रक्तचौकस्य प्रेसएन्क्लेव इत्ये बिधूननम् त्रिवर्णं, स्वतंत्रभारतस्य इतिहासे प्रथमदा अभवत् इदृशं ! लाल चौक के प्रेस एन्‍क्‍लेव में लहराया तिरंगा, स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा !

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जम्मूकश्मीरे रक्तचौकस्य प्रेसएन्क्लेव इत्ये प्रथमदा त्रिवर्णम् विधूननम् ! स्वतंत्र भारतस्य इतिहासे इदृशं प्रथमदा अभवत्, यदा श्रीनगरस्य रक्तचौक स्थितं प्रेसएन्क्लेव इत्ये त्रिवर्णम् विधूननम् !

जम्‍मू कश्‍मीर में लाल चौक के प्रेस एन्‍क्‍लेव में पहली बार तिरंगा लहराया गया है ! स्‍वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब श्रीनगर के लाल चौक स्थित प्रेस एन्‍क्‍लेव में तिरंगा फहराया गया है !

केंद्रीय मंत्री जितेंद्रसिंह: ट्वीत कृतः यं प्रत्ये अभिज्ञानम् दत्त: ! सः स्व ट्वीतेन अस्य एकम् चित्रमपि प्रसृतः, यस्मिन् प्रेसएन्क्लेव इत्ये त्रिवर्णम् दृश्यते !

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है ! उन्‍होंने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी एक तस्‍वीर भी शेयर की है, जिसमें प्रेस एन्‍क्‍लेव पर तिरंगा नजर आ रहा है !

कश्मीरस्य रक्तचौके त्रिवर्णम् बिधूननम् सदैवात् चर्चायाः विषयम् भवितः ! आतंकस्य विरुद्धम् घाट्याम् भारतस्य दृढ़ धरणस्य कारणस्यापि इदम् बहु महत्वपूर्णम् भवितः !

कश्‍मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाना हमेशा से चर्चा का विषय रहा है ! आतंकवाद के खिलाफ घाटी में भारत की मजबूत पकड़ के लिहाज के भी यह बेहद अहम रहा है !

रक्तचौके त्रिवर्णम् विधुननस्य एकम् घटनाम् २६ जनवरी, १९९२ तममपि अभवत् स्म, यदा भाजपायाः वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशिण: नेतृत्वे गणतंत्र दिवसस्यावसरे तत्र ध्वजम् विधुननम् स्म !

लाल चौक पर तिरंगा फहराने का एक वाकया 26 जनवरी, 1992 को भी हुआ था, जब बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई में गणतंत्र दिवस के अवसर पर वहां झंडा फहराया गया था !

वर्षे १९९२ श्रीनगरस्य रक्तचौके ध्वजम् विधूनकाः भाजपा नेतृणाम् तं दले वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: अपि सम्मिलिताः आसन् !

साल 1992 में श्रीनगर के लाल चौक पर झंडा फहराने वाले बीजेपी नेताओं की उस टीम में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे !

भाजपा यस्मात् पूर्व दिसंबर १९९१ तमे कन्याकुमारी तः एकतायात्रामारम्भित: स्म, यत् बहु राज्यै: भवितमानः कश्मीरम् प्राप्तम् स्म !

बीजेपी ने इससे पहले दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से एकता यात्रा शुरू की थी, जो कई राज्यों से होते हुए कश्मीर पहुंची थी !

इदम् यात्राम् बहु राज्यै: भूत्वा विचरितम् स्म, यस्य उद्देश्यम् इदम् सन्देशम् प्रेषणम् स्म तत कश्मीरम् भिन्न न भवितुम् दाष्यते त्रिवर्णम् च् प्रत्येक स्थानम् यथोचितम् सम्मानम् लब्धम् !

यह यात्रा कई राज्‍यों से होकर गुजरी थी, जिसका मकसद यह संदेश देना था कि कश्‍मीर को अलग नहीं होने दिया जाएगा और तिरंगे को हर जगह उचित सम्‍मान मिले !

जम्मू कश्मीरम् विशेषस्थानम् दाता संविधानस्य अनुच्छेद ३७० इत्यस्य महत्वपूर्ण प्रावधानान् निरस्तस्य केंद्रसर्वकारस्य ५ अगस्त, २०१९ तमस्य निर्णयस्यानंतरम् अत्र त्रिवर्णम् विधूननस्य चर्चा: एकदा पुनः बलम् ग्रहित: स्म !

जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्‍छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्‍त करने के केंद्र सरकार के 5 अगस्‍त, 2019 के फैसले के बाद यहां तिरंगा लहराए जाने की चर्चाओं एक बार फिर जोर पकड़ा था !

लेहस्य सांसदः जामयांग सेरिंग नांग्याल: अगस्त २०२० तमे स्व एके ट्वीते कथितः स्म तत यत् रक्तचौक कदापि कुलस्य राजनीति जिहादी शक्तिनां वा प्रतीकमासीत्, अधुना राष्ट्रवादस्य किरीटम् निर्मीतम् !

लेह के सांसद जामयांग सेरिंग नांग्याल ने अगस्‍त 2020 में अपने एक ट्वीट में कहा था कि जो लाल चौक कभी खानदानी सियासत व जिहादी ताकतों का प्रतीक था, अब राष्ट्रवाद का ताज बन चुका है !

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