस्तानम् दत्तम् अस्य च् गोष्ठ्याम् यस्मिन् चर्चाम् भवस्य आशामस्ति ! गोष्ठ्या पूर्व सक्सेना: कथितः, भारत सहमत्येव स्वस्य जलस्य संपूर्ण प्रयोगम् प्रतिबद्धमस्ति कश्चितैव च् प्रकरणस्य चर्चाया साधारण सहमत्या निर्णये विश्वासम् करोति !
भारत ने इस परियोजनाओं की जानकारी पाकिस्तान को दी है और इस बैठक में इन पर चर्चा होने की उम्मीद है ! बैठक से पहले सक्सेना ने कहा, भारत समझौते तक अपने हिस्से के पानी का पूरा इस्तेमाल करने को प्रतिबद्ध है और किसी मुद्दे का चर्चा एवं आम सहमति से हल पर विश्वास करता है।
उल्लेखनियमस्ति सिंधु जल सहमत्यां द्वयो देशयो आयोगयो वर्षे न्यूनात्न्यूनम् एकदा गोष्ठिम् कृतस्य प्रावधानमस्ति ! इदम् गोष्ठिम् चक्रानुक्रमेण भारते पकिस्ताने च् भवति !
उल्लेखनीय है कि सिंधु जल समझौते में दोनों देशों के आयोगों की साल में कम से कम एक बार बैठक करने का प्रावधान है ! यह बैठक बारी-बारी से भारत और पाकिस्तान में होती है !
यद्यपि, पूर्व वर्षम् मार्च इत्ये नव इंद्रप्रस्थे भवक: गोष्ठिम् कोविड-१९ महामारिण: कारणेन स्थगितम अक्रियते स्म ! भारतं जुलाई २०२० तमे कोविड-१९ महामारिण: कारणम् सिंधु जल सहमत्या संलग्नम् प्रकरणेषु चर्चितुम् ऑनलाइन इति गोष्ठिम् कृतस्य प्रस्तावम् कृतम् स्म !
हालांकि, पिछले साल मार्च में नई दिल्ली में होने वाली बैठक कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित कर दी गई थी। भारत ने जुलाई 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सिंधु जल समझौते से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ऑनलाइन बैठक करने का प्रस्ताव किया था !
तु पकिस्तानम् गोष्ठिम् अटारी सीमा चौक्याम् कृते बलम् दत्तम् येन भारतं महामारिण: दृष्टिगत अस्वीकृतं स्म ! सिंधु जलायोगस्य पूर्व गोष्ठिम् वर्षम् २०१८ तमे लाहौरे अभवत् स्म !
लेकिन पाकिस्तान ने बैठक अटारी सीमा चौकी पर करने पर जोर दिया जिसे भारत ने महामारी के मद्देनजर अस्वीकार कर दिया था। सिंधु जल आयोग की पिछली बैठक वर्ष 2018 में लाहौर में हुई थी।
दृष्टयास्ति तत भारतस्य पकिस्तानस्य च् मध्य वर्षम् १९६० तमे अभवत् सिंधु जल सहमत्यां अनुरूपम् सतलुज ब्यास रावी च् नद्या: जलम् भारतं लब्धम् यद्यपि सिंधो:, झेलमस्य चिनाबस्य च् जलम् पकिस्तानम् लब्धम् !
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के तहत सतलुज ब्यास एवं रावी नदी का पानी भारत को मिला जबकि सिंधु, झेलम एवं चिनाब का पानी पाकिस्तान को मिला !