कर्नाटकस्य रायचूर जनपदस्य कृष्णा नद्या: भगवतः विष्णो: मूर्ति शिवलिंगम् चलभताम् ! भगवतः विष्णो: मुर्त्याम् तस्य दशावतार चित्राणि उधृतवत् ! यस्याभा वर्तमानैवायोध्यायां स्थापितं रामललायाः प्रतिमा यथैव ज्ञाप्यते !
कर्नाटक के रायचूर जिले में कृष्णा नदी से भगवान विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग मिला है ! भगवान विष्णु की मूर्ति पर उनके दशावतार उकेरे हुए हैं ! इसकी आभा हाल ही में अयोध्या में स्थापित की गई रामलला की प्रतिमा जैसी बताई जा रही है !
कथ्यते तत इस्लामी आक्रांताभिः रक्षणार्थं मूर्ति नद्या: अभ्यांतरे क्षिपतुं भविष्यति ! अभिज्ञानस्य अनुसारम्, कर्नाटकस्य रायचूर जनपदस्य शक्तिनगरस्य पार्श्व कृष्णा नद्याम् सेतु रचति ! अत्र सेतु निर्माणस्य काळम् भगवतः विष्णो: मूर्ति शिवलिंगम् च् नद्या: अभ्यांतरतः अलभताम् !
कहा जा रहा है कि इस्लामी आक्रांताओं से बचाने के लिए मूर्ति नदी की तलहटी में डाल दी गई होगी ! जानकारी के अनुसार, कर्नाटक के रायचूर जिले के शक्ति नगर के पास कृष्णा नदी पर पुल बन रहा है ! यहाँ पुल बनाने के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग नदी की तलहटी से मिली !
नद्या: अभ्यांतरतः निसृत: विष्णु प्रतिमायाः तुल्यता रामललायाः प्रतिमातः क्रियते, यस्य वर्तमानैव अयोध्यायाः राममंदिरे प्राण-प्रतिष्ठा अकरोत् ! रामललायाः प्रतिमाम् परितः दशावतारोधृतवत् तेन प्रतिमायास्य मुर्त्याः प्रतिरूपम् सममस्ति !
नदी की तलहटी से निकली विष्णु प्रतिमा की तुलना रामलला की प्रतिमा से की जा रही है, जिसकी हाल ही में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की गई है ! रामलला की प्रतिमा के भी चारों तरफ दशावतार उकेरे गए हैं और उस प्रतिमा से इस मूर्ति का हावभाव मिलता-जुलता है !
द्वयो प्रतिमायो देवौ मध्ये शोभितौ स्त: प्रसन्न मुद्रायां च् ! अस्य प्रतिमायाः विषये मीडियाम् इतिहासकार पद्मजा देसाई अज्ञापत् तत इदम् एकादशानि शताब्द्या: अस्ति ! इदम् कल्याण चालुक्य राजवंशस्य शासनस्य काळमरचताम् स्म !
दोनों प्रतिमाओं में देवता बीच में शोभित हैं और प्रसन्न मुद्रा में हैं ! इस प्रतिमा के विषय में मीडिया को इतिहासकार पद्मजा देसाई ने बताया है कि यह 11वीं शताब्दी की है ! यह कल्याण चालुक्य राजवंश के शासन के दौरान निर्मित की गई थी !
देसाई अज्ञापत् तत यं परितः विष्णो: दशावतार अंकिता: सन्ति ! प्रतिमायां विष्णो: चत्वारि भुजा: सन्ति, यस्मिन् उपर्या: द्वे हस्ते शंखम् चक्रम् च् यद्यपि अधो हस्ते वर: दत्तस्य मुद्रायां सन्ति ! स अज्ञापत् तत मूर्ति वेंकटेश्वरतः समम् अस्ति, तु यस्मिन् केचन भिन्नता: अपि सन्ति !
देसाई ने बताया है कि इसके चारों तरफ विष्णु के दशावतार अंकित हैं ! प्रतिमा में विष्णु की चार भुजाएँ हैं, इसमें ऊपर के दो हाथों में शंख और चक्र जबकि नीचे के हाथ वरदान देने की मुद्रा में हैं ! उन्होंने बताया है कि मूर्ति वेंकटेश्वर से मिलती-जुलती है, लेकिन इसमें कुछ भिन्नताएँ भी हैं !
देसाई अकथयत् तत कदापीदम् कस्मिचिद् गर्भगृहे प्रतिष्ठितुं भविष्यति ! स अकथयत् तत संभवतः एतानि मूर्ती: आक्रांतानां घाततः सुरक्षितुं नद्या: अभ्यांतरे क्षिपतुं भविष्यति !
देसाई ने कहा है कि कभी यह मूर्ति किसी गर्भगृह में प्रतिष्ठित रही होगी ! उन्होंने कहा है कि संभवतः इन मूर्तियों को आक्रान्ताओं के हमले से सुरक्षित करने के लिए नदी की तलहटी में डाल दिया गया होगा !
अज्ञापत् तत एतानि प्रतिमा: इस्लामी बहमनी नृपै: आदिलशाही नृपै: रक्षणार्थं नद्या: अभ्यांतरे गोपितुं भविष्यति ! मूर्तिम् शिवलिंगम् च् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षणमददात् !
बताया गया है कि इन प्रतिमाओं को इस्लामी बहमनी सुल्तानों और आदिलशाही सुल्तानों से बचाने के लिए नदी की तलहटी में छुपाया गया होगा ! मूर्ति और शिवलिंग को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सौंप दिया गया है !
दृष्टिगतमस्ति तत अयोध्यायां स्थापितं रामललायाः प्रतिमाम् मूर्तिकार: अरुण योगिराज: कर्नाटकतः आनीतं श्यामल शिलाया अरचत् ! इदम् प्रभो: श्रीरामस्य पंच वर्षीय बालरूपम् प्रदर्शयति !
गौरतलब है कि अयोध्या में स्थापित की गई रामलला की प्रतिमा को मूर्तिकार अरुण योगिराज ने कर्नाटक से लाई गई श्यामल शिला से बनाया है ! यह प्रभु श्रीराम के पाँच वर्षीय बालरूप को दर्शाती है !
साभार:-ऑपइंडिया