कर्णाटके काङ्ग्रेस्-पक्षस्य प्रचारयन्त्रं स्वसंरक्षणार्थं सामाजिकमाध्यमेषु सक्रियम् अस्ति। एतेषां सर्वान् मुस्लिम्-जनान् आरक्षणे स्थापयितुं कार्यं काङ्ग्रेस्-पक्षेन न कृतम्, अपितु देवेगौडा-सर्वकारेण कृतम्, यः राज्ये भाजपेन सह सर्वकारस्य निर्माणं कृतवान् इति कथ्यते।
कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन पर घिरी कांग्रेस पार्टी का प्रचार तंत्र उनके बचाव में सोशल मीडिया पर एक्टिव है ! कहा जा रहा है कि ये सारे मुस्लिमों को आरक्षण में रखने का काम कांग्रेस ने नहीं किया है बल्कि ये तो देवगौड़ा की सरकार ने किया है, जिन्होंने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी !
समग्रतया, काङ्ग्रेस्-पक्षः किमपि तुष्टिकरणं न करोति इति दर्शयितुं अयं सम्पूर्णः विषयः प्रयुज्यते, परन्तु वस्तुतः काङ्ग्रेस्-पक्षस्य कार्याणि लुक्कर्तुं देवेगौडा-सर्वकारस्य नाम अग्रे आनीयते इदम् चारक्षण यथा कांग्रेस मुस्लिमा: ददाति तथैव पूर्वम् कांग्रेसमेव अददात् स्म !
कुल मिलाकर इस पूरे मसले को ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही कि इसमें कांग्रेस कोई तुष्टिकरण नहीं कर रही, जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस की करनी छिपाने के लिए देवगौड़ा सरकार का नाम आगे लाया जा रहा है और ये रिजर्वेशन जैसे आज कांग्रेस मुस्लिमों को दे रही है वैसे ही पहले कांग्रेस ने ही दिया था !
एषः १९९४ तमात् वर्षात् आरभ्यते यदा वीरप्पा मोइली इत्यस्य सर्वकारः आदेशस्य अनन्तरम् अन्य-पश्चादवर्गीयां सूच्यां स्थापयित्वा सर्वेभ्यः मुस्लिम्-जनेभ्यः आरक्षणं दत्तवान्। रेड्डी-आयोगस्य अनुशंसया अयं निर्णयः कृतः। एतेषु 6 प्रतिशतं 2बि-प्रवर्गस्य जनानां कृते आरक्षितम् आसीत्, ये ‘अधिक-पश्चादवर्गे’ इति उक्ताः आसन् !
बात 1994 की है जब वीरप्पा मोईली की सरकार ने एक आदेश के बाद सारे मुस्लिमों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में डालकर आरक्षण दिया था ! ये फैसला उन्होंने रेड्डी कमीशन की दी गई सिफारिश पर लिया था ! इसमें 6 फीसद आरक्षण कैटेगरी 2बी के लोगों के लिए था जिन्हें ‘अधिक पिछड़ा’ कहा गया था !
अस्मिन् ६% मध्ये अपि, ४% आरक्षणं मुस्लिम्-जनेभ्यः, २% बौद्ध अनुसूचित जाति जनेभ्यः च दत्तम्, ये क्रैस्तमतं स्वीकृतवन्तः! १९९४ अक्टोबर् मासस्य २४ दिनाङ्कात् परं अयं आदेशः प्रवृत्तः भवितुम् अर्हति स्म। परन्तु कर्नाटकसर्वकारेण निर्णयस्य सर्वोच्चन्यायालये विरोधः कृतः।
इस 6% में भी 4% रिजर्वेशन मुस्लिमों को दिया गया था और 2% बौद्ध और अनुसूचित जाति के लोगों को, जो ईसाई धर्म में कन्वर्ट हो गए थे ! इस आदेश को 24 अक्टूबर 1994 के बाद लागू होना था ! हालाँकि इस बीच इस आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी गई और कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर रोक लग गई !
ततः १९९५ तमे वर्षे देवेगौडा-वर्यस्य सर्वकारः आगत्य मुस्लिम्-जनानाम् ओ. बी. सी. कोटा पुनः आगतः, यत् पश्चात् भारतीय जनता पक्षस्य बोम्मै-सर्वकारस्य आगमनात्, मुस्लिम् जनानाम् आरक्षणं ४% वोक्कालिगा तथा २-२% लिङ्गायत् इति विभक्तम् अभवत् !
इसके बाद साल 1995 में देवगौड़ा की सरकार आई और मुस्लिमों के लिए ओबीसी कोटा दोबारा से आया जिसे बाद में भारतीय जनता पार्टी की बोम्मई सरकार के आने के बाद हटाया गया और मुस्लिमों को दिए जाने वाला आरक्षण 4 फीसद वोक्कालिगा और लिंगायत में 2-2% बँट गया !
कर्णाटके सर्वकारस्य विरुद्धं व्यापकरूपेण विरोधः अभवत्। अयं विषयः एतावत् वर्धितः यत् यदा निर्वाचनं समीपम् आगतम् तदा काङ्ग्रेस्-पक्षः सत्तां प्राप्तुं अस्य विषयस्य लाभं प्राप्नोत्! राज्यकाङ्ग्रेस्-पक्षस्य अध्यक्षः डी. के. शिवकुमारः प्रतिज्ञातवान् यत् यदि तस्य सर्वकारः सत्तां प्राप्नुयात् तर्हि मुस्लिम्-जनेभ्यः ४ प्रतिशतं आरक्षणं प्रत्यर्पयिष्यति इति।
कर्नाटक की बोम्मई सरकार का पूरे राज्य में खूब विरोध हुआ ! ये बात इतनी बढ़ी कि जब चुनाव नजदीक आए तो कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए इस मुद्दे को भुनाया ! राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार आई तो वो मुस्लिमों का 4 फीसद आरक्षण उन्हें लौटा देंगे !
न केवलं एतावत्, काङ्ग्रेस्-नेता भाजपा-पक्षस्य निर्णयम् असंवैधानिकम् अपि उक्तवान्, तथा च उक्तवान् यत् आरक्षणं सम्पत्तिरूपेण वितरीतुं न शक्यते, मुस्लिम् जनानां अधिकारः अस्ति! २०२३ तमे वर्षे काङ्ग्रेस्-पक्षः अपि स्वस्य घोषणापत्रे एतत् आरक्षणं दातुं उक्तवान् आसीत् !
इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता ने भाजपा के फैसले को असंवैधानिक तक कहा था और कहा था कि आरक्षण संपत्ति की तरह नहीं बाँट सकते, इस पर मुस्लिमों का अधिकार है ! साल 2023 में कांग्रेस ने इस आरक्षण को देने की बात अपने मेनिफेस्टो में भी कही थी !
तदनन्तरं काङ्ग्रेस्-पक्षः निर्वाचने विजयं प्राप्नोत्, सत्तां प्राप्य एकवर्षं यावत् अपि न, मुस्लिम्-जनान् प्रति स्वस्य प्रतिज्ञां पूरयितुं ओ. बी. सी. प्रवर्गस्य सर्वेभ्यः मुस्लिम्-जनान् आरक्षणं प्रदातुं कार्यम् आरब्धवान्! यदा अनुन्नतवर्ग-आयोगं प्रति सूचीं प्रेषितम्, तदा अयं विषयः उद्भूतः, तथा जनाः काङ्ग्रेस् पक्षस्य कार्यस्य विषये ज्ञातवन्तः !
इसके बाद चुनावों में कांग्रेस की जीत हुई और सत्ता में आने के एक साल भी पूरे नहीं हुए कि इन्होंने मुस्लिमों से किए अपने वादे को पूरा करने के लिए सारे मुस्लिमों को ओबीसी कैटेगरी में आरक्षण दिलाने का काम शुरू कर दिया ! लिस्ट जब पिछड़े वर्ग आयोग के पास भेजी गई तो ये मामला उठा और लोगों को कांग्रेस की हरकत का पता चला !
अधुना आयोगः अस्मिन् विषये सर्वकारेण प्रदत्तैः वादैः सन्तुष्टः नास्ति, अतः आगामिदिने अस्मिन् विषये मुख्यसचिवं समनं करिष्यति! प्रधानमन्त्री नरेन्द्रमोदी सद्यः एव उक्तवान् यत् काङ्ग्रेस्-पक्षस्य नेता मन्मोहन् सिङ्घ् वर्यः यदा प्रधानमन्त्री आसीत् तदा उक्तवान् यत् देशस्य सम्पत्तौ मुस्लिम्-जनानां प्रथमः अधिकारः अस्ति इति।
अब आयोग इस मामले में सरकार के दिए तर्कों से संतुष्ट नहीं है इसलिए आने वाले समय में इस संबंध में मुख्य सचिव को तलब करेंगे ! बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले बताया था कि कैसे यूपीए सरकार के समय कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद पर होते हुए कहते थे कि इस देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुस्लिमों है !
प्रधानमन्त्री-वर्यस्य वक्तव्यस्य अनन्तरम् एव, कर्णाटकस्य काङ्ग्रेस्-पक्षः सर्वान् मुस्लिम्-जनान् ओ. बी. सी.-सूच्यां स्थापयित्वा आरक्षणं दातुं निश्चितवान् इति विषयः उद्घाटितः अभवत्। तदनन्तरं सर्वत्र काङ्ग्रेस्-पक्षस्य विषये प्रश्नाः उद्भूयन्ते स्म, ते देवेगौडा सर्वकारस्य दोषारोपणं कृत्वा दर्शयितुम् इच्छन्ति स्म यत् ते एतत् आरक्षणं न आरभत तथा च भाजपा-पक्षः तेषां मानहानिं कर्तुम् इच्छति इति, सत्यं तु काङ्ग्रेस्-पक्षः एव मुस्लिम्-जनान् एतत् आरक्षणं दत्तवान् इति।
पीएम के इस बयान के कुछ ही समय बाद ये मामला खुल गया था कि कर्नाटक में कांग्रेस ने सारे मुस्लिमों को ओबीसी लिस्ट में रखकर आरक्षण देने का निर्णय लिया है ! इसके बाद हर जगह कांग्रेस पर सवाल उठने लगे थे और उन्होंने देवगौड़ा सरकार पर ठीकरा फोड़कर ये दिखाना चाहा था कि उन्होंने इस आरक्षण की शुरू नहीं की और भाजपा उन्हें बदनाम करना चाहती है जबकि सच यही है कि कांग्रेस ने ही इस आरक्षण को मुस्लिमों को दिया था !