उत्तरप्रदेशे विधानसभा निर्वाचनम् अग्रिम वर्षे सन्ति,तु नेता एके द्वितीये निर्वाचनी प्रकारे घातम् कुर्वन्ति ! प्रांतस्य पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव: वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथम् बाह्य प्रदेशस्य बदित: तदा तस्य भाषाया गृहित्वा डीएनए इत्येव उल्लेखम् कृतः ! सः कृषकप्रकरणे योगी आदित्यनाथम् पूर्वी उत्तरप्रदेशस्य क्षत्या: स्मारयत: !
यूपी में विधानसभा चुनाव अगले साल हैं, लेकिन नेता एक दूसरे पर चुनावी अंदाज में हमला कर रहे हैं ! सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ को बाहरी प्रदेश का बताया तो उनकी भाषा से लेकर डीएनए तक जिक्र किया ! उन्होंने किसान मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ को पूर्वी यूपी की बदहाली की याद दिलाई !
अखिलेश यादवः कथ्यति तत सः (योगी आदित्यनाथ) येन प्रकारस्य भाषायाः प्रयोगम् कुर्वन्ति,सः मंचे असि सदने वा,एकः मुख्यमंत्री अस्य प्रकारम् बदितुम् न शक्नोति ! कथ्यति ततास्य डीएनए इत्ये विभाजनमस्ति ! यदि डीएनए इत्यस्य पूर्ण नाम बदतु तदा वयं ज्ञाष्यामि तत सः सीएम अस्ति ! तेन न्यूनात्न्यूनं अयम् स्पष्टनीयः तत डीएनए इति कास्ति !
अखिलेश यादव कहते हैं कि वह (योगी आदित्यनाथ) जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं,वह मंच पर हो या सदन में, एक मुख्यमंत्री इस तरह नहीं बोल सकता ! कहते हैं कि इनके डीएनए में विभाजन है ! अगर डीएनए का फुल फॉर्म बता दें तो हम जान जाएंगे कि वो सीएम हैं ! उन्हें कम से कम यह स्पष्ट करना चाहिए कि डीएनए क्या है !
समाजवादी दलस्य राष्ट्रीयाध्यक्ष: अखिलेश यादव: शनिवासरम् कथितः तत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: उत्तरप्रदेशस्य वासिन् नास्ति,सः द्वितीय प्रदेशात् आगतः तु पुनश्चापि अत्रस्य जनाः तेन स्वीकारतः !
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश के रहने वाले नही हैं, वह दूसरे प्रदेश से आये हैं लेकिन फिर भी यहां की जनता ने उन्हें स्वीकार किया है !
प्रदेशस्य जनान् तेन धन्यवादम् ज्ञापनीय: अखिलेश यादव: कथितः तत मुख्यमंत्री कथ्यति तत अन्नदातायाः प्रसन्नता मध्यगानि रोचकम् नागच्छति,अति वृहद कपटम् अति वृहद अनृतं च्,कश्चित सदने बदशक्नोति !
प्रदेश की जनता को उन्हें धन्यवाद देना चाहिये अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि अन्नदाता की खुशहाली दलालों को रास नहीं आ रही है,इतना बड़ा धोखा और इतना बड़ा झूठ,कोई सदन में बोल सकता है !
अहम् तेन ज्ञातुं इच्छामि तत तस्य सरकारः कति कृषकान् धान्यस्य न्यूनतम् समर्थनमूल्यम् प्रदापयत: ! सः कथितः तत किं तस्य सरकारः गोरक्षपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, संत कबीर नगर, बस्ती !
मैं उनसे जानना चाहता हूँ कि उनकी सरकार ने कितने किसानो को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलवा पायी है ! उन्होंने कहा कि क्या उनकी सरकार गोरखपुर,महाराजगंज, कुशीनगर,देवरिया,संतकबीर नगर,बस्ती !
गोंडा अयोध्या च् जनपदेषु कृषकान् किं धान्यस्य एमएसपी इति प्रदापयतः ! सम्पूर्ण उत्तरप्रदेशे केन केन कृषकान् कति एमएसपी इति दत्तम्,वयं ज्ञातुं इच्छामि तत धान्यस्य किं मूल्यम् दत्त: भवान् !
गोंडा और फैजाबाद जिलों में किसानों को क्या धान की एमएसपी दिला पायी है ! पूरे उप्र में किस किस किसान को कितना एमएसपी दिया गया है,हम जानना चाहते है कि धान की क्या कीमत दी है आपने !
ज्ञापयतु तत शुक्रवासरम् विधानसभायाम् सीएम योगी आदित्यनाथ: कथितः स्म, अन्नदाता कृषकान् कपट: दत्वा मध्यगम् कर्तानि जनाः अद्यावश्यास्य वार्ताम् गृहित्वा चिंतितं सन्ति तत पणम् सरलं तस्य (कृषका:) धनसंचयक्रमांकेषु किं गच्छति !
बता दें कि शुक्रवार को विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था,अन्नदाता किसान को धोखा देकर दलाली करने वाले लोग आज जरूर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पैसा सीधे उनके (किसानों) खातों में क्यों जा रहा है !
अद्य तदा विक्रयपत्रमपि कृषकाणां दूरभाषयन्त्रे प्राप्तैति ! घोषित: मध्यगस्य यत् माध्यमासीत् ततापि सम्पादित: ! मुख्यमंत्री शुक्रवासरम् सदनात् बहिर्गमन करोति सदस्यानां प्रति संकेत कृतमानः कथितः स्म इमे अस्ति वास्तविकता, इमे अस्ति सत्यता,इमे सत्यता अस्य वार्ताम् ज्ञापयति तत प्रतिपक्षस्य अस्माकं अन्नदाता कृषकै: कश्चित प्रयोजनम् नास्ति !
आज तो पर्ची भी किसानों के स्मार्ट फोन पर प्राप्त हो रही है ! घोषित दलाली का जो जरिया था वह भी समाप्त हो गया है ! मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सदन से बहिर्गमन कर रहे सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा था ये है वास्तविकता,ये है सच्चाई,ये सच्चाई इस बात को बताती है कि प्रतिपक्ष का हमारे अन्नदाता किसानों से कोई लेना देना नहीं है !