यः मानवः श्रीमद्भागवद्गीतायाः प्रथम उर्दू अनुवादम् कृतवान, तः आसीत् मोहम्मद मेहरुल्लाह: ! अनंतरे तं सनातन धर्म इति स्वीकृतवान ! प्रथम जनः यः श्रीमद्भागवद्गीतायाः अरबी अनुवाद कृतवान, तः एकः फिलिस्तीनी आसीत् अल-फतेह कमांडो इति नाम्न: !
जिस आदमी ने श्रीमद्भगवद्गीता का पहला उर्दू अनुवाद किया, वो था मोहम्मद मेहरुल्लाह ! बाद में उसने सनातन धर्म अपना लिया ! पहला व्यक्ति जिसने श्रीमद्भगवद्गीता का अरबी अनुवाद किया, वो एक फिलिस्तीनी था अल-फतेह कमांडो नाम का !
यः अनंतरे जर्मन्यां इस्कॉन (श्री कृष्ण मंदिर) जॉइन कृतवान सम्प्रति च् सनातन धर्मस्य अंशमस्ति ! प्रथम जनः यः इंग्लिश अनुवाद कृतवान, तस्य नाम चार्ल्स विलिक्नोस: आसीत्, एषः अपि अनंतरे सनातन धर्म स्वीकृतवान, तस्य तर्हि इदमेव कथनम् आसीत् तत विश्वे केवलं सनातन धर्ममवशेक्ष्यति !
जिसने बाद में जर्मनी में इस्कॉन (श्री कृष्ण मंदिर) जॉइन किया और अब सनातन धर्म का हिस्सा है ! पहला व्यक्ति जिसने इंग्लिश अनुवाद किया, उसका नाम चार्ल्स विलिक्नोस था, इसने भी बाद में सनातन धर्म अपना लिया, उसका तो ये तक कहना था कि दुनिया में केवल सनातन धर्म बचेगा !
हिब्रू इत्यां अनुवादकर्ता जनः बेजाशितन ले फनह: नाम्न: इस्रायली आसीत्, यः अनंतरे हिंदुत्व स्वीकृत: स्म भारतं आगत्वा ! प्रथम जनः यः रूसी भाषायां अनुवाद कृतवान, तस्य नाम आसीत् नोविकोव:, यः अनंतरे भगवतः कृष्णस्य भक्त: अभवत् स्म !
हिब्रू में अनुवाद करने वाला व्यक्ति Bezashition le fanah नाम का इस्रायली था, जिसने बाद में हिंदुत्व अपना लिया था भारत आकर ! पहला व्यक्ति जिसने रूसी भाषा में अनुवाद किया, उसका नाम था, नोविकोव जो बाद में भगवान कृष्ण का भक्त बन गया था !
अद्यैव २८३ विद्वाना: पृथक-पृथक भाषासु श्रीमद्भगवद्गीतायाः अनुवाद कृतवन्ता:, येषुतः ५८ बंगाली, बांग्लादेशम् बङ्गम् च् द्वयाभ्यां स्थानाभ्यां, ४४ आंग्ल, १२ जर्मन, ४ रूसी, ४ फ्रेंच, १३ स्पेनिश, ५ अरबी, ३ उर्दू अन्य च् बहवः भाषा: आसन् !
आज तक 283 बुद्धिमानों ने अलग-अलग भाषाओं में श्रीमद्भगवद्गीता का अनुवाद किया है, जिनमें से 58 बंगाली, बांग्लादेश और बंगाल दोनों जगह से, 44 अंग्रेजी, 12 जर्मन, 4 रूसी, 4 फ्रेंच, 13 स्पेनिश, 5 अरबी, 3 उर्दू और अन्य कई भाषाएं थीं !
येषु भगवतः श्रीकृष्णस्य शब्दान् पृथक-पृथक भाषायां पृथक-पृथक देशानि स्वीकृतानि, कारणं तस्य निष्पक्षता व्यवहारिकता कालस्य च् बंधने न भूत्वा प्रतिकालखंडाय प्रतिक्षेत्राय चनुकूलता !
जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के शब्दों को अलग-अलग भाषा में अलग अलग देशों ने स्वीकारा, कारण उसकी निष्पक्षता व्यवहारिकता और समय के बंधन में न होकर हर कालखंड और हर क्षेत्र के लिए अनुकूलता !
शेष कश्चित जनः याः अनुवादकाः रमेत् अन्य धर्मस्य धार्मिक मान्यतानां पुस्तकानां च् यान् स्वपंथ परिवर्तितमसि यस्य कश्चितोद्धरणं कुत्रैव दर्शनम् न लब्धेत् ! इदमस्ति सनातन धर्म यस्य च् धार्मिक ग्रन्थानां शक्तिम् ! यानि सत्यानि भवान् अनुभवितुं शक्नोति !
बाकी किसी व्यक्ति ने जो अनुवादक रहा हो अन्य धर्म के धार्मिक मान्यताओं और पुस्तकों का उसने अपना पंथ बदला हो इसका कोई उदाहरण कहीं पर देखने को नहीं मिलता ! ये है सनातन धर्म और इसके धार्मिक ग्रंथों की ताकत ! इन सत्य को आप परख सकते हैं !
धर्मम् पाठका: अवगम्यितुं शक्नोन्ति इति विषयम्, डीजे इत्यां, ये गणेश की अम्मा भोला आई लव यू च्, हनुमान जी लयिकै कूद पड़े गोल गप्पा यथैव गीतान् इव धर्मावगम्यकाः मुर्खा:, न अवगम्यितुं शक्नोन्ति इदम् वार्ता: !
धर्म को पढ़ने वाले समझ सकते हैं इस विषय को, डीजे पर, ये गणेश की अम्मा और भोला i love you, हनुमान जी लयिकै कूद पड़े गोल गप्पा टाइप के गाने को ही धर्म समझने वाले गटर छाप, नहीं समझ सकते हैं यह बातें !
त्वम् नृत्य: स्व मातरम्, भगिनीम्, पुत्रीम्, बधूम् गृहीत्वा तैव त्वत् धर्ममस्ति ! मम तर्हि वेद, उपनिषद, नीति शास्त्र, पुराण इत्यादयः मर्ममस्ति !
तुम नाचो अपनी मां, बहन, बेटी, बहु को लेकर वही तुम्हारा धर्म है ! मेरा तो वेद, उपनिषद, नीति शास्त्र, पुराण आदि के मर्म है !