स्पष्ट है कि इस तरह के तथाकथित प्रेम-प्रसंग, विशुद्ध प्रेम की भावना से प्रेरित नहीं होते। इसमें संभवत: मजहबी कारण भी है। ऐसे मामलों में 'प्रेम' गौण और इस्लाम के प्रति जिहादी दायित्व की पूर्ति का भाव कहीं अधिक होता है। इसमें 'प्रेम' केवल माध्यम, तो उसकी मंजिल 'जिहाद' और उसके द्वारा प्राप्त होने वाला 'सवाब' है।
उत्तर प्रदेशस्य २ पृथक-पृथक जनपदयो तः लव जिहादस्य २ नव प्रकरणम् संमुखमागतवंतौ ! प्रयागराजे यत्र हिंदू महिला स्व मुस्लिम फेसबुक मित्रे मित्रै: सह सामूहिक...